हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण पर्वों में से एक भाई दूज है। भाई का अर्थ है भाई और दूज का अर्थ है अमावस्या के बाद का दूसरा दिन। इस दिन लोग अपने भाई-बहनों के साथ जश्न मनाते हैं। वे एक-दूसरे को उपहार देते हैं। बहनें इस दिन अपने भाईयों के लिए समृद्धि और दीर्घायु की प्रार्थना करती हैं।
भाई दूज का पर्व भाई और बहन के बीच प्यार का प्रतीक है। भाई दूज पांच दिवसीय दिवाली उत्सव के आखिरी दिन मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाईयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनके लिए स्वादिष्ट- स्वादिष्ट पकवान बनाती हैं। दूसरी ओर भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं, और उनकी रक्षा करने का वादा करते हैं।
भैया दूज के दिन भाई बहनों के घर पर जरूर करें भोजन
भाई दूज के दिन शादीशुदा बहनों को भाईयों को अपने घर खाने पर जरूर बुलाना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार, जो बहनें इस दिन अपने भाईयों को खाने पर बुलाती हैं, उनके घर पर कभी भी दरिद्रता नहीं आती और सुख -समृद्धि बनी रहती है। साथ ही मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
हालांकि कई लोगों का यह भी कहना है कि इस विशेष अवसर पर राशि अनुसार, मिठाई भी खानी चाहिए,जबकि इन बातों का कहीं उल्लेख नहीं है।
भाई दूज का महत्व
हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण पर्वों में से एक भाई दूज है। भाई का अर्थ है भाई और दूज का अर्थ है अमावस्या के बाद का दूसरा दिन। इस दिन लोग अपने भाई-बहनों के साथ जश्न मनाते हैं। वे एक-दूसरे को उपहार देते हैं। बहनें इस दिन अपने भाईयों के लिए समृद्धि और दीर्घायु की प्रार्थना करती हैं।
इस पर्व का बड़ी ही धार्मिक महत्व है। यह पर्व हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इसे भैया दूज, भाऊ बीज, भात्र द्वितीया, भाई द्वितीया और भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है।