व्यंग्य विनोद की चाशनी में डुबा कर परोसी गई पुरानी क
यह कहानी है एक शेर और एक हाथी की . दोनों एक ही वन में रहा करते थे । एक मांसाहारी और दूसरा विशुद्ध शा
मिलेगी हमारी नज़र धीरे धीरे,
मोहब्बत करेगी असर धीरे धीरे ।
🙇ख़ुदा से मेरी ये फ़रियाद है,
इनसाफ की हमको दरकार है ।
🙇ज़ुल्म सदियों से हम पे हो