अगले चैप्टर में आपने पढ़ा कि साहिल अपने बचपन की सारी यादें संजो कर रखा हुआ था । सोनल उन बचपन की यादों को देखकर बहुत खुश हो जाती है । सोनल खुश होकर साहिल को गले लगा लेती है । साहिल भी सोनल को गले लगा लेता है । सोनल साहिल से पूछने लगती है की " साहिल तुमने हमारे बचपन की सारी यादें सजा कर रखी हुई हैं । " मुझे लगता था की तुम उन सब यादों को भूल चुके हो ? लेकिन ये सब देखने के बाद मुझे बहुत खुशी हो रही है । तभी सोनल साहिल के गालों पर किस करती है । साहिल मदहोश होकर सोनल को ही देखता रहता है ।
सोनल ( तस्वीरों के पास जाकर ) - " साहिल ! ये तस्वीर तुम्हारे बर्थडे के दिन की है , ना ? "
साहिल ( हंसता हुआ ) - " हां ! ये मेरे बर्थडे की तस्वीरें हैं । सोनल तुम्हे याद है , बर्थडे के दिन हमने कितना इंजॉय किया था ? "
सोनल ( हंसते हुए ) - " हां ! साहिल मैं कुछ भूली नहीं हूं ? मुझे भी सब कुछ याद है ? "
तभी कशिश भी साहिल और सोनल के पास आ जाती है । साहिल सोनल को सारी तस्वीरें दिखा रहा होता है
कशिश ( हंसते हुए ) - " सोनल ! तुम जिन यादों को भूल गई होगी , वो यादें भी आज साहिल भाई आपको याद दिला देते । "
साहिल ( सोनल को देखते हुए ) - " सोनल ! मुझे एक पल के लिए भूल सकती है , लेकिन मैं कभी भी सोनल को नहीं भूल सकता ? "
सोनल ( कशिश की तरफ देखते हुए ) - " कशिश ! साहिल मुझे रोज देखता था , लेकिन वो मुझे पहचान ही नहीं पाया और यहां भूलने और न भूलने की बात कर रहा है । "
साहिल ( सोनल को देखते हुए ) - " हां ! मैं तुम्हें नहीं पहचान पाया तो तुम ही कहां मुझे पहचान पाई ? "
कशिश ( हंसते हुए ) - " यार ! तुम दोनों फिर झगड़ने लगे ? पहले तुम दोनों कभी भी नहीं झगड़ा करते थे और अब छोटी - छोटी बातों पर झगड़ा करने लगते हो ? "
सोनल ( कशिश से ) - " कशिश ! बड़े बुजुर्ग कह गए हैं की लड़ने - झगड़ने से प्यार बढ़ता है । "
साहिल ( सोनल से ) - " सोनल ! इसका मतलब हमारे बीच में प्यार में बढ़ रहा है । "
सोनल ( हंसते हुए ) - " शायद ! हां , हमारे बीच में प्यार बढ़ रहा है ? "
सोनल की बात सुनकर साहिल बहुत खुश होता है , और अपने मन में सोचने लगता है , की सोनल भी मुझसे प्यार करती है , और शायद कहीं ना कहीं मैं भी उससे बेइंतेहा प्यार करता हूं ?
कशिश ( साहिल के पास धीरे से बोलती है ) - " भाई ! आप इतना खुश मत होइए पहले सोनल से जान तो लीजिए , कि वो आपसे किस तरह का प्यार करती है , बचपन वाला प्यार या फिर ... ! आप समझ रहे हैं ना ?
