प्रेम का रंग हो या जीवन का, हर रंग कुछ न कुछ कहता है ! ये बात और है कि इसके
मायने हम सभी के लिए अलग-अलग हो सकते हैं !! बात रंगों की ताजगी और मस्ती की हो और
हिंदी सिनेमा के सदाबहार गीतों का ज़िक्र न आये; ये तो हो ही नहीं सकता !!! तो आइये
नव वर्ष की शुभ बेला के स्वागत में बिना देर किये चलें, उस सफ़र में जहां हर कदम पर
कोई न कोई रंग आपका इंतज़ार कर रहा है यानी कुछ रंगों की कहानी हिंदी फ़िल्मी गीतों
की जुबानी......
१.
यूं तो आपने काली और नीली
आँखों वाली लड़की के बारे में ज़रूर सुना होगा | लेकिन यह क्या ? रोमांस के बादशाह
शाहरुख़ खान तो किसी और ही रंग के आँखों वाली लड़की के बारे में गुनगुना रहे हैं :
कत्थई आँखों वाली इक लड़की...(फिल्म : डुप्लीकेट,
गीत : जावेद अख्तर, संगीत : अनु मलिक, गायक : कुमार सानू)
२.
एक तरफ कत्थई आँखें, तो
दूसरी तरफ गुलाबी आखें भी हैं | ये मै नहीं हिंदी फिल्मों के पहले सुपरस्टार राजेश
खन्ना साहब नंदा के लिए कह रहे रहे हैं | अरे भाई, ये हिंदी सिनेमा जिसे कुछ लोग
बॉलीवुड भी कहते हैं, का मायावी जादू जो है, जहाँ कुछ भी हो सकता है :
गुलाबी आँखें
जो तेरी देखीं शराबी ये दिल हो गया....(फिल्म : द ट्रेन, गीत : आनंद बक्शी, संगीत
: आर डी बर्मन, गायक : मो० रफ़ी)
३.
बॉलीवुड के गीत सिर्फ आँखों
की खूबसूरती ही नहीं, ड्रेसिंग सेंस के बारे में भी बताते हैं | याद आया, जी हाँ
जैसे नीला दुपट्टा पीला सूट | अरे ये मै नहीं सैफ अली खान काजोल के लिए गा रहे हैं
:
नीला दुपट्टा
पीला सूट...(फिल्म : हमेशा, गीत : देव कोहली, संगीत : अनु मलिक, गायक-गायिका :
अभिजीत-साधना सरगम)
४.
चुलबुली काजोल का नीला
दुपट्टा और पीला सूट जहां एक ओर आज भी लाखों दिलों को लूट लेता है तो ज़नाब आइटम
गर्ल मिंक का लाल गरारा भी कुछ कम नहीं जिन पर सारा हिंदुस्तान फ़िदा है, जिनके
जरिये रानी मुख़र्जी बॉबी देओल को अपनी अदाओं से लुभाने की कोशिश कर रही हैं :
झूम-झूम के
घूम-घूम के इसने सबको मारा.....ले ले सबकी जान, गरारा....लाल गरारा...लाल गरारा (फिल्म
: बादल, गीत : समीर, संगीत : अनु
मलिक, गायक-गायिका : जसपिंदर नरुला, सपना अवस्थी, अनु मलिक)
५. मिंक के लाल गरारा पे तो रानी
मुखर्जी भी अपनी अदाएं दिखा रही थीं लेकिन लगता है काकाजी यानी राजेश खन्ना साहब इस
लाल रंग से कुछ नाराज़ हैं और इससे पीछा छुड़ाना चाह रहे हैं | यकीन नहीं होता तो ये
गीत सुन लीजिये :
ये लाल रंग कब मुझे
छोड़ेगा, मेरा गम.....(फिल्म : प्रेमनगर, गीत : आनंद बक्शी, संगीत : एस डी बर्मन,
गायक : किशोर कुमार)
६. काकाजी तो सिर्फ लाल रंग
से तंग थे | लेकिन अपनी लोलो जी हाँ करिश्मा कपूर तो नीले, लाल सभी रंगों से तंग
