“हर पल खोजती ज़िन्दगी के संघर्ष की कहानी”
मिलेगी खुशी मुझे भी,पर इंतज़ार रह गया,मेहरबां होगी ज़िन्दगी कभी,पर सिलसिला सा हो गया !किससे कहूं अपनी आशा और उम्मीदका फ़साना?यहाँ तो हर शख्स, मुझसे बेगानाहो गया ।हँसते हैं छुपाकर दर्द, संभालाहै सबका जर्द,पर मिलीं बस तन्हाईयाँ, इल्जामदेकर मुझे बेदर्द ।चाहे कोई कुछ भी कहे, ताने देया हँसे,पर अब तो मेरी ह