सोनल अपने माता - पिता के साथ बहुत जल्द ही दिल्ली अपने घर जाने वाली थी ? एक दिन सोनल और साहिल अपनी गर्दन के पीछे दिल का टैटू बनवाते हैं । साहिल और सोनल उस दिल के अंदर S लिखवाते हैं । दोनों का टैटू सेम रहता है जिससे वो दोनों बड़े होने पर एक - दूसरे को टैटू के वजह से पहचान ले ।
सोनल - " साहिल ! तुमने जो मुझे रिंग दी थी । हम दोनों के बड़े होने पर तुम उसकी वजह से भी तो मुझे पहचान सकते हो ? "
साहिल - " रिंग की वजह से भी पहचान सकता हूं लेकिन मान लो कभी तुम्हारी रिंग खो जाए । तब मैं तुम्हें इस टैटू की वजह से पहचान लूंगा । "
कशिश भी अपने हाथ पर एक टैटू बनवाती है , जो उन दोनों से अलग रहता है । साहिल सोनल और कशिश घर आकर अपने मम्मी - पापा को और अंकल आंटी को टैटू दिखाते हैं । साहिल और सोनल का टैटू देखकर दिलरे सिंह बोलते हैं ।
दिलेर - " अरे ! बेटा टैटू वाले ने तुम दोनों का टैटू अनजाने में एक जैसा बना दिया क्या ? "
साहिल - " नहीं ! अंकल हम दोनों ने जानबूझकर एक जैसा बनवाया जिससे हम दोनों आगे चलकर एक दूसरे को पहचान सके । "
राहुल - " लेकिन ! बेटा अगर ऐसा हो जाए कि तुम दोनों आगे चलकर कभी मिलो ही ना तो ? "
सोनल - " नहीं ! अंकल ऐसा कभी नहीं होगा । मैंने तो आप लोगों का घर देखा ही है , अगर साहिल नहीं आएगा , मुझसे मिलने तो , मैं आ जाऊंगी उससे मिलने । हम दोनों एक दूसरे से जरूर मिलेंगे । चाहे जानबूझकर या इत्तेफाक से , लेकिन मिलेंगे जरूर । "
तभी साहिल की मां शीतल वहां सबके लिए चाय लेकर आती है । सोनल की बात सुनकर कहती है , " सोनल ! बेटा तुम बिल्कुल सही कह रही हो तुम दोनों एक - दूसरे से जरूर मिलोगी चाहे जानबूझकर या इत्तेफाक से ? "
सब लोग बैठकर ढेर सारी बातें करते हैं और इंजॉय करते हैं । सोनल कशिश और साहिल तीनों बच्चे जाकर गार्डन में खेलते हैं । सोनल और साहिल के माता - पिता सोनल और साहिल की ये जो दोस्ती से बढ़कर अहसास है , उसी के बारे में बात करने लगते है ।
रोमा - " देखिए ना ! हमारे बच्चे कितने समझदार हैं ? हमे लग रहा था की सोनल और साहिल एक - दूसरे से दूर होकर नाराज हो जाएंगे , लेकिन हमारे बच्चे भविष्य में दोबारा मिलने की तैयारियां कर रहें हैं , जिससे ये दोनों एक - दूसरे को बिना किसी के बताए पहचान जाए । "
तभी साहिल , सोनल और कशिश दौड़ते हुए आते हैं और कहते हैं , कि हम लोगों की फोटो खींचिए । मैं इसे एक फ्रेम में लगाकर हमेशा अपने कमरे में रख लूंगा , तभी सोनल कहती है " मैं भी एक फोटो अपने पास रखूंगी । "
सब लोग जाकर एक साथ फोटो खिंचवाते हैं । कुछ फोटो में सोनल अकेले रहती है , तो कुछ फोटो में सोनल और साहिल रहते हैं , कुछ फोटो में कशिश , साहिल और सोनल रहते हैं , कुछ फोटो में सोनल की पूरी फैमिली तो कुछ फोटो में साहिल की पूरी फैमिली तो कुछ फोटो में सोनल और साहिल की पूरी फैमिली रहती है ।
साहिल - " सोनल ! हम जो भी फोटो खिंचवाए हैं , उन फोटो में हर फोटो की दो कॉपी होगी । " एक मैं अपने पास रखूंगी और एक तुम अपने पास रखना । हम दोनों फोटो की एक - एक कॉपी फ्रेम में लगवाकर अपने रूम में रखेंगे । "
फोटो खिंचवाने के बाद सब लोग घर जाते हैं । उसके अगले दिन साहिल का बर्थडे रहता है । साहिल , कशिश और सोनल खेल रहे होते हैं , तभी कशिश सोनल से कहती है , " सोनल कल साहिल भाई का बर्थडे है । आज मुझे साहिल भाई के लिए गिफ्ट लेने जाना है । "
सोनल - " अरे ! कल साहिल का बर्थडे है और मुझे साहिल ने बताया भी नही ? "
सोनल साहिल से कुछ भी नही कहती है । कशिश अपनी मम्मी के साथ बाजार जाती है और साहिल के लिए गिफ्ट लेकर आती है । साहिल की मम्मी शीतल सोनल के घर आती हैं और उनके परिवार को बर्थडे पार्टी का निमंत्रण दे कर जाती हैं ।
शीतल घर जाकर साहिल से कहती है - " साहिल ! बेटा तुमने सोनल को बताया की कल तुम्हारा बर्थडे है ? "
साहिल ( चिल्लाते हुए ) - " ओह ! मम्मी मैं तो भूल गया ? मैने उसे नहीं बताया की कल मेरा बर्थडे है । " मैं अभी उसे बता कर आता हूं ?
