अब तक आपने पढ़ा कि साहिल सोनल को ढूंढने के लिए हर मुमकिन प्रयास करता है । साहिल सोनल को ढूंढने के लिए उस हॉस्पिटल के बाहर भी जाता है जहां सोनल मिताली और उनका पूरा बैच ट्रेनिंग के लिए आता है । साहिल और सोनल हमेशा एक दूसरे को देखते हैं , एक दूसरे से लड़ते - झगड़ते हैं , लेकिन ना ही सोनल को पता है , कि ये लड़का मेरे बचपन का दोस्त साहिल है और ना ही साहिल को पता है कि ये लड़की मेरी बचपन की दोस्त सोनल है , जिसे वो पागलों की तरह ढूंढ रहा है ।
साहिल के दोस्त निखिल और आरव सोनल को देखकर उसकी खूबसूरती की तारीफ करते हैं और साहिल भी सोनल को हंसता देख मदहोश हो जाता है ।
तभी साहिल की नजर उसके पापा पर पड़ती है । साहिल अपने पापा को देखकर उनसे कहता है - " पापा ! आप यहां कैसे ? "
तब साहिल के पापा साहिल को बताते हैं , कि यहां पर कोई लड़का सोनल को हमेशा परेशान करता है । मैं उसी को सबक सिखाने के लिए यहां आया हूं । साहिल ये बात सुनकर बहुत गुस्सा हो जाता है , की कोई लड़का सोनल को परेशान करता है ।
राहुल - " साहिल ! बेटा तुम गुस्सा मत हो ? मैं उसे समझा दूंगा । सोनल बता रही थी की वो सिर्फ उसे कड़वी बातें करके चिढ़ाता है । "
साहिल - " पापा ! अगर वो साला मुझे मिल जाए , तो मैं उसे मार - मार कर पूरा कड़वा करेला बना दूंगा ? "
( साहिल नहीं जानता की वो खुद को कड़वा करेला बनाने की बात कर रहा है । )
" पापा ! आप जाइए ।
मैं , उस लड़के को
संभाल लूंगा ? "
शाम हो गई रहती है , तो साहिल के पापा घर चले जाते हैं । साहिल वहीं चाय के दुकान पर बैठा रहता है ।
साहिल ( अपने दोस्तों से ) - " यार ! अब मुझे लग रहा है , की सोनल को ढूंढने के लिए मुझे कोई प्लान बनाना पड़ेगा ? "
साहिल के दोस्त - " साहिल ! कैसा प्लान ? "
साहिल - " देखो ! मुझे ये पता है की सोनल इसी बैच की एक स्टूडेंट है , तो फिर कल सुबह जब ये बैच बस अड्डे पर आए , तो तुम लोग जोर से मेरा नाम लेना । वो भी पूरा नाम ' साहिल मेहरा ' । "
आरव - " साहिल ! इससे क्या होगा ? "
साहिल - " देखो ! मैं सोनल को ढूंढने के लिए उन लोगों के पास जाता हूं । मैं उन सब से ये पूछता हूं की तुम लोगों में से सोनल सिंह कौन है ? लेकिन उस बैच में मेरा नाम कोई लड़की नहीं जानती ? तो अगर तुम लोग मेरा पूरा नाम जोर से बोलोगे तो उसमें जो मेरी सोनल होगी । वो फाटक से मेरा नाम जान जायेगी और वो एक बार पीछे मुड़ कर जरूर देखेगी ? फिर क्या पता वो आकर ये भी पीछे की ( लड़कियों की आवाज निकालते हुए ) आप लोगों में से साहिल मेहरा कौन है ? "
तभी बीच में ही निखिल बोलने लगता है - " वाह भाई ! ये तो प्लान बहुत अच्छा है । ये जरूर काम करेगा । "
साहिल - " हां यार ! मुझे भी लगता है की ये प्लान जरूर काम करेगा ? "
