अब तक आपने पढ़ा कि साहिल और सोनल एक - दूसरे से प्यार करने लगे हैं । साहिल तो अपनी फीलिंग सोनल को दिखाता है , लेकिन सोनल अभी अपनी फीलिंग छिपाए हुए है । सोनल सुबह शॉवर लेकर नीचे जाती है । तभी साहिल को सोता देख उसे परेशान करने के लिए साहिल के कमरे में चली जाती है । साहिल मजे से सोया रहता है । तभी सोनल साहिल के चेहरे पर अपने गीले बालों का पानी डालने लगती है । पहली बार पानी पड़ने पर साहिल अपना मुंह दूसरी तरफ कर लेता है , लेकिन सोनल तो बिलकुल शरारत करने के मूड में थी । सोनल जब दूसरी बार साहिल के ऊपर पानी डालती है , तब साहिल सोनल को पकड़ कर खींच लेता है और सोनल साहिल के ऊपर गिर जाती है ।
सोनल साहिल को छोड़ने के लिए कहती है , लेकिन साहिल सोनल को नहीं छोड़ता है । तभी सोनल अपने आप को साहिल से छुड़ाने के लिए कहती है की शीतल आंटी आ रही है। ये सुनकर साहिल तुरंत सोनल को छोड़ देता है । सोनल को छोड़ने के बाद साहिल को पता चलता है की सोनल मजाक कर रही थी ।
साहिल ( दरवाजे की तरफ देखते हुए ) - " सोनल ! तुम चली गई क्या ? "
तभी दरवाजे के पास जाकर देखता है , तो सोनल हॉल में पहुंची रहती है ।
साहिल ( मुस्कुराते हुए ) - " I love you जानू । मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं । बहुत जल्दी मैं तुम्हे परपोज करूंगा । "
तभी मुस्कुराते हुए साहिल फ्रेश होने के लिए चला जाता है । फ्रेश होने के बाद हॉल में आता है , तो सोनल को देख कर मुस्कुराने लगता है । सोनल भी साहिल को देख कर मुस्कुराने लगती है।
शीतल ( नाश्ता लेकर आते हुए ) - " सब लोग बैठो । मैं नाश्ता लेकर आ रही हूं । सोनल बेटा मिताली को भी लेते आओ । "
सोनल ( साहिल को देखकर मुस्कुराते हुए ) - " हां ! आंटी मैं अभी मिताली को लेकर आती हूं ? "
साहिल ( शीतल से ) - " मम्मी ! मैं भी जाऊं ? सोनल मिताली को अकेले नहीं ला पाएगी । मैं रहूंगा तो सोनल की कुछ हेल्प हो जाएगी , क्यों सोनल ? "
सोनल ( आंखे छोटी करके ) - " साहिल ! मैं अकेले ही काफी हूं ? "
साहिल ( मुंह बनाते हुए ) - " हां ! मुझे पता है । तुम बॉडी बिल्डर हो , चलो अब मिताली भूखी होगी ? "
तभी साहिल सोनल का हाथ पकड़ लेता है और उसे अपने साथ ले जाता है । सोनल साहिल का चेहरा देखकर मुस्कुराने लगती है ।
साहिल ( सोनल को मुस्कुराता देख ) - " सोनल ! तुम मुझे देख कर क्यों हंस रही हो ? "
सोनल ( हंसना बंद करके प्यार से ) - " साहिल ! मैं कहां हंस रही हूं ? तुम भी ना कमाल करते हो ? "
सोनल इतना कहकर फिर हंसने लगती है । साहिल फिर से सोनल को हंसता देख लेता है ।
साहिल ( सोनल को देखकर ) - " सोनल ! तुम फिर से हंस रही हो ? "
सोनल ( मुंह बनाकर ) - " साहिल ! मैं कहां हंस रहीं हूं ? "
साहिल ( सोनल के कमर पर हाथ रखकर अपनी तरफ खींचता हुआ ) - " सोनल ! अब हंसो ? अब मैं भी तुम्हे हंसते हुए देखना चाहता हूं ? "
सोनल ( साहिल का चेहरा देखते हुए ) - " साहिल ! छोड़ो मुझे ? कोई देख लेगा तो क्या समझेगा ? "
साहिल ( मुस्कुराता हुआ ) - " सोनल ! मैं तुमसे प्यार करता हूं ? कोई कुछ भी समझे इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता ? "
सोनल ( आंखे बड़ी करके ) - " साहिल ! तुम हंस रहे हो ? मैं कह रहीं छोड़ो मुझे ? "
साहिल ( हसना बंद करके ) - " सोनल ! तुम भी कमाल करती हो ? मैं कहां हस रहा हूं ? "
सोनल ( मुंह बनाते हुए ) - " साहिल ! तुम मेरी नकल उतार रहे हो ? "