इतना कहकर साहिल दौड़कर सोनल के घर जाता है । रोमा साहिल को दौड़कर आता देख बोलती है - " अरे बेटा ! धीरे चलो नहीं तो गिर जाओगे ? "
साहिल ( हांफते हुए ) - " आंटी ! सोनल कहां है ? "
रोमा - " साहिल ! क्या हुआ ? कुछ बताओगे ? "
साहिल - " आंटी ! वो दरअसल मुझे सोनल को बताना है की कल मेरा बर्थडे है और उसे जरूर आना है ? "
रोमा - " जाओ देखो ! सोनल अपने रूम में बैठी होगी ? "
साहिल तुरंत सोनल के कमरे में जाता है । सोनल अपने रूम में कार्टून देख रही होती है । तभी साहिल सोनल को कहता है - " सोनल ! कल मेरा बर्थडे है और तुम्हे जरूर आना है ।" मैं तुम्हे बताना भूल गया था इसीलिए मैं दौड़ता - भागता तुम्हारे पास आ गया की कहीं तुम मुझसे नाराज ना हो जाओ ?
सोनल - " साहिल ! तुम मेरे बहुत अच्छे दोस्त हो और अगर तुम मुझे बर्थडे में नही बुलाते , तब भी मैं तुम्हारे बर्थडे में जरूर आती ? "
अगले दिन साहिल के बर्थडे की तैयारी हो रही होती है । सोनल , रीमा और दिलेर साहिल के घर ही गए रहते हैं । सब लोग मिलकर साहिल के बर्थडे पार्टी की तैयारी करते हैं ।
थोड़ी देर में सारी तैयारियां पूरी हो जाती है । साहिल के बर्थडे में जितने भी मेहमान आने होते हैं वो सभी आ जाते हैं । थोड़े देर बाद केक काटने का समय हो जाता है । थोड़ी देर में साहिल केक काटने लगता है । साहिल केक काट के सबसे पहले अपनी मम्मी , पापा , कशिश फिर सोनल को खिलाता है तब दिलेर अंकल और रोमा आंटी को केक खिलाता है ।
कशिश साहिल के लिए कपड़ा खरीदे रहती है और साहिल को गिफ्ट करती है । राहुल मेहरा साहिल को टच वाली घड़ी देते हैं । शीतल साहिल को एक परफ्यूम गिफ्ट करती है । साहिल को परफ्यूम काफी पसंद रहता है । सोनल साहिल को गिफ्ट में एक कप देती है जिसमें साहिल की और खुद सोनल की फोटो रहती है । सोनल की गिफ्ट देखकर साहिल बहुत खुश होता है । राहुल और दिलेर दोनों मिलकर सारे मेहमानों को केक देते हैं और सबको खाना खाने के लिए ले जाते हैं ।
मेहमानों के खाना खाने के बाद दिलेर की फैमिली और राहुल की फैमिली बैठकर एक साथ खाना खाते हैं । खाना खाने के बाद सब लोग क्या करते हैं और पार्टी का फूल इंजॉय करते हैं । साहिल कहता है कि ये बर्थडे पार्टी मेरे लिए सबसे यादगार बर्थडे पार्टी रहेगी । सब देर रात डांस करने के बाद अपने - अपने घर सोने के लिए चले जाते हैं ।
अगले दिन सोनल को अपने घर दिल्ली जाना रहता है । सुबह से दिलेर सिंह और रोमा अपने घर दिल्ली जाने के लिए पैकिंग करना शुरू कर देती है । तभी साहिल के घर आता है और बोलता है अंकल आप लोग दिल्ली जा रहे हैं क्या ?
दिलेर - " हां बेटा एक न एक दिन तो जाना ही पड़ेगा ? "
साहिल - " आप लोग अब दोबारा यहां कब आएंगे ? मुझे आप लोगों की और सोनल की बहुत याद आएगी ? "
दिलेर - " बेटा ! हमें भी आपके मम्मी - पापा की और आप की कशिश की याद तुम्हारी आएगी ? "
थोड़ी देर में सब लोग तैयार हो जाते हैं पैकिंग कर लेते हैं फिर स्टेशन के लिए निकल जाते है । राहुल , साहिल , शीतल और कशिश उन लोगों को स्टेशन तक छोड़ने जाता है । दिलेर और राहुल एक - दूसरे के गले लगते हैं , सोनल कशिश और साहिल से गले मिलती है । थोड़ी देर बाद ट्रेन आ जाती है सब लोग ट्रेन में चले जाते है और खिड़की की तरफ से सोनल साहिल और कशिश को बाय करती है । साहिल की आंखे भर आती है और सोनल साहिल को कहती है - " हम फिर मिलेंगें । "
थोड़ी ही देर में ट्रेन चल पड़ती है । देखते ही देखते दिलेर सिंह की फैमिली दिल्ली अपने घर पहुंच जाते है ।
अब क्या साहिल और सोनल दोबारा मिल पाएंगे ? क्या वो एक - दूसरे को पहचान पाएंगे ? क्या साहिल इसी तरह हंसमुख , सरल स्वभाव , सबकी केयर करने वाला ही रहेगा या उसमे बदलाव आ जायेगा ? क्या सोनल भी ऐसी ही रहेगी की आगे चलकर वो भी बदल जाएगी ?
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