अनुज - " साहिल ! तुझे कैसे पता की जो लड़की तुम्हारा नाम सुनकर आएगी , वो सोनल ही हो ? "
साहिल - " देखो ! उस बैच की और लड़कियां साहिल मेहरा को नहीं जानती है सिवाय सोनल के , तो जो लड़की यहां आएगी वो सोनल ही होगी , क्योंकि वो अपने बचपन के दोस्त साहिल मेहरा को जानती है । "
अनुज - " हां ! मुझे भी लग रहा है की ये प्लान काम करेगा । "
सब लोग प्लैन बनाकर अपने - अपने घर चले जाते हैं फिर अगले दिन वहीं चाय के दुकान पर आकर बैठते हैं । थोड़ी ही देर में सोनल , मिताली और उनका पूरा बैच बस अड्डे पर आती हैं। बस अड्डे के बगल ही चाय की दुकान रहती है । उसी चाय के दुकान पर साहिल , आरव , निखिल , सुरेश और अनुज बैठे रहते हैं । तभी साहिल और उसके दोस्त अपने प्लान की शुरुवात कर देते हैं । साहिल कुछ दूर जाकर खड़ा हो जाता है ।
आरव ( जोर - जोर से ) - " साहिल मेहरा ! कहां हो यार , जल्दी आओ ? "
अनुज - " यार ! ये साहिल मेहरा कहां गया ? "
निखिल ( सोनाली के बैच के तरफ जोर से चिल्लाते हुए ) - " अरे यार ! ये साहिल मेहरा कहां गया ? "
तभी सोनल और मिताली उन लोगों की तरह देखने लगती हैं । मिताली हंसते हुए सोनल से बोलती है ।
मिताली - " सोनल ! तुम सुन रही हो ना , कहीं ये लोग जिस साहिल मेहरा को बुला रहें हैं वो कहीं तुम्हारे बचपन का दोस्त साहिल तो नहीं है ? "
सोनल ( खुश होकर मुस्कुराते हुए ) - " हां मिताली ! मुझे भी यही लग रहा है कि कहीं ये मेरे बचपन का दोस्त साहिल तो नहीं ? मैं अभी उन लोगों से पूछ के आती हूं ? "
मिताली - " सोनल ! तुम वहां मत जाओ ? तुम यहीं मेरा इंतजार करो मैं अभी उन लोगों से पूछ के आती हूं। "
सोनल ( एक्साइटेड होकर ) - " ठीक ! मिताली तुम जल्दी जाओ और मैं यहीं से देखूंगी की मेरे बचपन का दोस्त साहिल मेहरा कैसा दिखता है । "
तभी मिताली चाय के दुकान के पास जाती है । मिताली को वहां आता देख साहिल को यकीन हो जाता है की यही मेरी बचपन की दोस्त मेरी सोनल है ।
मिताली ( साहिल के दोस्तों से ) - " हे ! आप लोगों में से कौन साहिल मेहरा है ? "
साहिल के दोस्त ( साहिल के तरफ उंगली दिखाते हुए ) - " वो जो ब्लैक शर्ट वाला हैंडसम लड़का खड़ा है ना , वही साहिल मेहरा है । "
मिताली ( चौंक कर ) - " कौन ! वो लड़का ? वो साहिल मेहरा है । "
साहिल के दोस्त - " हां ! वो लड़का ही साहिल मेहरा है । "
मिताली - " अरे यार ! आप लोग भी क्या मजाक कर रहे हो ? ये तो हमेशा लड़ता - झगड़ता रहता है । ( धीरे से ) सोनल मानेगी ही नही की ये साहिल मेहरा उसके बचपन का दोस्त है , जो उसी से हमेशा लड़ता रहता है । "
साहिल के दोस्त - " हेलो ! कुछ कहा आपने ? "
तभी साहिल वहां आ जाता है । साहिल मिताली को देखकर खुश हो जाता है । साहिल मिताली को ही सोनल समझ बैठता है ।
मिताली ( साहिल को आता देख ) - " अच्छा ! अब मैं चलती हूं ? "
