अधूरी बात अनसोई रात
एक पल की मुलाकात
बिल्कुल अच्छी नहीं लगती।।
अधूरे गीत बेतुके संगीत
अपरिचित मीत पुरानी सी भीत
बिल्कुल अच्छी नहीं लगती।।
बातों में झोल बेवक्त के भाव मोल
सुने अनकहे बोल दूर के ढोल
बिल्कुल अच्छी नहीं लगती ।।
सूखा सा कुआं दुष्टों की बद्दुआ
बेबात का धुआं बुढ़े बैलों पर जुआ
बिल्कुल अच्छा नहीं लगता।।
सफ़ेदपोश में दाग जंगल की आग
बेवक्त के राग कर्कश बोली के काग
बिल्कुल अच्छा नहीं लगता ।।
सड़क पे उल्टे सैन बेवजह का पैन
भैंगी युवती के नैन गूंगे-बहरे के बैन
बिल्कुल अच्छा नहीं लगता ।।
अपनों के घात हृदय के आघात
राजन के संबाद घर में विवाद
बिल्कुल अच्छा नहीं लगता ।।
राजन मिश्र
अंकुर इंक्लेव
करावल नगर दिल्ली 94
9899598187