थक नहीं सकती मैं,
नियति ने मेरी किस्मत में, थकना नहीं लिखा।
थक गई मैं, तो सब ठहर जाएगा,
सब बिखर जायेगा।
मुझे निरंतर चलते रहना है,
घड़ी के कांटो की तरह।
20 अगस्त 2024
थक नहीं सकती मैं,
नियति ने मेरी किस्मत में, थकना नहीं लिखा।
थक गई मैं, तो सब ठहर जाएगा,
सब बिखर जायेगा।
मुझे निरंतर चलते रहना है,
घड़ी के कांटो की तरह।
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मुझे कविता और कहानी लिखना और पढ़ना बहुत पसंद है। मन में कुछ भावनाएं और विचार आते है, उन्हें लिख लेती हूं । उम्मीद करती हूं मेरा लिखा हुआ आप लोगो को पसंद आए। यदि अच्छा लगे तो कमेंट करके मेरा प्रोत्साहन बढ़ाइएगा।D