साहिल ( हंसते हुए ) - " हेलो ! तुम ... । "
तभी मिताली वहां से चली आती है और साहिल अपनी बात भी पूरी नहीं कर पाता । साहिल वहां से मिताली के पास ही आ रहा होता है । तभी बस आ जाती है । मिताली दौड़कर बस पर चढ़ने के लिए जाती है । तभी सामने से एक कार आ कर उसे बुरी तरह टक्कर मार देती है ।
जैसे ही मिताली को कार टक्कर मारती है । मिताली जाकर जमीन पर गिर जाती है । उसके शरीर से खून निकलने लगता है । वहां पर खड़ी सोनल चिल्लाते हुए मिताली के पास दौड़ते कर आती हैं ।
सोनल ( चिल्लाते हुए ) - " मिताली ! मिताली क्या हुआ तुम्हे मिताली ? "
( मिताली का हाथ पकड़कर ) " मिताली ! प्लीज उठो मिताली ? कोई है प्लीज मेरी सहेली को हॉस्पिटल ले चलिए , मिताली । "
तभी साहिल , सोनल और उसके दोस्त मिताली को उठाकर बस में लिटा कर हॉस्पिटल ले जाते हैं । जिस हॉस्पिटल में सोनल और मिताली ट्रेनिंग के लिए जाती हैं उसी हॉस्पिटल में मिताली का इलाज चलता है । सोनल हॉस्पिटल में बैठकर रोने लगती है । सोनल को रोता देख साहिल और साहिल के दोस्त उसे चुप कराने की कोशिश करते हैं ।
साहिल - " देखिए ! आप रोइए मत ? आपकी सहेली का इलाज चल रहा है । वो बहुत जल्दी ठीक हो जाएगी ? "
सोनल ( रोते हुए ) - " मैं तुम लोगों को कभी माफ नहीं करूंगी ? तुम लोगों के वजह से मेरी सहेली की ये हालत हुई है । मिताली के हालत के जिम्मेदार तुम हो ? "
साहिल - " तुम मुझे गलत समझ रही हो । जैसा तुम समझ रही हो वैसा कुछ नही है । "
सोनल - " तुम लोग मेरी सहेली को यहां तक लाए इसके लिए मैं आप लोगों का हाथ जोड़कर शुक्रिया अदा करती हूं ? अब प्लीज आप लोग यहां से जाइए ? मुझे घुटन हो रही है । "
साहिल - " देखो ! तुम लोग यहां तीन - चार दिन से रह रही हो , तुम लोगों को यहां कोई नहीं जानता और तुम अकेले ये सब हैंडल नहीं कर पाओगी ? अगर हम लोग यहां रहेंगे तो कोई कमी होगी , किसी चीज की जरूरत होगी , तो हम लोग उसका अरेंजमेंट कर देंगे ? "
सोनल - " नहीं ! मुझे तुम लोगों से कोई मदद नहीं चाहिए ? "
तभी नर्स सोनल के पास आती है । नर्स वहां आकर कहती है - " सोनल ! मिताली के शरीर से काफी ज्यादा खून निकल चुका है । मिताली का ब्लड B पॉजिटिव है और यहां B पॉजिटिव ब्लड नहीं है । क्या तुम ब्लड का अरेंजमेंट कर सकती हो । तुम्हारे बैच में एक लड़की है जिसका ब्लड ग्रुप B पॉजिटिव है । "
सोनल - " लेकिन आज मेरी बैच में से कोई नहीं आया । वो लोग हॉस्टल में हैं । "
नर्स - " सोनल ! हमारे पास ज्यादा टाइम नहीं है । तुम जल्दी कुछ करो । "
तभी साहिल वहां आता है । साहिल को पता चलता है की मिताली को ब्लड की जरूरत है ।
साहिल - " नर्स ! मेरा ब्लड B पॉजिटिव है । चलिए मैं खून देने को तैयार हूं ? "
