अब तक आपने पढ़ा की साहिल सोनल को हर एक जगह ढूंढता है , जहां से सोनल आती जाती है । साहिल सिर्फ सोनल का नाम जानता है , अभी तक उसने उसे देखा नहीं है , इसीलिए साहिल उसी सोनल से लड़ता है , जिसे वो ढूंढ रहा है । उसे इतना भी नहीं पता कि जिस लड़की से वो इतना लड़ता है वही लड़की सोनल भी हो सकती है । वहीं बचपन की दोस्त सोनल , जिसे वो पागलों की तरह ढूंढ रहा है । सोनल को देखते ही साहिल लड़ने के मूड में आ जाता है ।
साहिल अगले दिन फिर सोनल को ढूंढने के लिए निकलता है । आज साहिल सोनल को ढूंढने के लिए सिर्फ बस अड्डे पर ही नहीं जाता बल्कि वह उस हॉस्पिटल के पास भी जाता है , जहां लड़कियां ट्रेनिंग देने के लिए जाती हैं । उस हॉस्पिटल के बाहर भी खड़ा रहता है ।
सोनल , मिताली और सोनल का पूरा बैच जब ट्रेनिंग देकर हॉस्पिटल से बाहर आती है , तब साहिल को वहां खड़ा देख डर जाती हैं ।
सोनल ( चौंक कर ) - " अरे यार ! ये लड़का यहां भी आ गया । आखिर ये चाहता क्या है ? ये मुझे इस तरह से क्यों ढूंढ रहा है ? कहीं इस गुंडे को किसी ने मुझे मरने के लिए मेरे नाम की सुपारी तो नहीं दी है ? "
मिताली - " सोनल ! इस लड़के को देखो । ये भले ही तुमसे लड़ता हो लेकिन ये इतना बुरा भी नहीं दिखता कि किसी लड़की को मारने की सुपारी ले और तुझे तो कोई जानता भी नहीं है ? "
सोनल - " मिताली ! हम बिना कुछ बोले , इससे छिपते हुए यहां से निकल जाए । इसी में भलाई है । आज मैं बिल्कुल भी लड़ने के मूड में नहीं हूं । "
मिताली - " लेकिन सोनल ! इसका कुछ ज्यादा तो नहीं हो रहा । ये हमेशा तुम ही को ढूंढता रहता है । मेडिकल बैच में और भी खूबसूरत लड़कियां हैं , उन्हें तो कोई हैंडसम लड़का नहीं ढूंढता ? "
सोनल - " यार मिताली ! मैं इसलिए परेशान हूं कि कोई लड़का मुझे रोज मेरा नाम लेकर ढूंढता है और वही लड़का मेरे सामने मुझसे ही लड़ाई करता है । इसे मैं क्या समझूं ? "
मिताली - " सोनल ! कहीं इस लड़के को तुम्हें देखते ही प्यार तो नहीं हो गया । वो पहली नजर वाला प्यार होता है वही । इसीलिए वो जान - बूझकर तुमसे लड़ता है वो कहते हैं ना कि लड़ाई - झगड़े से ही प्यार बढ़ता है । "
सोनल - " देखो मिताली ! मैं इन सब बातों को नहीं मानती हूं ? "
सोनाली और मिताली वहां बचते - बचते निकलने की पूरी कोशिश करती हैं लेकिन साहिल से बचकर निकल नहीं पाती हैं । तभी साहिल सोनल को आवाज देता है ।
साहिल - " हे ! ब्लू टॉप वाली , तुम्हारा नाम क्या है ? "
सोनल ( चौंक कर ) - " ओ गॉड ! मिताली पीछे मुड़कर मत देखना प्लीज ? "
मिताली - " हां ! मैं पीछे मुड़कर नहीं देखूंगी ? "
साहिल - " हे रुको ! मेरी बात सुनो ? हे ! ब्लू टॉप तुम्हारा नाम क्या है ? "
सोनल ( लंबी सांस लेते हुए ) - " मिताली ! अब लगता है की इसे सबक सिखाना ही पड़ेगा ? "
मिताली - " सोनल ! तुम ये लंबी - लंबी सांसें क्यों ले रही हो ? "
सोनल - " मिताली ! इससे मेरा डर दूर होगा और मेरे अंदर इसे मुंह तोड़ जवाब देने की ताकत आएगी । "
