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दैनिक_प्रतियोगिता

hindi articles, stories and books related to dainik_pratiyogita


कैसे कह दूं मुझे तुमसे प्यार नहीं,
आज भी हर सुबह तुम्हारा इंतज़ार

अधूरी बात अनसोई रात 

🙇🙇 बहुत दिनों बाद फुर्सत के चंद लम्हे  किस्मत से मिले थे मुझे ! या यूं समझो आज छुट्टी का द

दोस्तों एक दिन मैंने अपने पतिदेव से कहा आप तों मेरे पतिदेव है। तों आप भी देवताओं की तरह रहा करो।।



खूबसूरत वादियों के बीच में खड़कपुर (काल्पनिक नाम) नाम का एक गांव


किरन सुबह से काफी पे काफी बना के पीए जा रही है।।कामवाली बाई अभी तक नहीं आई है।।स

विराज ,रोहन, मुकेश , अनिल, अविनाश पांचों दोस्त हैं हास्टल में साथ ही रहते हैं। 1 दिन प्लान बनाते हैं

            

             


2  - 3 दिन तक गौरी ने सिद्धार्थ से बात ही नहीं की| सिद्धार्थ उसे मनाने की क

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एक गांव में दो मां बेटी रहा करती थी । गीता और अरूद्ध

 " सपना " वह सपना जिसे सोचते ही ,जिसका ख्याल आते ही एक बड़ी सी मुस्कान हमारे चेहरे पर आ जा

नमस्कार 🙏 

आप सभी को शरद पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं | <

🌹छोड़ के अपना सब कुछ
आऊंगी,मैं साथ तेरे ।
तू है मेरा ! मैं हूँ तेरी !
ये यकीन, तो मु

रोज ही सलीके से बने बिस्तर पर

नहीं की जी हजूरी तो
हम किसी के भी नहीं रहे
करते रहे जो गुलामी तो 

"बच्चों की किलकारी"विषय पर एक कविता   लिखी थी सुबह सुबह

हकीकत तो कुछ और ही रहीं तेरी
कहानी ही बन गयी जिंदगानी 
अपनों की इस भीड

मालूम ना था
इक दिन ऐसा भी आएगा ll
अपनों का मेला होगा 

यू तो कोई नहीं तेरा
फिर भी तू तमाम रिश्तों से घिरा है 
हकीकत तब ब्यान

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