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झारखंड  यह राज्य खनिज के मामले में अव्वल स्थान रखता है देश में।  तो लोग बहुत खुश होंगे यहाँ के।  क्या सच में? नही।  जानेंगे कैसे। 

रामकिशन जी सपना के जीवन में चल रही उथल-पुथल की वजह खुद को मान रहे थे।किसी जमाने में राम किशन जी के खुद के घर में किराएदार रहा करते थे और आज उनकी खुद की बेटी किरायदार बन दर-दर भटक रही थी। उधर सपना

अब राजेश को जीवन यापन करने के लिए छोटा छोटा मोटा सा काम करना पड़ा।व्यापार ठप हो जाने की वजह से सपना और राजेश किराए के मकान में रहने लगे। 2 साल बीत जाने के बाद भी राजेश के व्यापार में जरा भी सुधार नहीं

आज उसके पापा की तेरहवीं है।वो अपने अपने पापा से बहुत प्यार करती थी ।उसके पापा भी उस पर अपनी जान छिड़कते थे। उसके पापा मानो उसके पापा नहीं उसके दोस्त थे । सपना एक सीधी-सादी मरी क्लास फैमिली की लड़की। उ

Crypto Currency kya Hai? Crypto currency se paise kaise kamaye      प्रस्तावना       इस तेजीसे आगे बढते digital world में currency ने भी digital रुप ले लिया हैं! इसी

रास्ता मै भटक गई थी, गरीब बस्ती मे अटक गई थी। मुलाकात हुई गरीबी से, फटे-हाल नसीबी से । नजर घुमायी चारो ओर, गरीबी मचा रही थी शोर। छोटे-छोटे बच्चे, मैले कुचैले मुखडे। हाथ मे थे उनके सुखी रोटी के टुकडे।

पैसा सब कुछ नहीं, पर बहुत कुछ है। जिसके पास है पैसा, वही खुश है। जाकर देखो किसी, गरीब की टपरियाॅ में। अनगिनत छेद मिलेंगे उसकी, टूटी-फूटी खपरिया में। ना गर्मी में पंखा है, ना सर्दी में कंबल है। 

            मुस्कान उदास बैठी थी। विचारों के भंवर में गुम थी। विचार उसके दिमाग में घड़ी की सुई की तरह घूम रहे थे -टिक- टिक- टिक "क्या सोच कर मम्मी पापा ने

मुंबई शहर के बीचोबीच सड़क पर एक बस यात्रियों से खचा खच भारी हुई दादर शिवाजी पार्क से  बांद्रा की  ओर मुड़ी अगला बस स्टॉप माटुंगा का था ,कंडक्टर टिकट कटने में लगा हुआ था ,इस भरे भिड़ में कंडक

दर्द-ए-इश्क, दर्द-ए-जुदाई,अब सुनो दर्द-ए-महंगाई।किसे सुनाएं यह फरियाद,पड़ी है महंगाई की मार।गरीब बेचारा रो रहा है,भूखा ही वह सो रहा है।दाल, चावल, सब्जियों के बढ़े हैं दाम,क्या खाए जनता आम।खाली हो गए क

रमेश अपने चार भाईयों में सबसे छोटा था। बाकी तीन भाई अपनी अपनी गृहस्थी के साथ गांव में ही खेती बाड़ी का काम करते थे। रमेश सबसे छोटा होने के कारण माता-पिता व भाईयों के लाडला था। उसे गांव की स्कूल में आठ

                                        आठ साल की मीनू पूरे घर में उछल रही थी। आज वह बहुत

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गहरी नींद में डूबकर भविष्य के सुनहरे सपने तो हर कोई देख सकता है, लेकिन जो जागती आंखों में सपना पाल के उसे साकार कर दुनिया को दिखा देता है, ऐसा लाखों में कोई एक मिलता है। ऐसे ही लाखों में एक छैनी-

बात आज से लगभग २५ वर्ष पहले की है। हमारे गाँव के एक परिचित व्यक्ति अपनी भांजी सपना को १२वीँ पास होने के बाद उनके घर की तंग आर्थिक स्थिति को देखते हुए अपने साथ दिल्ली ले आये। उन्होंने पहले उसे दिल्ली म

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कड़ाकी की सर्दी का मौसम था। घनी पहाड़ियों के बीच बसी सपेरों की बस्ती में एक कच्चे मकान में बाबा दीनानाथ अपने बेटे-बहू और इकलौते पोता और उसके एक छोटे से कुत्ते के पिल्ले के साथ दुबका पड़ा था। पिछले

-बेरोज़गारी के हाथकविताआदि अंत हो या अनन्त होमिटी कहां है क्षुधा किसी कीसायद  इसी  लिए  ही ईश्वरकर खाने के लिए हाथ दीइन हाथों से मेहनत करनासीखा मैंने इस आशा सेसपनो को साकार करुंगारोजगार

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गाँव से १०वीं पास करने के बाद गर्मियों की छुट्टियों में जब महेश का मामा उसे पहली बार दिल्ली घुमाने के लिए अपने साथ लाया तो, उसे वहाँ अच्छा खाना-पीना और लत्ते-कपड़े पहनने को मिले। उसके मामा ने उसे द

प्रेम.... प्रेम प्रसाद...........प्रेम प्रसाद शुक्ला. जी हाँ ......मेरा नाम प्रेम प्रसाद शुक्ला है . मै एक साधारण कृषक पृष्ठभूमि ताल्लुकात रखता हूँ . ये बात उन दिनों की है जब सन 1999 में मै पांचवीं क

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एक गाँव से दूसरे गाँव की ख़ाक छानते-छानते दीनू मदारी और उसका बेटा नानू थक जाता था। वे हर दिन अपनी छप्पर के झोपड़ी से दो जून की रोटी की खातिर निकल पड़ते और देर शाम लौटते। झोपड़ी में नानू की एक छोटी बहि

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डिजिटल रुपया : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट भाषण में डिजिटल करेंसी को लेकर बड़ा ऐलान किया है. वित्त मंत्री के अनुसार, डिजिटल रुपया भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किय

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