लीलगयागाँवको
चिमनीकाधुआँ।
सूखकरजलनदीका
बनगयाभाप,
वायुभीदूषितहो
बढ़ारहीताप।
लोगोंनेपाटदिया
रहा–सहाकुआँ।
बनगएफर्नीचर
जंगलकेपेड़,
चारागाहनष्टहुए
भटकरहीभेड़।
खोगईसियारोंकी
अबहुआँहुआँ
हरियालेखेतमें
उगगएमकान,
उजड़ीहैअमराई
पनघटसुनसान।
कामकाजछोड़सब
खेलरहेजुआँ।
गाँवोंकोलगगया
शहरोंकारोग,
अनजानेहोगए
अपनेहीलोग।
भरगयास्वार्थसे
तनकाहररुआँ।
लीलगयागाँवको
चिमनीकाधुआँ।