अब तक आपने पढ़ा की साहिल मेहरा और सोनल सिंह काफी अच्छे दोस्त बन चुके थे । वह दोनों जो कुछ भी लिए रहते थे , एक दूसरे के साथ शेयर जरूर करते थे , चाहे वह खाने की चीजें हो या फिर खेलने की चीजे हो ?
साहिल ने सुबह से सोनल को नहीं देखा था , इसलिए वह काफी ज्यादा दुखी हो गया था । सोनल से मिलने के लिए वह सोनल के घर भी गया था । वहां पहुंचने पर उसे पता चला कि सोनल को आज बुखार है , इसीलिए वह मेरे साथ खेलने नहीं आई । राहुल मेहरा कशिश और साहिल के लिए बर्गर लाते हैं कशिश अपना बर्गर खा लेती है , लेकिन साहिल अपना बर्गर नहीं खाता क्योंकि वह कोई भी चीज हो सोनल को जरूर देता था । साहिल सोनल का इंतजार कर रहा होता है लेकिन वह नहीं आती इसीलिए वह उसके घर जाता है और उसे खाने के लिए बर्गर देता है।
साहिल के मां के पूछने पर साहिल बताता है कि सोनल की तबीयत खराब है । मैं वहीं से आ रहा हूं ? यह बात सुनकर साहिल की मां शीतल सोनल से मिलने जाती हैं ।
शीतल जाती है , सोनल से मिलने तब उसे वहां पता चलता है की साहिल उसके लिए अपना बर्गर लेकर आया था और जो कभी भी डांटे या धमकाए बिना दूध नहीं पीता था उसने आज सोनल के कहने पर एक गिलास दूध पी लिया । वह भी बिना कुछ कहे ।
शीतल यह सुनकर काफी खुश होती है और कहती हैं
" सोनल ! बेटा आज से तुम मेरे यहां ही दूध पियोगी और साहिल को भी पिलाओगी। "
सोनल " ठीक ! मैं साहिल को कहूंगी तो वो दूध पी लेगा । मैं उसे जो भी कहती हूं , साहिल उसे जरूर करता है । वो मेरा सबसे अच्छा दोस्त है । "
शीतल " हां बेटा ! अब मुझे साहिल को डांटना नहीं पड़ेगा और वो दूध भी पी लेगा । "
रोमा चाय लेकर आते हुए" ये लीजिए ! चाय पीजिए और चिल करिए । "
तब रोमा और शीतल बैठकर चाय पीती हैं और ढेर सारी बातें करती हैं । दोनों बातें करते हुए जोर से हंस पड़ते हैं । तभी दिलेर सिंह आ जाते हैं । वो भी बैठ कर बातें करने लगते हैं । तभी रोमा दिलेर के लिए भी चाय लेकर आती हैं । शीतल थोड़ी देर बैठ कर बात करती है फिर मेहरा मेंशन चली जाती है ।
घर जाकर राहुल मेहरा से बताती है कि अब मुझे साहिल के पीछे ज्यादा परेशान नहीं होना पड़ेगा ।
राहुल " क्यों ? "
शीतल " क्योंकि , हमारे बेटे के लाइफ में कोई आ गया है जिसकी हर एक बात साहिल शांति से मान जाता है । वो जो कहती है , साहिल वही करता है । "
राहुल " जो कुछ भी हो लेकिन साहिल किसी के भी कहने पर कुछ भी करता होगा , लेकिन दूध कभी नहीं पिएगा ? "
शीतल राहुल की बात सुनकर हंसने लगती है और कहती है आप गलत कह रहे हैं , उसके कहने पर साहिल बिना कुछ कहे दूध पी लेता है । उसने आज एक गिलास दूध भी पिया बिना मेरे डांटे या धमकाए ?
