shabd-logo

एक चोर की दिहाड़ी

7 अगस्त 2023

9 बार देखा गया 9

सुनील एक शातिर चोर था। चोरों की बिरादरी में उसकी खासी इज्जत थी. वो लोग कहते थे कि अगर सुनील का दिल आ जाये तो वो किसी आदमी की आँखों से काजल भी चुरा लाये और उसे पता भी न चले। टूंडला जंक्शन से मुगलसराय जंक्शन के बीच चलने वाली ट्रेनों में अक्सर उसे देखा जाता था और यह इलाका उसका माना जाता था।

आज वो कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर खड़ी फ्रोंटियर मेल डिब्बे के पास चाय की चुस्कियां ले रहा था। उसकी तेज निगाहें किसी मोटे आसामी की तलाश में इधर उधर भटक रही थीं। ट्रेन बस चलने को ही थी. सामने की खिड़की से उसे एक भला नौजवान बैठा दिखाई दिया जिसको छोड़ने आया हुआ बुजुर्ग अब उससे विदा ले रहा था. नौजवान ने बुजुर्ग के पैर छुए और उसने उ' से आर्शीवाद दिया। साथ ही बोले समझाइश के ये वचन,‘बेटा ,पोटली का ख्याल रखना।'  
इन शब्दों को सुनते ही सुनील के दिमाग में एक बिजली सी चमकी और वह ताबड़तोड़ चाय का कुल्हड़ फेंक कर उस डिब्बे में लपककर सवार हो गया। अगला स्टेशन आने से पहले वह उस नौजवान से खूब बेतकल्लुफ हो चुका था और यह भी जान चुका था कि अजय नाम का वह नौजवान अपनी मैं की बीमारी के इलाज के लिए जरूरी सामान लेने एक बड़े शहर जा रहा था जहाँ उसके एक दूर के रिश्तेदार रहते थे जो किसी सुनार की दुकान में काम करते थे। सुनील को इन सब बातों को जोड़ते हुए यह समझने में देर नहीं लगी कि उसकी पोटली में गहने रखे हुए थे. वह अब सोचने लगा कि अजय को उसकी पोटली से अलग कैसे किया जाय। गर्मी का मौसम था और बिना पानी पिए रहना मुश्किल था. अजय के पास पानी की एक बड़ी बोतल थी जिसे सुनील ने लगभग खाली कर दिया जब अजय बाथ रूम गया था।  थोड़ी देर बाद जब उसका पानी ख़त्म हो गया अजय ने अपने बैग से पानी की बोतल निकली और पानी पिया।  बड़ी सहजता से उसने अजय की तरफ बोतल बढ़ायी।  अजय उस बोतल से सुनील को पानी पीते देख चुका था पर उसकी भोली आंखे सुनील की वो हाथ की सफाई नहीं देख पाईं जिससे उसने पानी पीने के बाद नींद की दवा मिला दी थी। बस यहीं वो फंस गया और पानी पीकर बेसुध होकर सो गया। सुनील ने बड़ी सफाई से उसकी पोटली निकाल कर अपने बैग में रख ली थी और वह चल पड़ा अपने नए शिकार की तलाश में।

दो डिब्बे चलने के बाद उसे एक मोटा आदमी सोता दिखाई दिया जिसके आस पास की सभी सीट खाली थीं। सुनील की पारखी आंखे ताड चुकी थीं की वह एक मोटा और मालदार असामी था. पर कहाँ रखा था उसने माल? अब सुनील को यह पता करना था. इसके लिए उसने एक माचिस की तीली ली और उस आदमी के कान में डाल दिया।  इस पर वह आदमी एक पल के लिए सकपकाया और फिर उसका हाथ अपनी पेंट की बेल्ट के पास गया जहाँ हाथ लगा

