आज के युग में भगवान श्रीराम के आदर्श विश्व शांति के लिए निश्चय ही वरदान हैं | आज भी हम भगवान श्री राम के आदर्शों पर चलने वाले संतान की ही अभिलाषा रखते हैं | वस्तुतः भगवान श्री राम का पूरा जीवन एक सामान्य व्यक्ति के लिए एक पावन ग्रन्थ है, जिसमें सुख-दुःख, संघर्ष इत्यादि मानवीय संवेदनाओं का सुन्दर समावेश निहित है | मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम द्वारा स्थापित बुराई पर अच्छाई की जीत का सार्वभौमिक सत्य है “विजयादशमी” पर्व | मां देवी दुर्गा (देवी शक्ति) की आराधना कर विजयादशमी के ही दिन भगवान श्रीराम ने मां अम्बे की कृपा से बुराई के प्रतीक रावण का संहार किया था | “विजयादशमी” पर्व का मूल सन्देश भी यही है कि सत्य एवं असत्य के बीच जीत सदा सत्य की ही होती है | आज के दिन आइये शपथ लें कि हम हमारे अन्दर के रावण का अन्त कर भगवान श्रीराम के आदर्शों को अपने जीवन में अपनायेंगे और शांति-सौहार्द्र से युक्त एक सशक्त भारत का नव निर्माण करेंगे ।
“विजयादशमी” के शुभ अवसर पर “शब्दनगरी” की ओर से आप एवं आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनायें
.....सत्यमेव जयते