अगले चैप्टर में आपने पढ़ा कि डॉक्टर मिताली को डिस्चार्ज करने की बात करते हैं , तब साहिल और शीतल आंटी सोनल और मिताली को मेहरा मेंसन ले जाने की बात करते हैं । सोनल मिताली को लेकर हॉस्टल जाने की बात करती है , लेकिन साहिल और शीतल के समझाने पर सोनल मेहरा मेंसन जाने के लिए तैयार हो जाती है । तब साहील और शीतल मिताली और सोनल को मेहरा मेंसन लेकर जाती है ।
शीतल ( हंसते हुए ) - " सोनल ! कशिश तुम्हें देखकर बहुत खुश होगी । वो साहिल से रोज पूछती थी , साहिल भाई आज आपको सोनल मिली ? और रोज साहिल मुंह लटकाकर एक ही जवाब देता था ' नहीं कशिश सोनल मुझे आज भी नहीं मिली ’ ? "
सोनल ( हंसते हुए ) " आंटी ! आपको पता है , साहिल मुझसे रोज मिलता था , और वो मुझसे जब भी मिलता था , तब जी भर के लड़ाई ही करता था ? साहिल ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि वो जिस लड़की से रोज इतना लड़ता है , वही लड़की उसके बचपन की दोस्त सोनल भी हो सकती है । "
साहिल ( मुंह बनाकर ) - " मम्मी ! इसमें मेरी क्या गलती है , ये मुझसे इस तरह लड़ती थी , मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि ये लड़की मेरी सोनल हो सकती है, और पापा ने बताया था कि सोनल बहुत ही सीधी-साधी , हंसमुख और सरल स्वभाव की लड़की है , और जिस टाइम पर सोनल मुझसे लड़ती थी , उस टाइम पर तो ये मुझे गुस्से वाली और पागल लड़की की दिखाई देती थी । "
सोनल ( मुंह बनाकर ) - " आंटी ! पता है सबसे पहले साहिल ने ही लड़ाई करना स्टार्ट किया था ? "
शीतल ( हंसते हुए ) - " अच्छा " ?
साहिल ( शीतल के तरफ देखते हुए ) - " नहीं ! मम्मी सोनल झूठ बोल रही है । "
सोनल ( शीतल के तरफ देखते हुए ) - " नहीं आंटी ! साहिल झूठ बोल रहा है । पहले साहिल ने ही लड़ाई स्टार्ट की थी । "
साहिल ( सोनल को देखते हुए ) - " सोनल ! पहले तुमने लड़ना स्टार्ट किया था ? "
सोनल ( साहिल को देखते हुए ) - " नहीं ! साहिल पहले तुम लड़ाई करना स्टार्ट किए थे ? "
साहिल ( सोनल को देखते हुए ) - " सोनल ! पहले तुमने स्टार्ट किया था ? "
शीतल ( दोनों को समझाते हुए ) - " सोनल , साहिल ! अब तुम दोनों बस करो , बहुत हो गया कम से कम अब तो मत लड़ो ? "
सोनल ( गुस्से में ) - " नहीं आंटी ! आप नहीं जानती । साहिल ने ही सबसे पहले लड़ाई स्टार्ट की थी । जब हम लोग मुंबई ट्रेनिंग के लिए आए , तो हम लोग घूमने के लिए समुंद्र के किनारे आए थे , उसके बाद शूटिंग देखने आए । हम लोग शूटिंग देखने के लिए बैठे थे तभी साहिल की गैंग आ गई ? "
शीतल ( मुंह बनाते हुए ) - " साहिल की गैंग ? साहिल तुम कब से गैंग के साथ चलने लगे । तुम घर से बाहर जाकर यही सब करते हो , गैंग बनाना और भोली भाली लड़कियों से लड़ना ? "
साहिल ( शीतल के तरफ देखते हुए ) - " मम्मी ! आप सोनल की बात मान रहीं है ? "
शीतल - " हां ! मैं सोनल की बात मानूंगी ? सोनल बेटा आगे क्या किया साहिल ने ? "
सोनल ( शीतल के तरफ मुंह करके ) - " आंटी ! जब साहिल की गैंग शूटिंग देखने के लिए आए , तो वहां बैठे सब लोग खड़े हो गए , और सबको खड़ा होता देख मेरे बैच की लड़कियां भी खड़ी हो गई । मिताली भी खड़ी होने वाली थी लेकिन मैं नहीं खड़ी हुई और मिताली को भी खड़ी नहीं होने दिया । तब ये साहिल तो कम जो इसकी गैंग थी । "
शीतल ( सोनल से ) - " सोनल ! साहिल के गैंग में कौन - कौन था ? किसी का नाम तुम जानती हो ? "