हैं | हालाँकि इनकी वजह कुछ और है | जानना चाहेंगे तो ये लीजिये :
नीली-नीली आँखें
मेरी मै क्या करूँ....(फिल्म : खुद्दार, गीत : इन्दीवर, संगीत : अनु मलिक,
गायक-गायिका : अनु मलिक-अलीशा चिनॉय)
७. लोलो के इस गीत पर
हालाँकि अच्छा-खासा बवाल भी मचा था | जो भी हो ज़नाब लेकिन इन रंगों का असर कुछ ऐसा
ही होता है | खैर अगले गीत की ओर बढ़ते हैं जिसमें जया प्रदा अपनी गोरी कलाईयों के लिए बॉलीवुड
के शहंशाह अमिताभ बच्चन से खास तौर पर हरी चूड़ियों की फ़रमाइश कर रही हैं, जी हाँ
आपने बिल्कुल ठीक गीत समझा, आइये सुन लेते हैं हरे रंग का खुमारी भरा गीत :
गोरी हैं कलाईयाँ,
तू ला दे मुझे हरी-हरी चूड़ियाँ....(फिल्म : आज का अर्जुन, गीत : अंजान, संगीत :
बप्पी लाहिड़ी, गायक-गायिका : शब्बीर कुमार-लता मंगेशकर)
८. हरे रंग की चूड़ियों के
साथ काले रंग की आँखों का जादू भी कुछ कम नहीं तभी तो अगले गीत में शाहीन को अविनाश
वधावन जैसा गोरा नहीं काले रंग वाला बंदा चाहिए क्योंकि कहते हैं ना कि काले रंग
वाले दिलवाले जो होते हैं :
काला सा काला, अरे काले हैं दिलवाले गोरियन दफा करो....(फिल्म : आई मिलन की
रात, गीत : मजरूह सुल्तानपुरी, संगीत : आनंद-मिलिंद, गायिका : अनुराधा पौडवाल)
९. रंग हैं तो खुशियाँ हैं,
बिना रंग सब बेमानी है | रंगों का हमारे जीवन में कितना महत्व है, इस गीत से बखूबी
पता चल जाता है :
मेरा जीवन कोरा कागज़, कोरा ही रह गया....(फिल्म : कोरा कागज़, गीत : एम जी हशमत,
संगीत : कल्यानजी-आनंदजी, गायक : किशोर कुमार)
दोस्तों मेरी भगवान शिव और मेरी अधिष्ठात्री देवी मां
दुर्गे से यही दंडवत प्रार्थना तथा सर्वशक्तिमान ईश्वर-यीशु-अल्लाह से दिली दुआ है
कि कहीं भी किसी का भी जीवन कोरा ना रहे | उसमें प्यार का, खुशियों का सतरंगी
संसार सदा भरा रहे |
नव वर्ष पर विशेष रूप से “कुछ रंगों की कहानी, हिंदी फ़िल्मी गीतों की जुबानी” में यूं तो अभी भी अनगिनत रंग हैं, इनकी कहानियां हैं लेकिन समय की अपनी सीमा होती है, इसलिए फिलहाल हमें इज़ाज़त दीजिए और आप यूं ही डूबे रहिये एक के बाद एक दो गानों के इन्द्रधनुषी संसार में :
·
सात रंग के सपनों में मै खो गई सजना... (फिल्म : सात रंग के
सपने, गीत : समीर, संगीत : नदीम-श्रवण, गायक-गायिका : एम जी श्रीकुमार-अल्का
याग्निक)
·
मैंने तेरे लिए ही सात रंग के सपने चुने...(फिल्म : आनंद, गीत
: गुलज़ार, संगीत : सलिल चौधरी, गायक : मुकेश)
अन्त में, नव वर्ष की अग्रिम मंगल शुभ-कामनाओं के साथ आप सभी से यही
कहना चाहूँगा कि
“नव-श्रृंगार से सजा रहे, नव-भाव भरा कण-कण,
नव-शक्ति से संवरा रहे, नव-वर्ष का हर-क्षण”
.....कॉपीराइट @ चंद्रेश विमला त्रिपाठी......