कर उसने अपने माल के महफूज़ होने की तसल्ली कर ली और फिर से खर्राटे भरना शुरू कर दिया।  पर सुनील अब जान चुका था कि मालदार असामी का माल उसकी पेंट की किस चोर पॉकेट में था।  उसने अपनी जेब से एक कटा हुआ ब्लेड निकला और बड़ी सफाई से मोटे की चोर पॉकेट को उसकी पेंट से निकल कर अलग कर लिया की उसे जरा भी भनक न लगी।

माल को अपने बैग में डाल कर वह फिर नए शिकार को देखने निकल पड़ा। ट्रेन में घूमते हुए उसे एक जगह पर एक परिवार यात्रा करता दिखाई दिया। बातों बातों में पता लगा कि वे लोग किसी जमीन का सौदा करने जा रहे थे।  उनके पास एक बड़ा सा सूटकेस था जिसे उन्होंने जंजीर से सीट के साथ बंधा हुआ था और हर पांच मिनट में कोई न कोई सदस्य यह देख कर तसल्ली कर लेता था की उसका ताला सही सलामत है।

सुनील जब बाथ रूम गया तो उसे एक खास बात समझ में आयी।  उस परिवार के पीछे की तरफ ट्रेन के डिब्बे का जो हिस्सा था वो बिलकुल खाली था ,वहां कोई भी मुसाफिर नहीं था। बस फिर क्या था सुनील उठकर उस खाली सीट पर बैठ गया और अपने बैग से एक छोटी आरी निकाल कर उसने सीट के नीचे झुककर पीछे की तरफ से उस सूटकेस को काटना शुरू कर दिया. आधे घंटे की मेहनत के बाद वह सूटकेस से माल निकल कर अपने बैग में रख

चूका था और मासूम परिवार वाले सूटकेस के सामने ताले को यथावत देख कर इत्मीनान कर रहे थे, बिना ये जाने की उनका मॉल तो पीछे के रास्ते से कब का लुट चूका था।

कुछ देर बाद एक स्टेशन आया और गाड़ी रुकी तो सुनील चुपके से अपना बैग लेकर ट्रेन से उतर लिया। आज काफी काम कर लिया था और अच्छी कमाई भी हो गयी थी। उसकी आज की दिहाड़ी पूरी हो चुकी थी। अब उसे आराम भी तो करना था।

लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक दीक्षित (से. नि.) की अन्य किताबें

40
रचनाएँ
इन्द्रधनुष
0.0
आम लोगों की जिंदगी की तरह तरह के रंग बिखेरती हुयी कहानियाँ जो कभी आपको हँसाएगी , कभी आपकी आँखें नम कर देंगी और कभी सोचने पर मजबूर कर देंगी। भावनाओं की कशमकश , विचारों की उथल पुथल में झूलते पात्रों से मिल कर लगेगा कि उसे आपने जरूर कभी न कभी अपने आस पास ही देखा है ।
1

तुम्हारा जीजू

12 जून 2023
7
4
1

जब तक ये पत्र तुम्हारे हाथ में होगा, मैं अर्पणा और खुशबू को लेकर जा चुका होऊंगा, एक नए शहर में। सच पूछो तो ये ट्रांसफर मैंने जानबूझकर और ज़िद कर के लिया था वर्ना मेरा सबकुछ ठीक चल रहा था ऑफिस में। बल्

2

बहरा है क्या

16 जून 2023
5
3
0

रेलगाड़ी बस प्लेटफॉर्म पर लगने ही वाली थी, इसकी उद्घोषणा तो २ मिनट पहले ही हो चुकी थी। अब कुली और खोमचे वाले प्लेटफॉर्म की तरफ जमावड़ा करने लगे जो इस बात का निश्चित संकेत हैं कि गाड़ी सचमुच ही आने वाली थ

3

तमाशबीन

27 जून 2023
3
2
0

जब गाड़ी ट्रैफिक लाइट पर रेंग रही थी, आशा ने ताज्जुब से कहा, ‘आज दोपहर में भी इतना ट्रैफिक है इस रोड पर’। ‘सारा शहर ही जब देखो तब कहीं भागता रहता है’, लता ने उसकी हाँ में हाँ मिलाते हुए कहा। सुदीप उन

