उड़ते उड़ते मस्त गगन में,
जा बैठी एक बगिया में।
पूछे मुझसे मैना प्यारी,
क्या है तेरे आंचल में।
मैने बोला हसके उसको,
प्यार भरा है, आंचल में।
तुम भी चाहे जितना ले लो,
ले को झोली भर भर के।
26 अगस्त 2024
उड़ते उड़ते मस्त गगन में,
जा बैठी एक बगिया में।
पूछे मुझसे मैना प्यारी,
क्या है तेरे आंचल में।
मैने बोला हसके उसको,
प्यार भरा है, आंचल में।
तुम भी चाहे जितना ले लो,
ले को झोली भर भर के।
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मुझे कविता और कहानी लिखना और पढ़ना बहुत पसंद है। मन में कुछ भावनाएं और विचार आते है, उन्हें लिख लेती हूं । उम्मीद करती हूं मेरा लिखा हुआ आप लोगो को पसंद आए। यदि अच्छा लगे तो कमेंट करके मेरा प्रोत्साहन बढ़ाइएगा।D
बहुत उम्दा पंक्तियां लिखीं आपने बहन 😊🙏
1 सितम्बर 2024