साहिल ( मुस्कुराते हुए ) - " सोनल ! तुम कितनी सुंदर हो ? मेरी नजर तुम्हारे चेहरे से हटती ही नही , मैं तुम्हे देखते ही मदहोश हो जाता हूं ? "
सोनल ( मुस्कुराते हुए ) - " साहिल ! आंटी हमारा इंतजार कर रही होंगी । हम यहां मिताली को बुलाने आए हैं ना की रोमेंस करने ? "
साहिल ( मुस्कुराते हुए ) - " सोनल ! मैं तुम्हे नहीं छोडूंगा ? "
सोनल ( मुस्कुराते हुए ) - " साहिल ! संभाल के , मैं वही सोनल हूं , जो तुम्हे दो दिन पहले टक्कर देती थी । मैं जो भी करूंगी अंकल , आंटी और कशिश के सामने करूंगी ? "
साहिल ( मुस्कुराते हुए ) - " साहिल ! मैं उस पल का बेसब्री से इंतजार करूंगा ? "
सोनल ( मुस्कुराते हुए ) - " जरूर ! तुम बस देखते जाओ , लेकिन पहले मुझे छोड़ो ? "
साहिल ( मुस्कुराते हुए ) - " सोनल ! तुम सिर्फ मुझे एक बार मुस्कुराकर प्यार से छोड़ने के लिए कह दो ? मैं तुरंत तुम्हे छोड़ दूंगा ? "
सोनल ( मुस्कुराते हुए प्यार से ) - " साहिल ! प्लीज मुझे छोड़ दो ? हम मिताली को ले आएं , सब लोग नाश्ते के लिए हमारा इंतजार कर रहे होंगे ? "
साहिल ( सोनल को छोड़कर ) - " सोनल ! चलो जल्दी मिताली को लेकर आएं , वो भूखी होगी ? "
सोनल ( मुस्कुराते हुए ) - " साहिल ! चलो जल्दी ? "
साहिल और सोनल मिताली को लेकर आते है । सोनल मिताली को बीच में बिठाने जा रही होती है , लेकिन साहिल सोनल को किनारे बैठा देता है और खुद बीच में बैठ जाता है । अब सोनल के बैठने के लिए सिर्फ साहिल के दाहिने तरफ की ही कुर्सी खाली रहती है ।
साहिल ( मुस्कुराकर कुर्सी पीछे करते हुए ) - " सोनल ! बैठो और जल्दी से नाश्ता करो । "
सोनल ( मुस्कुराकर ) - " थैंक यू साहिल ! मुझे तो बहुत तेज भूख लगी है । "
शीतल ( मुस्कुराते हुए ) - " हां ! बेटा मैं अभी तुम्हे नाश्ता देती हूं ? "
शीतल सोनल , साहिल और मिताली को नाश्ता देती है। साहिल अपना हाथ नीचे किए रहता है । नाश्ता मिलने के बाद जैसे ही साहिल खाने के लिए अपना दाहिना हाथ ऊपर उठता है , वैसे ही सोनल साहिल का दाहिना हाथ पकड़ लेती है , और साहिल का हाथ पकड़ कर नीचे कर लेती है ।
साहिल ( मुस्कुराते हुए सोनल से कहता है ) - " सोनल ! तुम मेरा हाथ क्यों पकड़ी हो , मुझे नाश्ता करना है ? "
सोनल ( मुस्कुराते हुए ) - " साहिल ! मैं तुम्हारा हाथ नहीं छोडूंगी ? क्या तुम्ही जबरदस्ती करना जानते हो ? "
साहिल ( मुस्कुराते हुए ) - " सोनल ! ठीक है मैं अपना हाथ नहीं छुड़ाऊंगा, लेकिन जब मैं तुम्हारे साथ कुछ हरकत करूंगा , तो तुम बुरा मत मानना ? "
सोनल ( मुंह बनाकर ) - " साहिल ! मेरे साथ कोई ऐसी वैसी हरकत मत करना क्योंकि मैं बुरा मान जाती हूं ? "
राहुल ( साहिल और सोनल के तरफ देखते हुए ) - " बेटा ! तुम दोनों खाना क्यों नहीं खा रहे हो ? "
साहिल ( हड़बड़ाते हुए उल्टे हाथ से खाना खाते हुए ) - " प ... प... पापा ! देखिए मैं खा रहा हूं ? "
शीतल ( साहिल को देखते हुए ) - " साहिल ! बेटा तुम उल्टे हाथ से खाना खा रहे हो । सीधे हाथ से खाओ ? "
साहिल ( सोनल को देखते हुए ) - " मम्मी ! आज मैने सोचा की मैं उल्टे साथ से खाना खाऊं ? दोनों हाथ से खाना खाना चाहिए क्यों सोनल ? "
सोनल ( मुस्कुराते हुए ) - " हां ! दोनों हाथो से खाना खाना आना चाहिए ? "
साहिल ( मुस्कुराते हुए सोनल का हाथ तेज से पकड़ लेता है ) - " सोनल तुम भी अपने उल्टे हाथ से खाना खाओ ना ? "