4

पोस्टमार्टम

27 जून 2023
3
1
0

 नवीन ने नयी कार क्या खरीदी बधाई देने वालों का ताँता सा लग गया। हर कोई आकर उसे नयी कार की बधायी देता ,मिठाई मांगता और फिर लगभग एक जैसे सवालों की झड़ी लगा देता,"कितने की ली? क्या एवरेज देती है? साथ में

5

रिश्वत

6 जुलाई 2023
3
2
0

‘……. यात्री गण कृपया ध्यान दें ,छत्रपति शिवाजी टर्मिनल को जानेवाली पुष्कर एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से चालीस मिनट की देरी से चल रही है। आपको हुई असुविधा के लिए हमें खेद है।’ इस एनाउंसमेंट को सुनकरस

6

रिश्तो के खरीदार

6 जुलाई 2023
4
1
0

साक्षात्कार के अधिकतर सवाल अब भी रमन  के दिमाग में घूम रहे थे । “हमारे इस प्रोडक्ट को तुम आज कितने लोगों को बेच सकते हो ? तुम्हारे कितने जानने वाले इसे इस्तेमाल करते हैं ?” वो परेशान था, ये सोच कर कि

7

भूख

6 जुलाई 2023
3
2
0

छोटू और लम्बू एक छोटे से गाँव में रहते थे और अक्सर शहर जाकर पैसा कमाने की बातें किया करते थे. एक दिन दोनों ने आपस में सलाह कर शहर जाने का फैसला किया। छोटू ने खूब घी डाल कर १०० लड्डू बनाये तो लम्बू भी

8

बरसों की मेहनत

6 जुलाई 2023
2
0
0

तेजप्रताप से मेरी मुलाकात बारह साल बाद हो रही थी । उसको कुश्ती में एक राज्यस्तरीय सम्मान मिला था और मुझे जिलाधिकारी की हैसियत से उस सम्मान समारोह में विशेष अतिथि का दर्जा दिया गया था। बरसों पहले गॉंव

9

दल-बदलू

19 जुलाई 2023
2
2
0

“क्या दुविधा है?” राजयोगी ने दूधेश्वर से पूंछा, जो अपने चहरे पर उलझन के भाव लिए हुआ था। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे वह अपनी बात शुरू करे। वह अपनी बात की भूमिका बनाने का भरसक प्रयास कर रहा था। उ

10

वक्त की मार

19 जुलाई 2023
2
0
0

"तुम ?" राजेश के मुह से अनायास ही उस वक्त निकला जब वह पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ एक भव्य और विशालकाय इमारत में प्रवेश कर रह था , जिसके प्रवेश-द्वार को एक सुरक्षाकर्मी बड़ी नफासत से खोल कर अभिवादन

11

ऊपर की कमाई

19 जुलाई 2023
2
0
0

बीयर की चुस्कियों के साथ मैं और राजेश अपने मनपसंद रेस्टोरेंट में टाइमपास कर रहे थे क्योंकि हमारी फ्लाइट तीन घंटे देरी से जाने वाली थी। काफी दिनों से मैं ऐसे ही किसी मौके की तलाश में था जहाँ एक दोस्त क

12

सितारा

19 जुलाई 2023
2
2
0

पैक-अप होते ही भीड़ का रेला उसकी एक झलक पाने को सारे बंधन तोड़ कर उस तक पहुँचना चाहता था, मगर कार के दक्ष ड्राइवर ने सधे हुए नपे तुले हाथों से एक पल में ही गाड़ी ठीक उसके सामने लगा दी,फिर लपक कर बड़ी न