साहिल ( सोनल और मिताली के पास आकर ) - " हे ! तुम दोनों को सुनाई नहीं देता है । मैं इतनी देर से तुम दोनों को बुला रहा हूं ? "
मिताली - " हम तुम्हें जानते ही नहीं हैं , तो हम तुम्हारी बात क्यो सुनें ? "
साहिल ( मिताली से ) - " हे ब्यूटीफुल ! तुम्हारा नाम क्या है ? "
सोनल - " क्यों ! तुम्हे मेरी फ्रेंड से शादी करनी है क्या ? "
साहिल ( हंसते हुए ) - " हां ! मुझे शादी करनी है , तुम्हे जलन हो रही है क्या ? "
सोनल - " मुझे क्यों जलन होगी ? "
साहिल - " शायद ! तुम्हे लगता हो की , मैं इतने दिनों से तुम्हारे पीछे इसलिए पड़ा हूं , की मैं तुमसे प्यार - व्यार करता होऊंगा ? और तुमने शादी तक का सोच लिया हो । "
सोनल - " हिंह ! तुम जैसे लड़के से शादी करने से अच्छा की मैं जिंदगी भर कुंवारी ही रह जाऊं ? "
साहिल - " अरे ! जाओ , जाओ अगर एक बार मैं तुम्हें शादी के लिए प्रपोज कर दूं , तब तुम ना कह ही नहीं सकती ? "
सोनल ( एटीट्यूड भरे आवाज में ) - " हीं.. ह ! अगर तुम इस दुनिया के आखिरी लड़के होगे ना तब भी मैं तुमसे शादी ना करूं ? "
मिताली - " देखिए ! भाई साहब ... । "
साहिल ( मिताली की तरफ देखते हुए ) - " भाई साहब ! किस तरफ से मैं तुम्हे भाई साहब दिखता हूं ? "
मिताली - " नहीं ! तो आपको क्या लगता है ? हम तुम्हें और क्या कहेंगे ? "
सोनल - " मिताली ! चलो , हमें किसी ऐरू - गैरू से बात नहीं करनी ? "
साहिल - " मैं कोई ऐरू - गैरू लड़का नहीं हूं ? मेरे पापा यहां के बहुत बड़े बिजनेस मैन हैं । मैं बहुत रहीश खानदान से बिलोंग करता हूं ? "
सोनल - " तभी तो मैं सोचूं की तुम हमेशा घूमते ही रहते हो और कपड़े तो ब्रेंडेड पहनते हो । ये तुम लाते कहां से होगे लेकिन मुझे आज पता चल गया की तुम रहीशो के खानदान से बिलोंग करते हो । "
मिताली - " सोनल ! चलो यहां से हमें देर हो रही है ?
तभी सोनल और मिताली की बस आ जाती है । उसी बस में साहिल भी बैठ जाता है । साहिल की नजर सोनल और मिताली पर ही रहती है । सोनल साहिल को अपनी तरफ देखता पाती है तो सोनल मिताली से कहती है ।
सोनल ( फुसफुसाते हुए ) - " मिताली ! ये हमें ऐसे क्यो देख रहा है ? "
मिताली - " सोनल ! मैं जाऊं ? उस लड़के से पूछ के आऊं ? "
सोनल ( मिताली का हाथ पकड़ कर ) - " नहीं ! तुम कहीं नहीं जाओगी ? "
तभी बस , बस स्टॉप पर आकर रुकती है । सभी लड़कियां उतरने लगती हैं । साहिल सब लड़कियों का चेहरा ध्यान से देखता है । सोनल और मिताली पीछे बैठी रहती हैं और साहिल आगे सोनल के तरफ मुंह करके खड़ा रहता है । सब लड़कियां उतर जाती हैं । तब सोनल और मिताली उतरती हैं । साहिल सोनल के चेहरे के तरफ बड़े ध्यान से देखता है । सोनल साहिल को देखकर मुंह टेढ़ा कर देती है ।
साहिल ( मुंह बिचका कर ) - " अरे बाप रे ! इस लड़की से भगवान ही बचाएं ? ये लड़की मेरी सोनल हो ही नहीं सकती ? "
मिताली - " सोनल ! ये बस इसी के खानदान की होगी । तभी तो अभी तक इसी बस पर सवार है । "
साहिल बस में सोनल और मिताली के बारे में ही सोच रहा होता है ।