राहुल हंसते हुए) " ये तो बहुत अच्छी बात है । कौन है वो मैं भी उससे मिलना चाहता हूं ? "
शीतल " अपनी सोनल ! "
राहुल " क्या ! सोनल ? "
शीतल " हां ... हां .. अपने पड़ोसी , आपके दोस्त दिलेर सिंह की बेटी ? मुझे तो बहुत प्यारी लगती है वो बच्ची ? "
राहुल " हां ! प्यारी तो है सोनल ? "
शीतल " पता है ! आज क्या हुआ जो आप कशिश और साहिल के लिए बर्गर लाए थे । वह बर्गर साहिल ने नहीं खाया बल्कि सोनल के पास ले गया और थोड़ा थोड़ा दोनों ने खाया । साहिल के पास कोई भी चीज हो वह सोनल को दिए बिना नहीं खाता ? "
राहुल " अच्छा ! मेरा बेटा भी मेरी तरह ही अपने दोस्तों का ख्याल रखता है । आज से मैं दो नहीं तीन चीज लाऊंगा चाहे वह खाने वाली हो या खेलने वाली हो । "
शीतल " मैने तो कह दिया की आज से सोनल मेरे घर आकर दूध पीएगी और साहिल को भी दूध पीने के लिए कहेगी जिससे मुझे उसके साथ जबरदस्ती ना करना पड़े । जबरदस्ती करने से बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं और उनकी ग्रोथ रुक जाती है । इसलिए कल से साहिल खुश होकर दूध पिएगा । "
शीतल और राहुल बात करते करते सो जाते हैं । साहिल और सोनल भी अपने रूम में सो जाते है ।
सुबह पार्क में बैठकर राहुल और दिलेर बात करते हैं । दिलेर कहता है " कि अब मुझे बहुत जल्दी यहां से जाना पड़ेगा। काफी काम है , उसे भी नहीं छोड़ सकता ? "
राहुल " सब लोग चले जायेंगे या फिर सिर्फ आप ही जायेंग ? "
दिलेर " मैं , रोमा और सोनल तीनों लोग जायेंगे? अब यहां किसके सहारे बीवी और बच्चों को छोड़ कर जाऊंगा ? "
राहुल " नहीं भाई साहब ! आप चिंता मत करना अगर आपको कभी भी , कोई भी परेशानी हो तो आप मुझे बेझिझक बता सकते हैं । मैं जहां भी रहूंगा आपकी मदद के लिए हमेशा खड़ा रहूंगा ? "
दिलेर " हां ! मुझे आप पर पूरा भरोसा है । मैं जानता हूं आप किसी भी हालत में मेरी मदद जरूर करेंगे । "
राहुल " साहिल और सोनल बहुत अच्छे दोस्त बन चुके हैं । वो लोग कैसे रहेंगे ? साहिल तो सोनल के लिए हमेशा कोई न कोई गिफ्ट लेकर आता है । जब साहिल जानेगा की सोनल जाने वाली है , तब वो खाना पीना भी छोड़ देगा । "
तभी बच्चे खेलते हुए आते है । कशिश , सोनल और साहिल तीनों खेलते हुए आते हैं । राहुल और दिलेर बात करना बंद कर देते हैं , जिससे बच्चों को ना पता चले की सोनल जाने वाली है । सोनल को भी नही पता रहता है की उसे अपने घर जाना है ।
सोनल " पापा देखिए ! साहिल मेरे लिए गिफ्ट लेकर आया है । "
दिलेर " हां बेटा ! ये तो बहुत अच्छा है । "
रमेश " सोनल ! बेटा मुझे भी दिखाओ ? "
सोनल रमेश की तरफ हाथ बढ़ाते हुए" देखिए अंकल ! ये गिफ्ट मुझे साहिल ने दिया है । "
रमेश " हां बेटा ! ये तो बहुत अच्छी गिफ्ट है और ये रिंग तुम्हारे हाथों में बहुत अच्छी लगेगी । "
साहिल " पापा ! ये देखिए ये रिंग बड़ी भी हो सकती है और छोटी भी ? जब सोनल यहां से चली जाएगी और बड़ी होने के बाद यहां दोबारा आएगी तो मैं इसे इस रिंग की वजह से पहचान लूंगा ? "
कशिश " पापा देखिए ! मेरे पास भी ऐसी ही सेम रिंग है जिससे हम रिंग का कलर न भूले और सोनल जब भी मिले तब हम उससे उसका नाम पूछे बिना ही उसे पहचान लूंगी ? "
दिलेर " सोनल ! बेटा आप साहिल को क्या देंगी जिससे आप बड़े होने पर साहिल को पहचान लो ? "
सोनल " पापा ! मुझे साहिल को पहचानने के लिए किसी रिंग या किसी चीज की जरूरत नहीं है । मैं उसे वैसे ही पहचान लूंगी । मैं साहिल के आंखो से , उसकी बातों से , उसके विहेवियर से में उसे पहचान लूंगी । "
रमेश " साहिल बेटा ! तुम्हे कैसे पता की सोनल घर जाने वाली है । "
साहिल " हां ! सोनल बता रही थी ना की हम लोग घूमने आए हैं । तो जब सोनल और अंकल मुंबई घूम लेंगे तब वो लोग चले जायेंगे । "
दिलेर " तो फिर देर किस बात की है , सब लोग तैयार हो जाओ । आज हम लोग एक साथ घूमने जाएंगे और खूब सारी मस्ती करेंगे । "
कशिश , सोनल और साहिल एक साथ घूमने जाने की बात सुनकर बहुत खुश हो जाते हैं । दिलेर , रोमा और शीतल तैयार होकर राहुल के घर जाते हैं । राहुल के घर में राहुल , शीतल , कशिश और साहिल भी तैयार हो गए रहते हैं , फिर सब लोग एक साथ घूमने जाते हैं और खूब सारी मस्ती करते हैं । सब लोग एक गार्डन में जाते हैं , वहां पर बच्चे जाकर झूला झूलने लगते हैं । सारे बच्चे खूब इंजॉय करते हैं ।
सब लोग घूम फिर कर घर आ जाते हैं । अब कुछ दिनों में ही सोनल और उसकी मम्मी और पापा अपने घर जाने वाले थे ।
साहिल और सोनल एक दूसरे से दूर होने के बाद क्या फिर कभी मिल पाएंगे और क्या एक दूसरे को पहचान पाएंगे ? क्या कुछ सालों के बाद भी साहिल और सोनल का व्यवहार ऐसा ही रहेगा या दोनों बहुत अलग व्यवहार के हो जाएंगे ।
जानने के लिए पढ़ते रहिए " मोहब्बत सिर्फ तुम से " ।