13

ऐ दिल तू जी ज़माने के लिए

19 जुलाई 2023
2
0
0

एक बार एक लोभी व्यक्ति रात में एक गड्ढे में गिर गया।  सुबह हुयी तो वहां जा रहे एक एक युवक राहगीर से उसने निकलने के लिए मदद माँगी।  उसे ऊपर लेने के लिए राहगीर ने अपना हाथ बढ़ाया और बोला , ‘बुजुर्गवार,

14

समाज सेवा

19 जुलाई 2023
3
1
0

सुल्तान और अंजलि दोनों भाई बहन की मंजिल एक थी - उनका घर। जैसे ही उनके पापा यानी प्रमोद ने उनकी मम्मी यानी सलमा की मौत की खबर दी ,दोनों सकते में आ गए थे । अचानक हुए हार्ट अटैक को पहचानने और डाक्टर के

15

मुन्नी का आतंक

30 जुलाई 2023
2
1
0

 हमारे घर में अगर कोई वीआईपी है तो वो मेरी पत्नी नहीं है।  जी हाँ , आपने ठीक समझा। उसकी भी एक बॉस है जो उसे भी अपनी उँगलियों पर नचाती है।   वो है हमारी काम वाली बाई –मुन्नी।   इस बात का अनुमान तो मु

16

बचत

30 जुलाई 2023
2
1
0

‘हे भगवान! ये महीने की पहली तारीख हर बार इतनी देर से क्यों आती है’ दामिनी ने फिर सोचा। हर महीने के तीसरे–चौथी हफ्ते में अक्सर यह ख़याल उसके मन में आता था, खास कर जब कोई पैसे खर्च करने वाली बात होती। अख

17

एक चोर की दिहाड़ी

7 अगस्त 2023
2
0
0

सुनील एक शातिर चोर था। चोरों की बिरादरी में उसकी खासी इज्जत थी. वो लोग कहते थे कि अगर सुनील का दिल आ जाये तो वो किसी आदमी की आँखों से काजल भी चुरा लाये और उसे पता भी न चले। टूंडला जंक्शन से मुगलसराय ज

18

डायरी के पन्नो में सिमटा घर

7 अगस्त 2023
2
1
0

सुदीप की डायरी (21 अगस्त 20**) आज का दिन शुरू से ही मनहूस रहा है. सुबह देर से आँख खुली, रात भर मुन्ने ने सोने जो नहीं दिया था। ऑफिस के लिए भी लेट हुआ. ब्रेकफ़ास्ट छोड़ कर भी समय से न पहुँच सका और बॉस

19

नाम का सवाल

7 अगस्त 2023
3
1
0

अजय को एक अदद क्रिकेट बैट की तलाश थी। कल सुबह सात बजे से उसका इंटर कॉलेज टूर्नामेंट में ओपनिंग बैटिंग करनी थी और आज रात को उसका बेट एक एक्सीडेंट में शहीद हो गया था। गनीमत है उसे खुद इसमें कोई चोट नहीं

20

जीवन चक्र

7 अगस्त 2023
2
1
0

अजय ने पान की गुमटी देख कर कार रोकी और अपनी मनपसंद सिगरेट खरीद कर उसके कश लगाने लगा। बेचारे को घर और ऑफिस में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है क्योंकि उसकी बीबी और बॉस दोनों ही उसका सिगरेट पीना पसंद नहीं करते

21

बरसों की मेहनत

7 अगस्त 2023
2
1
0

तेजप्रताप से मेरी मुलाकात बारह साल बाद हो रही थी । उसको कुश्ती में एक राज्यस्तरीय सम्मान मिला था और मुझे जिलाधिकारी की हैसियत से उस सम्मान समारोह में विशेष अतिथि का दर्जा दिया गया था। बरसों पहले गॉ

22

खबरों की दुनियां

7 अगस्त 2023
2
0
0

हमारी टीम ने अपनी मनपसंद जगह चुन कर कैमरा लगा लिया था। इस जगह से वह मंच बिल्कुल साफ दिखता था जहाँ से एक वीईपी को आकर कोरोना के प्रकोप से बेघर हुए मजदूरों को खाना बांटना था। मेरी चैनल के चीफ-एडिटर ने