सोनल ( मुस्कुराते हुए ) - " नहीं ! साहिल मैं उल्टे हाथ से खाना नहीं खाती हूं ? मुझे सीधे हाथ से ही खाना खाना पसंद है । "
साहिल ( मुस्कुराते हुए ) - " नहीं ! सोनल तुम ट्राई करके देखो । उल्टे हाथ से खाना खाने में बहुत अच्छा लगता है । "
सोनल ( अपना हाथ छुड़ाते हुए ) - " हां ! नहीं साहिल मेरा हाथ खाली नहीं है । मैं अपने सीधे हाथ से ही खाना खा लूंगी ? "
साहिल ( मुस्कुराते हुए ) - " सोनल ! तुम्हारे हाथ में क्या है ( सोनल और अपना हाथ देखते हुए ) सोनल कुछ भी तो नहीं है । "
सोनल ( मुस्कुराते हुए ) - " आंटी ! आप आकर देख लीजिए ? सच में मेरा हाथ खाली नहीं है ? "
कशिश ( मुस्कुराते हुए ) - " सोनल ! मैं आ रही हूं ? मुझे पता है की तुम्हारे हाथों को किसी ने रोक रखा है ? "
साहिल ( हड़बड़ाते हुए ) - " कशिश ! सोनल के हाथों को कौन रोक कर रखेगा ? "
सोनल ( मुंह बनाकर ) - " हां ! सच में कशिश मेरे हाथों को किसी ने पकड़ कर रखा है , इसी वजह से मेरा हाथ ऊपर नहीं आ रहा है । "
कशिश ( मुस्कुराते हुए ) - " सोनल ! मैं आ रही हूं ? अभी मैं आपके हाथों को खाली कर दूंगी ? "
साहिल ( सोनल का हाथ छोड़ते हुए ) - " कशिश ! तुम रहने दो सोनल अपना फोन और मेरा फोन ली हुई है , इसीलिए वो अपने उल्टे हाथ से नहीं खा रही थी , ना सोनल ? "
सोनल ( साहिल को देखते हुए ) - " हां ! इसीलिए क्योंकि मैं अपने हाथ में फोन पकड़ी थी ? "
तभी राहुल नाश्ता करके अपने ऑफिस चला जाता है ।
कशिश ( हंसते हुए ) - " सोनल ! तुम जल्दी नाश्ता कर लो फिर हम दोनों साथ में कॉलेज चलेंगे ? "
मिताली - कशिश ! तुम्हारा कॉलेज और हमारा हॉस्पिटल अलग जगहों पर है , तो तुम दोनों कैसे एक साथ जाओगी ? "
कशिश ( मुस्कुराते हुए ) - " मिताली ! मैं और सोनल टाइम से पहले निकलेंगे और दोनों टाइम पर अपने कॉलेज और हॉस्पिटल पहुंच जाएंगे ? "
साहिल - " सोनल और कशिश ! तुम दोनों जल्दी से तैयार हो जाओ फिर मैं तुम दोनों को कॉलेज और हॉस्पिटल छोड़ आऊंगा ? "
सोनल ( साहिल को देखते हुए ) - " साहिल ! तुम रहने दो ? मैं और सोनल चले जायेंगे ? "
साहिल (सोनल को देखते हुए ) - " सोनल ! तुम तैयार हो ना और कशिश तुम तैयार हो ? "
कशिश - " हां ! मैं तो तैयार हूं , लेकिन सोनल अभी तैयार नही है ? "
साहिल ( सोनल को देखते हुए ) - " कशिश ! सोनल इतनी अच्छी तो दिख रही है और क्या चाहिए ? "
सोनल ( मुस्कुराते हुए ) - " साहिल ! अभी मैं तैयार नहीं हूं ? अभी मुझे बाल झाड़ने हैं । "
साहिल ( मुस्कुराते हुए ) - " सोनल ! तुम ऐसे ही अच्छी लग रही हो ? "
सोनल ( मुस्कुराते हुए ) - " साहिल ! बस दो मिनट रुको ? मैं अभी तैयार होकर आती हूं ? "
कशिश - " भाई ! मैं भी अभी दो मिनट में आती हूं ? "
तभी सोनल और कशिश तैयार होने के लिए चली जाती हैं । कुछ समय के बाद सोनल तैयार होकर नीचे आती है । साहिल सोनल को देखता ही रह जाता है । तभी कशिश भी आ जाती है ।
कशिश ( साहिल को देखते हुए ) - " भाई ! अब आपको देर नहीं हो रही है ? चलिए जल्दी ? "
साहिल ( तेज आवाज में ) - " हां ! कशिश चल रहा हूं तुम मुझ पर चिल्ला क्यों रही हो ? "
तभी साहिल सोनल का हाथ पकड़ने की कोशिश करता है लेकिन कशिश बीच में आकर सोनल का हाथ पकड़ बात करने लगती है और दोनों बात करके हंसने लगती हैं ।
सोनल और साहिल की लव स्टोरी उन्हें कहां लेकर जाएगी ?
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए " मोहब्बत सिर्फ तुम से " ।
आगे ... .... ....