इस आयाम के अंतर्गत आप विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े जाने-माने व्यक्तियों की संक्षिप्त जीवनी की झलक पा सकते हैं ।
झुकी आंखे जब हया हो जाए नयनों में ही जब जुबा हो जाए लफ्ज़ वो बात कहते ही नहीं आंखों से जो बया हो जाए
मुझे लेखन कार्य बहुत पसंद है, मेरी किताब माँ, बेटी पर आधारित है, माँ, बेटी का रिश्ता बड़ा अनमोल होता है, चलिए इसे आगे जारी रखते है आगे पढ़े।
मैं संगीता कुलकर्णी, एक उभरती हुंवी कवियित्री, मेरी किताब कुछ दिल से लिखी प्यारी बातों के बारे में है, जो सीधा दिल तक पहुंचेगी! इसमें मैनें कुछ गजल, शेरो शायरी लिखी है, उम्मीद करती हुं, आपको ये किताब पसंद आएगी, इससे प्रेरणा लेकर में ओर बेहतर लिखने क
"हिंदी लेखन" महज एक पुस्तक नही ,यह जीवन में राहचलित गतिविधियो और संघर्षो पर लिखी की कुछ रचनाओं का संग्रह है। इस पुस्तक में लिखित अधिकतर कवितायें आपको जीवन के संघर्षो से लड़ने की हिम्मत जुटाने में निश्चित ही सहायक रहेंगी।
परिंदा हूं तेरी गलियों में क्या जिंदा रहूँगा बता पतंग क्या में हवा में उड़ता रहूँगा पतंग ने कहा है परिंदे में तो किसके के हाथ की कठपुतली हूं उन हाथों को पूछो जिसके सहारे मुझे उड़ाते है उस डोर से पूछो जो मुझे हवा में सैर कराते है। उन हाथ
प्रिय पाठक.. किसी के द्वारा लिखी गया कोई लेख, कविता या किताब बस कोई कलम और कागज़ का रिश्ता नहीं होता, यह उस लेखक के मन के आंतरिक परिकल्पनाओ या अपने जीवन में व्यतीत उतार-चढ़ाव, समयानुसार परिस्थितियों में रिश्तो में मतभेदो का एक संग्रहण होता हैं, जो की
जंगल की कहानी” अखिलेश प्रताप सिंग की उम्र महज 8 वर्ष रही होगी । वह जमींदार वीर प्रताप का अकेला पुत्र था । उस पर जमींदारी का रंग नहीं चढ पाया था । उसे जंगल में घूमना , नाना प्रकार के पक्षियों कोदेखना , तितलियों को पकड़ना अच्छा लगता था । जंगल के पक्षिय