23

भिक्षाम देहि:

7 अगस्त 2023
2
1
0

“भिक्षाम देहि:”, कहते हुए अजय ने भिक्षा-पात्र संदीप के सामने खटखटाया तो संदीप को उन भिखारियों का ध्यान आया जो रोज ऑफिस जाते समय मेट्रो में इस तरह कटोरे खड़काते हुए घूमते रहते थे। उसने मुस्कुराते हुए

24

शादी का लिफाफा

16 सितम्बर 2023
2
1
0

 अजय की बेटी की शादी में जाने के लिए जब सब तैयार हो रहे थे तो मैंने इस काम के लिए ले जाने वाले एक लिफाफे को निकाला और सोचा इसमें कितनी रकम डालूं। आम तौर पर मेरी पत्नी इस जिम्मेदारी को निभाती थी और इस

25

आदत से मजबूर

16 सितम्बर 2023
2
0
0

विमान में प्रवेश की उद्घोषणा के साथ रमा एक झटके से उठ बैठी और लपक कर लाइन में लग गयी। वहीं सुरेश आराम से अपने लैपटॉप पर काम करता रहा। दोनों दम्पतिअक्सर हवाई जहाज से यात्रा करते थे और हर बार ऐसा ही घटन

26

बचपन का भोलापन

16 सितम्बर 2023
2
1
0

अपने कम्प्यूटर के लिए मैं एक नया रंगीन प्रिंटर लाया था। घर में सबको बुला कर शेखी बघारते हुए बताया," ये बहुत अच्छी तकनीक से बना है और किसी भी चीज को हू-बहू प्रिंट कर देता है।" फिर मैंने सबको आदेश दिया

27

बस के इंतजार में

3 अक्टूबर 2023
2
0
0

'उन्नीस नंबर की फ़्रीक़ुएन्सी क्या है?', उसी आवाज ने दूसरी बार ये सवाल किया था। शायद सवाल मुझसे ही पूंछा जा रहा था।  मैंने काले रंग की उस लम्बी सी कार को घूरना बंद किया जिसका ड्राईवर गुनगुनाते हुए उसे

28

निःशब्द

3 अक्टूबर 2023
2
2
0

रूमी अपने गांव में दादाजी के साथ कुछ दिन के लिए छुट्टी मनाने अमेरिका के एक बड़े संस्थान से मैनेजमेंट की डिग्री लेकर आई थी। ब्रांडिंग के बारे में चर्चा करते हुए उसने दादाजी को मैकडोनल कंपनी का उदाहरण द

29

ज्ञान की बात

3 अक्टूबर 2023
2
2
0

टेलीविजन पर शंकराचार्य और मंडन मिश्र के शास्त्रार्थ का प्रसंग चल रहा था। जीत और हार के लिए जो मानक निर्धारित किए गए थे मुझे उस समय वह बड़े हास्यास्पद लग रहे थे। दोनों के गले में फूलों की एक-एक माला थी

30

झूठा इंसान

3 अक्टूबर 2023
2
0
0

कई साल पहले की बात है , मैं दिल्ली में नौकरी करता था. सर्दियों की एक सुबह स्कूटर पर मैं गाज़ियाबाद से अपने ऑफिस जा रहा था।  रोज की इस दिनचर्या में स्कूटर के साथ दिमाग में विचार भी अपनी गति और दिशा में

31

फर्जी अफसर

3 अक्टूबर 2023
2
2
0

एक बार मेरा भतीजा अपने मित्र का फौज की वर्दी में एक फोटो लेकर आया और बोला कि चाचा यह भी फौज में अफसर बन गया है। मैंने कुछ पल तक उस फोटो को देखा और कहा,"तुम्हारा दोस्त तुमसे कोई मज़ाक कर रहा है, यह आदम