सोनल - " रुको ! तुम मिताली को खून नहीं दोगे । मैं नहीं चाहती की उसकी रगो में तुम जैसे इंसान का खून बहे । "
नर्स - " ये बहस करने का टाइम नहीं है । मिताली की जान खतरे में है । "
साहिल ( नर्स से ) - " मैम ! आप चलिए । मिताली को खून की जरूरत है । "
तभी साहिल जाकर बेड पर लेट जाता है । डॉक्टर साहिल का ब्लड मिताली के शरीर में चढ़ान लगता है । थोड़ी देर तक मिताली को खून चढ़ाया जाता है । साहिल के दोस्त सोनल और साहिल के खाने के लिए फल लेकर आते हैं ।
साहिल के दोस्त ( सोनल के पास आकर ) - " देखिए ! ना हम आपके बारे में कुछ जानते हैं और न ही आप हमारे बारे में जानती हो। हम लोग उतने बुरे नहीं हैं जितना आप हमें समझती हैं । और आज जो भी हुआ उसके बाद आप हमें और भी गलत समझेंगीं लेकिन ये जो भी हुआ वो सिर्फ एक एक्सीडेंट था । उसमें किसी की कोई भी गलती नहीं थी । "
सोनल - " देखिए ! मैं कुछ नहीं सुनना चाहती हूं ? प्लीज मुझे अकेले छोड़ दो ? "
आरव - " अच्छा ! आप ये फल खा लीजिए । हम लोग जा रहें है । आप से एक विनती है अगर साहिल बाहर आ जाए तो आप हमें फोन कर देना ? "
सोनल - " मैं तुम लोगों का नंबर नहीं जानती हूं और मेरे पास फोन भी नहीं है मैने अपना पर्स अपने हॉस्टल की लड़की को दे दिया । मैं कैसे फोन करूंगी ? "
निखिल - " हां ! मेरे पास साहिल का फोन है । इसका पासवर्ड ' सोनल ' है । अगर साहिल बाहर आ जाए तो मेरे पास फोन कर देना । हम उसे लेने आ जायेंगे और शाम को आपके लिए कुछ घर का बना हुआ खाना भी ले आयेंगे । "
सोनल ( निखिल से ) - " सोनल ! ये सोनल कौन है ? "
निखिल - " सोनल साहिल के बचपन की दोस्त है । साहिल कई दिनों से सोनल को ढूंढ रहा है । शायद सोनल तुम लोगों के बैच में ही है । इसीलिए वो तुम से , तुम्हारी बैच की लड़कियों से सोनल सिंह के बारे में पूछ रहा था ? अभी कल वो इस हॉस्पिटल के बाहर भी सोनल को ढूंढने के लिए ही आया था । "
सोनल - " अपने बचपन के दोस्त साहिल के बारे में जानकर सोनल को बहुत खुशी होती है , लेकिन मिताली के एक्सीडेंट के वजह से नाराज भी रहती है । "
तभी साहिल के दोस्त वहां से चले जाते हैं । सोनल साहिल के मोबाइल का पासवर्ड खोलकर फोटो देखने लगती है । साहिल के मोबाइल में राहुल और शीतल की फोटो देखकर कहती है , " ये ही मेरा साहिल है । मेरे बचपन का दोस्त । "
सोनल कशिश की फोटो देखकर गेस कर लेती है की ये कशिश ही होगी । साहिल के मोबाइल में साहिल और सोनल के बचपन की सारी फोटो रहती है । सोनल बचपन की फोटो को देखकर बहुत खुश होती है ।
क्या सोनल साहिल के बाहर आते ही बता देगी की तुम्हारी बचपन की दोस्त कोई और नहीं बल्कि मैं ही हूं ? या फिर मिताली के एक्सीडेंट की वजह साहिल को जानकर उससे सच छिपा लेगी ?
जानने के लिए पढ़ते रहिए " मोहब्बत सिर्फ तुम से " ।