साहिल ( हंसते हुए ) - " कशिश ! सोनल मुझसे प्यार करती है , ये मैं जान चुका हूं । बस उसके मुंह से मुझे I love you सुनना है । "
सोनल ( साहिल और कशिश से ) - " यार ! तुम दोनों क्या बातें कर रहे हो , मुझे भी बताओ ? "
साहिल ( हंसते हुए ) - " नथिंग सोनल ! हम लोग तो बस वैसे ही बातें कर रहे थे ? "
कशिश ( हंसते हुए ) - " सोनल ! हम दोनों सोच रहे हैं कि आज तुम इतने दिन बाद घर आई हो , तो हम लोग क्यों ना एक छोटी सी पार्टी रखें , क्या कहती हो ? "
सोनल ( हंसते हुए ) - " waawww ! ये तो बहुत अच्छी बात है , हम लोगों के मिलने पर एक पार्टी तो बनती है , लेकिन इतनी जल्दी सारा अरेंजमेंट कैसे हो पाएगा ? "
साहिल ( सोनल को देखते हुए ) - " सोनल ! तुम इसकी चिंता मत करो ? तुम बस बैठ कर देखो , अभी हम लोग सारा अरेंजमेंट कर देंगे । "
कशिश ( साहिल से ) - " वैसे भाई ! पार्टी में कौन-कौन आएगा , उसी के हिसाब से मैं खाने - पीने का इंतजाम कर दूंगी ? "
साहिल ( कशिश से ) - " कशिश ! आज मैं ज्यादा मेहमानों को इनवाइट नहीं करूंगा , सिर्फ मेरे चारों दोस्त होंगे और हम घर वाले । सोनल तुम्हें किसी को इनवाइट करना है मतलब अपने बैच की लड़कियों को ? "
सोनल ( सोचते हुए ) - " साहिल ! मैं सोच रही हूं कि मैं अपनी बैच की लड़कियों को भी इनवाइट कर दूं , क्योंकि वो लोग जब से यहां आई हैं , कहीं घूमी ही नहीं है ? इसी बहाने वो लोगे घूम भी लेंगी और मिताली से भी मिल लेंगी ? "
कशिश ( हंसते हुए ) - " हां ! सोनल तुम अपनी बैच की लड़कियों को भी इनवाइट कर दो उन लोगों को भी अच्छा लगेगा और वो लोग मिताली और तुमसे भी मिल लेंगी । "
सोनल ( खुश होकर ) - " कशिश ! मैं हॉस्टल जा रही हूं , उन लोगों को पार्टी के लिए कहना है ना ? "
कशिश - " यार ! तुम उन्हें फोन करके भी तो बता सकती हो ? "
साहिल ( सोनल के तरफ देखते हुए ) - " हां ! सोनल तुम अपने बैच के लड़कियों को फोन से तो बता सकती हो , वहां जाने की क्या जरूरत है ? "
सोनल ( कशिश और साहिल ) - " यार ! तुम लोग समझ नहीं रहे हो । जब तक मैं खुद नहीं जाऊंगी , उन लोगों को पार्टी के लिए बताने , तब तक वो लोग आएंगी ही नहीं ? "
साहिल - " अच्छा ! ठीक है सोनल तुम जल्दी से तैयार हो जाओ । मैं तुम्हें हॉस्टल लेकर चलूंगा , फिर तुम अपनी बैच की लड़कियों को बता देना । वैसे आते समय में कुछ सामान भी ले लूंगा ? "
सोनल - " साहिल ! तुम क्यों परेशान हो रहे हो ? मैं टैक्सी से चली जाऊंगी । मुझे यहां से हॉस्टल का रास्ता मालूम है " ।
कशिश - " सोनल ! साहिल भाई बिल्कुल सही कह रहे हैं , तुम साहिल भाई के साथ जाओगी , तो जल्दी घर वापस आ जाओगी और तुम्हें कोई परेशानी भी नहीं होगी ? "
सोनल - " ok साहिल ! मैं बस 2 मिनट में तैयार होकर आती हूं ? "
तब सोनल तैयार होने चली जाती है और साहिल भी तैयार होने लगता है । जब सोनल तैयार होकर बाहर आती है , तब साहिल की नजरें सोनल से हटती ही नहीं । साहिल बिना पलक झपकाए सोनल को ही देखता रहता है ।
सोनल ब्लू कलर की कुर्ती पहनी रहती है और ब्लैक कलर की जींस । खुले हुए बाल , आंखों में आई लाइनर और मस्कारा , होठों पर हल्की सी लिपस्टिक , हाथों में ब्रेसलेट और साहिल की दी हुई रिंग सोनल पहने रहती है । सोनल के चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट साहिल के दिल पर वार कर रही होती है ।
कशिश ( हंसते हुए ) - " साहिल भाई ! आप संभाल कर जाना कहीं रास्ते में एक्सीडेंट ना हो जाए ? "
क्या साहिल ही सोनल के प्यार में पड़ रहा है , या सोनल के भी दिल में साहिल का प्यार दस्तक दे रहा है ?
जानने के लिए पढ़ते रहिए " मोहब्बत सिर्फ तुम से " ।
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