सोनल - " हां ! आंटी वो साहिल के दोस्त क्या नाम है ? आरव , अनुज , सुरेश और निखिल यही चारो थे । साहिल के दोस्त कहने लगे , तुम दोनों क्यों नहीं खड़ी हुई ? अब हमें कभी भी देखना तो सिर नीचे करके खड़ी हो जाना और पाया नहीं क्या - क्या कह रहे थे ? शायद मिताली ने साहिल का नाम सुन लिया था । मिताली खुश होते हुए बोली इस लड़के का नाम भी साहिल ही है , क्या पता ये तुम्हारे बचपन का दोस्त साहिल मेहरा हो ? "
शीतल ( हंसते हुए ) - " सोनल ! तुमने साहिल से उसका नाम पूछने की कोशिश की या नहीं ? "
सोनल ( मुंह बनाकर ) - "आंटी ! मैने नहीं लेकिन मिताली ने जरूर कोशिश की । मिताली ने साहिल के दोस्त से साहिल मेहरा कौन है , ये पूछने की कोशिश की लेकिन पता है , आंटी साहिल और साहिल के दोस्तों ने क्या कहा ? "
शीतल ( हंसते हुए ) - " सोनल ! क्या कहा साहिल और साहिल के दोस्तों ने ? "
सोनल ( मुंह बनाते हुए ) - " आंटी ! आप रहने दीजिए ? मैं आपको नहीं बता सकती ? "
शीतल ( सोनल का हाथ पकड़ कर ) - " सोनल ! प्लीज बताओ ना ? "
सोनल ( मुंह बनाते हुए ) - " ठीक है आंटी फिर सुनिए । साहिल ने और साहिल के दोस्तों ने कहा ' तुम्हारी सहेली का दिल आ गया है क्या मुझपे, शादी करनी है क्या ' अब बताइए आंटी ऐसा कोई कहता है ? उसके बाद साहिल रोज हमें मिल जाता था । हमें इससे छुप के जाना पड़ता था लेकिन फिर भी ये हमें देख ही लेता था और कुछ न कुछ कहने लगता था,तो मैं भी शुरू हो जाती थी । ? "
शीतल ( साहिल का कान पकड़ कर ) - " साहिल ! मैं ये सब क्या सुन रहीं हूं ? "
साहिल ( आवाज निकालते हुए ) " आउच मम्मी ! कान दुख रहा है । मम्मी आप सोनल से पूछो जब मैं उसका नाम लेकर उसके बैच वालों से पूछ रहा था , तब इसने ये क्यों नहीं बताया की मैं ही सोनल हूं ? "
सोनल ( साहिल को देखकर हंसते हुए ) - " आंटी ! आप ही बताइए मैं कैसे बता दूं ? जो लड़का मुझसे रोज लड़ता हो अचानक एक दिन वही लड़का मेरा नाम पूछे तो मैं क्या करूंगी , उसे अपना नाम थोड़ी ना बता दूंगी ? "
शीतल ( सोनल से ) - " सोनल ! बेटा तुम अपनी जगह बिलकुल सही हो ? तुमने साहिल को अपना नाम ना बताकर बहुत अच्छा किया ? तुम्हारे जगह अगर मैं होती तो मैं भी यही करती ? "
तभी कार रुक जाती है । सोनल अचानक बाहर देखने लगती है और खुश हो जाती है ।
सोनल ( हंसते हुए ) - " आंटी ! घर आ गया ? "
शीतल ( हंसते हुए ) - हां बेटा ! घर आ गया और आज से तुम दोनों यहीं रहोगी , हमारे साथ ? "
साहिल ( कार का गेट खोलते हुए ) - " सोनल ! आओ । मुझे तुम्हे बहुत कुछ दिखाना है । मैं कब से इंतजार रहा था , की कब तुम मेरी लाइफ में दोबारा आओ , और मैं तुम्हे वो सारी चीजें दिखाऊं ? "
सोनल ( हाथ आगे बढ़ाते हुए ) - " साहिल ! मेरा हाथ पकड़ो ? "
तभी साहिल सोनल का हाथ पकड़ता है और सोनल कार से बाहर आती है ।
साहिल ( सोनल का हाथ पकड़े हुए ) - " सोनल ! मैं वादा करता हूं तुमसे , मैं तुम्हे कभी भी अकेले नहीं छोडूंगा ? मैं हमेशा ऐसे ही तुम्हारा हाथ थामे रहूंगा ? "
तभी साहिल और सोनल मिताली का हाथ अपने कंधे पर रखकर उसे कार से बाहर निकलते हैं । मिताली के पैर में फैक्चर था इसलिए मिताली लंगड़ते हुए चलती है । साहिल और सोनल मिताली को अंदर ले जाते हैं । दरवाजे पर कशिश और राहुल मेहरा खड़े रहते हैं । कशिश के हाथों में आरती की थाली रहती है ।
कशिश ( तेज से बोलते हुए ) - " रुकिए ! अभी आप लोग अंदर नहीं आ सकते हैं । आप लोग वहीं रुकिए ? "
साहिल ( हंसते हुए ) - " कशिश ! तुम्हे जो करना है तुम जल्दी करो ना ? मिताली का भर ज्यादा है । अगर मिताली को ऐसे ही पकड़े रहे तो सोनल थक जायेगी ? "
मिताली ( सोनल के पक्ष में ) - " साहिल ! सोनल मेरी सहेली है , मैं उसे जानती हूं । वो बहुत स्ट्रॉन्ग है । वो मुझे अकेले कमरे तक लेकर चली जायेगी ? "
