चांद आया मेरे अंगना,
फैला के बांहे ये बोला,
उदास हो क्यो, चुप हो क्यों,
चांदनी रात मे गुमसुम हो क्यों,
तारों की तरह टिमटिमाते क्यों नहीं,
हर पल मुस्कुराते क्यों नहीं,
ख्वाबों की रोशनी प्यारी हैं,
ये दुनिया सारी तुम्हारी है,
रात में भूल जाओ सारे गमों को,
उन पुराने बुरे लम्हों को,
हवा के साथ नाचों आज ऐसे,
कि खुशी नाच रही हो जैसे,
प्यार करो सबसे ऐसे ,
कि कोई भी तुम्हारा दुश्मन ना रहे।