डॉक्टर्स डे
एक सुनहरा सवेरा था, जब धरती ने अपने आँचल में धूप की किरणों को समेट लिया था। आज एक खास दिन था, देशभर में डॉक्टर्स डे मनाया जा रहा था। यह दिन उन महान व्यक्तियों का सम्मान करने का था, जो मरीजों की सेवा करके उन्हें स्वस्थ्य बनाने का काम करते हैं।
एक छोटे से गांव में रहने वाला एक लड़का था नाम राहुल। वह बहुत सपने देखता था, एक डॉक्टर बनने का सपना था उसका। उसकी माँ का सपना भी वही था कि राहुल डॉक्टर बने और अपने गांव की सेवा करें। वह जानती थी कि राहुल में वह दम है, जो उसे डॉक्टर बनाने में सफलता दिला सकता है।
राहुल ने बचपन से ही इस लक्ष्य की ओर प्रगति की और अपनी पढ़ाई को ध्यान से किया। वह उच्चतर माध्यमिक परीक्षा में शानदार अंक प्राप्त करके उन्हीं सपनों की उचाईयों को छू रहा था।
एक दिन वह अपनी पढ़ाई कर रहा था, तभी उसे अपने गांव के मुख्यालय से आवाज सुनाई दी, "राहुल, तुम्ह
ारी माँ बीमार है। उसे तुरंत अस्पताल ले जाओ।" राहुल की दिल में आग लग गई, वह जानता था कि इस समय वह अस्पताल के लिए जरूरी पैसे इकट्ठा करने के लिए तैयार नहीं था।
राहुल के मन में एक विचार उठा, वह सबसे करीबी डॉक्टर डायरेक्टर के पास चला गया और अपनी समस्या बताई। डायरेक्टर ने राहुल की आस्था देखी और उसे सहायता करने का निर्णय लिया। वह अपने विशेषज्ञ डॉक्टरों को बुलवाकर उन्हें राहुल की माँ का इलाज करने के लिए कहा।
एक जादुई रात थी, जब राहुल को अस्पताल से वापसी के लिए बुलाया गया। जब उसने अपनी माँ को देखा, तो उसकी आंखों में खुशी की आंसू थे। उसकी माँ अब ठीक थी, स्वस्थ थी, और उसकी ओर हंसी मुस्कान बिखेर रही थी।
राहुल ने अपनी माँ के आंचल में सिमटते हुए अपने आंचल में उसकी सभी मेहनत और विजयों को देखा। वह जान गया कि डॉक्टर बनकर उसने अपना उद्देश्य पूरा कर लिया है। यह उसकी माँ के स्वास्थ्य
को वापस लाने में सहायता करने के लिए डॉक्टरों की मेहनत, समर्पण और निष्ठा का परिणाम था।
आज, जब राहुल अपनी उच्च उपलब्धियों के लिए सम्मानित हो रहा था, उसने अपने सभी साथियों का आभार व्यक्त किया। वह डॉक्टरों के अद्भुत कार्य की प्रशंसा करता था, जो दिन-रात मरीजों की देखभाल करते हैं और उन्हें स्वस्थ बनाने का काम करते हैं। राहुल जानता था कि उनके सपनों को साकार करने में उन्हीं डॉक्टरों का बड़ा हाथ है।
आज डॉक्टर्स डे के दिन, राहुल ने एक निशाने पर खड़े होकर बड़ी गर्व से कहा, "मेरे प्यारे डॉक्टर साहब, आप ही हमारी उम्मीद हैं, हमारे संकटों का साथी हैं और हमेशा हमारे साथ खड़े रहेंगे।" उसके बाद वह अपनी माँ की ओर मुस्काते हुए चला गया, जानते हुए कि उसका सपना सच हो गया है, और अब उसे अपने सपनों की दुनिया में जीने का अवसर मिल गया है।