साहिल ( हंसते हुए ) - " हां मिताली ! सोनल तो सुपर वूमेन हैं ना ? "
सोनल - " हां साहिल ! मिताली सच कह रही है । मैने मिताली को बहुत बार उठाया है और मिताली को उठा कर चली भी हूं ? "
कशिश ( हंसते हुए ) - " साहिल भाई ! आप दोनों ऐसे लड़ रहे हैं जैसे छोटे बच्चे चॉकलेट के लिए लड़ते हैं । "
तभी कशिश सोनल और मिताली की आरती उतारने लगती है ।
राहुल - " बेटा ! अब तुम लोग अंदर आ सकते हो ? "
तभी साहिल और सोनल मिताली को लेकर अंदर जाते हैं । सोनल और साहिल मिताली को सोफे पर बैठा देते हैं । सोनल राहुल के पास आकर राहुल के पैर छूकर आशीर्वाद लेती है ।
राहुल ( आशीर्वाद देते हुए ) - " तुम हमेशा खुश रहो बेटा , भगवान करे की तुम्हारी सारी मनोकामनाएं पूरी हों , तुम जो चाहो , वो तुम्हे जरूर मिले ? "
तभी कशिश सोनल , साहिल , शीतल और मिताली के लिए पानी लेकर आती है । सब लोग बैठ कर पानी पीते हैं । साहिल की नजर सिर्फ सोनल पर ही रहती है । सोनल साहिल को अपने तरफ देखते ही हंसने लगती है । तभी कशिश मिताली के लिए सूप और सबके लिए चाय लेकर आती है ।
सब लोग चाय पीने लगती हैं । सोनल कशिश के पास जाकर बातें करने लगती है । सोनल और कशिश काफी देर तक बातें करती हैं । कशिश सोनल को साहिल के बारे में ही बताती है की तुम्हारे जाने के बाद साहिल भाई हमेशा तुम्हें ही याद करते थे । तुम्हारी दी हुई गिफ्ट जिसमे कप था , और उस कप में तुम्हारी और साहिल भाई की बचपन की फोटो लगी हुई थी , उसी में अभी भी चाय पीते हैं ।
सोनल ( हंसते हुए ) - " अच्छा ! लेकिन कशिश अभी साहिल उस कप में चाय नहीं पी रहें हैं ? "
कशिश - " हां ! वो कप भाई के रूम में है और मैं जल्दी - जल्दी के मारे वो कप लाने ही नहीं गई , इसीलिए भाई दूसरे कप में चाय पी रहे थे । "
तभी शीतल सोनल को अपने पास बुलाती हैं तभी सोनल शीतल के पास जाती है ।
सोनल - " हां ! आंटी बोलिए ? "
शीतल - " बेटा ! तुम और साहिल मिताली को उसके रूम में ले जाओ , वो बेचारी आराम कर ले , थक चुकी होगी ? "
तभी साहिल और सोनल दोनों मिताली को लेकर रूम में जाते हैं । सोनल मिताली को बताती है की दो - चार दिनों में तुम काफी बेटर फील करोगी ? तब साहिल और सोनल मिताली को रूम में लिटा देते हैं ।
सोनल - " मिताली ! तुम चिंता मत करो ? तुम बहुत जल्दी ठीक हो जाओगी ? "
साहिल - " मिताली ! आज से तुम और सोनल यहीं रहोगी ? मैं तुम दोनों का ख्याल रखूंगा ? मैं तुम्हारा दोस्त हूं ना इसीलिए । सोनल हम दोनों की बचपन की दोस्ती कितनी अच्छी थी हैना और अब तो तुम मुझसे बहुत लड़ती हो ? "
सोनल( हंसते हुए ) - " अच्छा साहिल ! तुम मुझे अपना कमरा नहीं दिखाओगे ? "
साहिल ( हंसते हुए ) - " हां ! चलो। मैं अभी तुम्हे अपना कमरा दिखाया हूं ? "तभी साहिल सोनल को अपना कमरा दिखाने के लिए ले जाता है । सोनल जैसे ही कमरे में घुसती है, वो खुश होकर साहिल को गले लगा लेती है ।
सोनल ( साहिल को गले लगाकर ) - " साहिल ! तुमने अभी तक बचपन की वो सारी तस्वीरें अपने कमरे में सजा कर रखी हैं । "
साहिल ( सोनल के गले लगकर ) - " हां ! सोनल मैने जो भी पल तुम्हारे साथ गुजारे थे उन सबकी सारी यादें अभी तक मेरे पास है । मैं उन्हीं यादों के सहारे ही तो अपनी जिंदगी में तुम्हारी कमी को पूरा कर रहा था ? "
तभी सोनल साहिल को किस करती है । साहिल मदहोश होकर सिर्फ सोनल को ही देखता रहता है और मुस्कुराने लगता है ।
क्या साहिल और सोनल दोस्ती के रिश्ते से प्यार की तरफ बढ़ रहें हैं । जानने के लिए पढ़ते रहिए " मोहब्बत सिर्फ तुम से " ।
आगे ....