उसके छोटे से हाथों ने,
जब छुआ मुझे।
ममता से भर गया,
मेरा आंचल।
बचपन की गहराइयों में,
खो गया ये मेरा मन।
उसकी तिरछी सी मुस्कान से,
खिल गया मेरा तन मन।
सुकून की राहत मिली,
मेरे इस बेचैन दिल को।
मेरी परछाई बन कर,
चले वो मेरे साथ।
वो मेरी बेटी,
बन कर आई मेरी सौगात।
लुटा दू उस पर,
अपना सारा प्यार।