चढ़ती चाँदनी की किरणों से सजे,
छठ पूजा की रात रौंगतें छाईं।
खुशी की मिठास, गाओं में बसी,
प्रेम और भक्ति की भावना में लिपटी हैं।
गंगा की लहरों में खो जाओ,
चटपटी भंगा धूप में नहाओ।
संगीत की धुनों में रंग भरो,
च्हट पूजा की मिठास से भरो।
चहकते बच्चे, रंग-बिरंगे वस्त्र,
भक्ति भाव से भरी भरकर बातें।
सूरज की किरणों से जगमगाए,
चढ़ेगा चढ़ाएंगे चटपटा मौसम ये।
चटपटी भंगा की रात में,
भक्ति और प्रेम की भावना में रंगें,
चढ़ता चाँद, बजता है ढोलक,
चटपटा मौसम, चटपटा हर पल है।