🌹छोड़ के अपना सब कुछ
आऊंगी,मैं साथ तेरे ।
तू है मेरा ! मैं हूँ तेरी !
ये यकीन, तो मुझको होने दे
🌹चलना है मुझको साथ तेरे
हाथों में तेरा हाथ लिए।
सुख-दुःख का मेरे साथी है तू
ये यक़ीन तो मुझको होने दे।
🌹माथे की बिंदिया,मांग का सिंदूर
सब कुछ है अब तेरे लिए,
पैरों की पायल को तो
छम छम करके बजने दें।
🌹तुझसे मैंने सभी कुछ पाया,
अपना सब कुछ वार दिया।
एक ज़ख़ीरा यादों का है
वो तो मुझ पर रहने दे।
स्वरचित रचना
सय्यदा----✒️🌹🌹
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