साहिल ( सोचते हुए ) - " पापा कह रहे थे की सोनल और उसकी सहेली दोनों हमेशा साथ रहती हैं । तो अभी तक मैंने जो भी नोटिस किया है । उसके हिसाब से ये दोनों लड़कियां भी हमेशा साथ में ही रहती हैं । ( हंसते हुए ) क्या पता इन्हीं दोनों में से कोई मेरी सोनल हो ? " तभी साहिल के दोस्त आरव का फोन आता है । आरव साहिल को चाय के दुकान के पास बुलाता है , जो उस बस स्टॉप के बिलकुल बगल ही थी । साहिल वहां पर जाता है और अपने दोस्तों के साथ चाय पीता है ।
आरव - " यार साहिल ! सोनल का कुछ पता चला या नहीं ? "
साहिल ( नाराज होकर ) - " नहीं यार ! अभी तो कुछ भी नहीं पता चला है लेकिन बहुत जल्दी मैं उसका पता लूंगा ? "
निखिल - " यार साहिल ! उस लड़की को देख क्या गजब की लग रही है ? "
साहिल ( पीछे मुड़ कर देखते हुए ) - " कौन लड़की ? "
निखिल - " यार ! वही जो तुझ से पहली बार फिल्म शूटिंग पर मिली थी और हमारी कुछ बोल - चाल हो गई थी । दूसरी बार बस अड्डे पर , तीसरे दिन हम सोनल को ढूंढ रहे थे । तब भी ये हमें मिली थी । "
साहिल ( सोनल को देखते हुए ) - " कौन ! वो लड़की । "
निखिल - " हां भाई ! तेरे लायक है वो लड़की । तुम दोनों की जोड़ी कमाल की लगेगी । "
साहिल - " अरे यार ! मैं उस लड़की को कुछ पलों के लिए नहीं झेल सकता और तुम मुझ से उस लड़की को पूरी लाइफ झेलने की बात कह रहे हो । "
निखिल - " देखो साहिल उसकी हंसी कितनी प्यारी है ? "
साहिल ( सोनल को हंसता देख खो जाता है ) - " साहिल के बैक ग्राउंड में गाना बजने लगता है । साहिल सोनल के मुस्कान पर फिदा हो जाता है । "
आरव ( साहिल को देख कर ) - " साहिल ! तुम कहां खो गए । साहिल ? "
साहिल ( चौंक कर ) - " हां .. ! क्या हुआ ? तुम लोग मुझे ऐसे क्यो देख रहे हो ? "
आरव - " साहिल ! मेरे यार वो लड़की चली गई । यही मैं तुझे बताने की कोशिश कर रहा हूं ? "
साहिल ( हकलाते हुए ) - " क.... क .... कौन लड़की ? तुम लोग किस लड़की की बात कर रहे हो ? "
निखिल - " साहिल ! वही लड़की जिसका न ही तुम नाम जानते हो , न ही एड्रेस और न ही उसके माता - पिता को जानते हो ? "
साहिल - " अरे ! यार वो लड़की बहुत लड़ती है ? उस लड़की के साथ कोई भी लड़का रह ही नहीं सकता । "
सब लोग चाय पीते हैं । तभी वहां साहिल के पापा राहुल मेहरा आ जाते हैं । राहुल मेहरा को देखते ही साहिल उन्हें अपने पास बुलाया है ।
साहिल ( राहुल को आवाज देते हुए ) - " पापा ! यहां आइए ? पापा आपको कोई काम था ? "
राहुल ( साहिल को दबी हुई आवाज में बताता है ) - " बेटा ! सोनल ने मुझे यहां आने को कहा है ,यहां कोई लड़का है , जो उन बेचारियों को परेशान करता हैं। "
साहिल ( गुस्सा होकर ) - " किसकी इतनी औकात है जो मेरी सोनल को परेशान करे ? उस साले की तो , मैं उसकी चमड़ी उधेड़ दूंगा ? "
राहुल - " साहिल ! शांत हो जाओ ? अभी मैं उससे बात करके पता लगा लूंगा की वो लड़का कौन हैं ? "
साहिल - " पापा ! आपको पता है , वो लोग कौन थे ? "
क्या साहिल सोनल को आज देख लेगा या सोनल साहिल को साहिल से भी पहले पहचान लेगी ।
जानने के लिए पढ़ते रहिए " मोहब्बत सिर्फ तुम से " ।
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