पटना साहिब (पटना
शहर) में वर्ष 1666 में जन्मे सिखों के 10वें गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी की आज 348
वीं जयंती है| ज्ञातव्य है कि देश में मुगल शासनकाल में हिंदुओं के जबरन धर्मांतरण
के खिलाफ अपने जान की कुरबानी देने वाले गुरु तेगबहादुर के पुत्र गुरु गोबिंद सिंह
जी ने अपने जीते जी कभी भी मुगल शासकों से हार नहीं मानी और उनसे लड़ने हेतु ‘खालसा
पंथ’ की स्थापना कर स्वयं के जीवन का भी बलिदान कर दिया था| “सवा लाख से एक लड़ाऊं, चिड़ियन ते मैं
बाज तुड़ाऊं, तबै गुरु गोबिंद सिंह नाम
कहाऊं||जैसी मशहूर उक्ति के साथ ही गुरु गोबिंद सिंह
जी ने यह भी कहा था कि “देह शिवा वर मोहे एहे शुभ कर्मन ते कबहूं ना डरुं, ना डरुं अरसो जब
जाए, निश्चय कर अपनी जीत करूं”।
ऐसे शूरवीर गुरु
गोबिंद सिंह जी की जयंती पर उन्हें कोटिशः प्रणाम !!!