भाग 3
राजेश अपने आगे किसी को समझता ही नही था ,उसे लगता है कि अच्
तुझसे मिलने की आस में
😁एक दिन जब जा रहे थे ,
पढ़ने के लिए स्कूल हम ,
रास्ते में देख बगिया अमरूद की ,
हो गए
बातें जब ज्ञान या ध्यान की हों, अध्यात्म या दर्शन की हों, धर्म या पौराणिकता की हों, जीवन-मृत्यु य
नास्तिक कौन है?
आज कल फेस बुकिया प्यार बहुत बढ़ गया है, लोग दिन भर सोशल मीडिया में लग
मनीष तिवारी एक छोटा सा बिज़नेस करता है , जिसमे वह अच्छा काम लेता है ,
एक नवाब साहब लखनऊ से अपने भतीजे के निकाह के लिए बरेली पहुचे..
आज इस सुबह की ही तरह ये कस्बा भी निखिल के लिए नया था। पिताजी का तबादल
कैसे सजा देगा ऐ काजी मुझको