32

नयी ट्रक

3 अक्टूबर 2023
2
1
0

हमारे यूनिट में एक बार एक प्रख्यात कंपनी की दो दर्जन ट्रक ट्रायल की लिए आईं। ये उस समय की देश की आधुनिकतम ट्रक थीं जिसमे‘आटोमेटिकगियर’ लगे थे। इस ट्रायलके आधार पर ही उस कंपनी को फौज से एक बड़ा आर्डर मि

33

लौटा बचपन

3 अक्टूबर 2023
2
1
0

 "खुशबू,मैं नीचे टहलने जा रहा हूँ, तुम भी चलोगी क्या?" मैंने सोफे से उठते हुए पूछा।   इससे पहले कि खुशबू कोई जबाब देती,माया ने उसे आंखें दिखते हुए कहा,“खुशबू को अभी होम-वर्क पूरा करना है,आप जाइये।“ 

34

विदेशी मेहमान

3 अक्टूबर 2023
2
0
0

 जमुनादास की चाय तो कुछ खास नहीं थी पर उसकी छोटी सी दुकान पर जमीं रहने वाली भीड़ शायद उसकी लच्छेदार बातों के दम पर ही जुटा करती थी। हर बात वो इतने विश्वास के साथ कहता था कि मानों उसके आँखों के सामने घ

35

सारी दुनिया को बेच डालूँगा

3 अक्टूबर 2023
2
1
0

 बेचनलाल जी बचपन के मित्र है। तीन साल पहले तक सैकिंड-हैण्डखटारास्कूटर को घसीटते घूमते थे। अब न जाने कैसे उनका कायापलट हो गया है। पांच गाड़ियों और दो फ्लैट के साथ आलीशान आफिस है। बड़ा काम हैऔर नाम भी।

36

ये कैसी भीड़ ?

3 अक्टूबर 2023
2
0
0

 उस दिन से पहले मैं भगवान् से हमेशा मन्नत माँगता था कि मेरे खोमचे पर भी खूब भीड़ हो.  वैसी ही भीड़ जैसी नंदू और राधे के खोमचों पर अक्सर हुआ करती है. इसी भीड़ के दम पर वो लोग अक्सर मेरा मजाक भी उड़ाया करत

37

किरायेदार

3 अक्टूबर 2023
2
1
0

गुप्ताजी का आज का व्यवहार अप्रत्याशित था । पिछले बारह वर्षों से मैं उनका किरायेदार था पर हम दोनों के परिवारों के बीच इतना आना-जाना था कि लोग उन्हें हमारा रिश्तेदार ही समझते थे। घर में कोई उत्सव हो या

38

आँख वाले तो देख लेते

3 अक्टूबर 2023
2
0
0

कई साल पहले की बात है ,मेरे ग्यारह वर्षीय पुत्र ने गिटार सीखने की इच्छा जाहिर की थी। मेरे घर के पास ही एक संस्थान था जहाँ बच्चों को गिटार सीखने का प्रशिक्षण दिया जाता था, अत: मैंने अपने बेटे का दाखिला

39

नमूने

3 अक्टूबर 2023
2
0
0

मेरे एक मित्र के सर पर गिनती के पांच बाल हैं। यह कोई अतिशयोक्ति नहीं हैं बल्कि बिलकुल सत्य वचन हैं । आप चाहें तो गिन भी सकते हैं। पर मजाल हैं की कोई उनको सामने आकर गंजा कह जाये। वो पहले तो अविश्वास से

40

हिसाब किताब

3 अक्टूबर 2023
2
2
0

घर में कल शाम से ही बबाल मचा हुआ था। शाम को सुधा की शादी में जाना था और लेन देन की डायरी कहीं मिल ही नहीं रही थी। इस डायरी में इस बात का हिसाब किताब रखा जाता था कि किसने हमारे घर में हुए किसी समारोह म

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए