अब तक आपने पढ़ा कि राहुल सोनल से मिला रहता है । सोनल के मिलने की खुशी में राहुल घर आकर सबको बता देता है की सोनल यहां हमारे आस - पास आ चुकी है । सोनल की खबर सुनकर सब लोग बहुत खुश हो जाते है । सोनल के आने की खुशी सबसे ज्यादा साहिल को रहती है ।साहिल सोनल को ढूंढने के लिए बस अड्डे पर जाता है और अपने दोस्तों आरव , सुरेश , निखिल और अनुज को लेकर बस अड्डे पर ही आता है । बस अड्डे पर सोनल , मिताली और इनका पूरा मेडिकल बैच खड़ा रहता है ।
साहिल और उसके दोस्त बस अड्डे पर आ जाते हैं । सोनल साहिल को देखते ही मिताली को लेकर दूसरे साइड पर चली जाती है ।
साहिल सोनल के बैच की तरफ जाता है और उन लड़कियों से कहता है ।
साहिल - हे सुनिए ! आप लोगों के बैच में कोई सोनल सिंह है ?
बैच - नहीं ! " हमारे बैच में कोई सोनल सिंह नहीं है । "
साहिल - प्लीज ! झूठ मत बोलिएगा ? क्या आप लोगों के बैच में है कोई सोनल सिंह ? सोचकर बताइए ।
बैच - नहीं ! हम लोगों के ग्रुप में कोई सोनल सिंह नहीं है और हम लोग अपने बैच की किसी भी लड़की की इनफॉर्मेशन नहीं देते ?
साहिल वहीं खड़ा होकर सबके हाथ देखने लगता है । तभी साहिल की नजर सोनल पर पड़ती है । साहिल सोनल के पास जाता है और उससे बात करने की कोशिश करता है ।
साहिल ( सोनल और मिताली से ) - हाय ! तुम लोग भी उसी मेडिकल बैच की लड़कियां हो ?
सोनल - तुम से मतलब ?
साहिल - नहीं ! मुझे तुम लोगों से क्या मतलब हो सकता है ?
सोनल - तो फिर जाओ यहां क्यों खड़े हो ?
साहिल - क्यों ! ये सड़क तुम्हारे पापा ने बनवाई है ?
सोनल ( गुस्से से उंगली दिखाते हुए ) - क्यों ! तुम इस सड़क से नही जा रहे हो ? क्या ये तुम्हारे पापा ने बनवाई है ?
साहिल ( गुस्सा होकर ) - तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ? मेरे पापा के बारे में इस तरह बोलने की ?
सोनल - जैसे तुम्हारी हिम्मत हुई ठीक वैसे ही मेरी हिम्मत हुई ?
साहिल - देखो ! " आज मैं लड़ने के मूड नहीं हूं ? " मैं अपने किसी खास को ढूंढ रहा हूं इसीलिए मैं तुम्हारे मुंह नहीं लगना चाहता ?
सोनाली - अरे ! जाओ , जाओ कौन तुम्हारे मुंह लगना चाहता है ?
साहिल - अरे ! तुम क्या जानो ? लड़कियां मरती हैं मुझसे बात करने के लिए ?
सोनल - वो लड़की पागल होगी जो तुम पर मरती होगी । भगवान उन लड़कियों को सतबुद्धि दे ।
साहिल - क्या ! क्या बोली तुम ?
सोनल - कानपुर में हड़ताल है , सुनाई नहीं देता क्या ?
साहिल - नहीं सुनाई देता दोबारा बोल के दिखाओ ?
सोनल - मैं बातें दोबारा रिपीट नहीं करती ।
साहिल - तुम्हें पता है तुम किस से बात कर रही हो ?
सोनल - मुझे पता है की मैं किस से बात कर रही हूं ?
साहिल ( हंसते हुए ) - मुझे पता था ? तुम मुझ जैसे हैंडसम लड़के से बात करने के लिए मेरी जानकारी जरूर पता करवा लोगी ?
सोनल - सुनो ! इतना उछलो मत ? मैं एक बड़े बाप की बिगड़ी हुई औलाद से बात कर रहीं हूं ?
साहिल - तुम्हे तो मैं देख लूंगा ?
सोनल - ज्यादा मत देखना नहीं तो तुम्हें मुझसे प्यार हो जाएगा ?
साहिल - तुम से और प्यार , शक्ल देखी है अपनी ?
सोनल - हां ! दिन में दो बार रोज देखती हूं ?
आरव - यार ! साहिल यहां आओ ? वो लोग हमें कोई जानकारी नहीं दे सकती ?
साहिल ( अपने दोस्तों के पास जाकर ) - हां ! ये लोग क्या जानकारी देंगी ? इन जैसी लड़कियों से मेरी सोनल बात ही नहीं करती होगी ?
सोनल - मिताली ! आज मैंने इस बेवकूफ लड़के की क्लास ले ली ? अब ये मुझसे कभी नहीं लड़ेगा बल्कि मुझे देख कर अपना रास्ता ही बदल लेगा ।
मिताली - यार ! " वो हमें चैलेंज देकर गया है कि दोबारा मिलने पर वह में छोड़ेगा नहीं । अब तो हम से बच कर रहना पड़ेगा । "
तभी बस आ जाती है । उस बस पर सोनाली की पूरी बैच , सोनाली और मिताली बैठती हैं । तब सोनाली अपने बैच से पूछती है कि वह बदतमीज लड़का तुम लोगों से क्या कह रहा था ? तब उसकी बैच की एक लड़की बताती है कि वो सोनल सिंह को ढूंढ रहा था ?
सोनल - सोनल सिंह को ढूंढ रहा था । तब तो उस बेचारी की किस्मत फूटी ही समझो ।
मिताली - अरे सोनल ! वह तुम्हें ढूंढ रहा था ? हमारे सच में तुम ही तो हो सोनल सिंह ?
सोनल ( चौंकते हुए ) - कैसे ! यार उस पागल से लड़ते-लड़ते में अपना नाम भी भूल गई । वो किसी और सोनल सिंह को नहीं बल्कि मुझे ढूंढ रहा था । उसे मेरा नाम कैसे पता चला ? वो मुझे क्यों ढूंढ रहा है ? मैं तो उसे जानती भी नहीं हूं ?
तभी सोनल के बैच की लड़कियां बताती हैं कि सोनल तुम चिंता मत करो ? हमने तुम्हारे बारे में उसे कुछ भी नहींबताया । हमने उसे कह दिया कि हम किसी सोनल सिंह को नहीं जानते और सोनल सिंह के नाम की कोई भी लड़की हमारे बैच में नहीं है ?
सोनल - इसका मतलब ! " उसे यह नहीं पता कि मैं ही सोनल सिंह हूं ? "
मिताली - थैंक यू यार ! अच्छा हुआ कि तुम लोगों ने उसे कुछ भी नहीं बताया ?
सोनल - मिताली ! अब तो मुझे बहुत डर लग रहा है ? पता नहीं वो बदतमीज लड़का मुझे क्यों ढूंढ रहा है ? मैं तो उससे कभी मिली भी नहीं हूं ? अब मैं कभी भी उसके सामने नहीं आऊंगी ?
मिताली - सोनल ! तुम्हें डरने की कोई बात नहीं है , उसे ये नहीं पता कि तुम ही सोनल सिंह हो ?
सोनल - हां ! " इसी बात की तो खुशी है । "
सब लोग हॉस्टल में पहुंच जाती हैं । डिनर करने के बाद सब लोग अपने अपने कमरे में आ कर लेट जाती हैं । सोनल उसी के बारे में सोचती रहती है कि वह लड़का आखिर मुझे क्यों रहा था ?
साहिल भी सोनल की कोई भी जानकारी हासिल नहीं कर पाता । वो भी अपने घर लौट आता है । उसके घर आते देखते ही उसकी मां , कशिश और राहुल उससे पूछने लगते हैं की साहिल बेटा तुम्हें सोनल मिली क्या ?
साहिल - नहीं ! पापा अभी तो नहीं मिली लेकिन बहुत जल्द मैं उसे इस घर में जरूर लाऊंगा । ये आप सब से मेरा वादा है ।
साहिल भी डिनर करने के बाद अपने कमरे में चला जाता है और जब साहिल अपने बेड पर लेट ता है , तब उसे सोनल की ही याद आ रही होती है । सोनल देखने में कैसी होगी , कैसे बातें करती होगी , उसका विहेवियर कैसा होगा , उसकी अब मेरे लिए क्या फिलिंग्स होंगी , वो मेरे बारे में क्या सोचती होगी यही सब सोचता रहता है । साहिल सोनाली के बारे में सोचते - सोचते सो जाता है ।
साहिल जब सुबह उठता है तो सोचता है कि आज वह सोनल को ढूंढने सुबह के टाइम जाएगा , जिस टाइम सोनल उसके पापा को मिली थी । क्या पता उसी टाइम में मुझे भी मिल जाए ?
साहिल फ्रेश होकर नीचे जाता है और अपनी मम्मी से कहता है - मम्मी ! मुझे आशीर्वाद दो आज मैं सोनल का पता जरूर लगा लूंगा ?
कशिश - भाई ! " आप सोनल को उसके टैटू के वजह से भी तो ढूंढ सकते हैं । "
साहिल ( मुस्कुराते हुए ) - हां ! कशिश ये तो मैंने सोचा ही नहीं लेकिन अगर कहीं उसने अपने बाल खुले रखे होंगे तो टैटू तो ढक जाएगा , फिर कैसे पता चलेगा कि कौन है मेरी सोनल ?
कशिश - हां ! भाई ये बात भी सही है ।
साहिल - अच्छा ! मम्मी अब मैं निकलता हूं ? आप भगवान से प्रार्थना कीजिए कि आज मुझे सोनल मिल जाए ।
शीतल - बेटा ! " मेरा आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे साथ है तुम बहुत जल्द सोनल से मिलोगे । "
तब साहिल अपने घर से निकल पड़ता है सोनल को ढूंढने के लिए वह सुबह की टाइम बस अड्डे पर जाता है और वहीं पर एक चाय की दुकान रहती है । वहीं बैठ कर चाय पीने लगता है । तभी सामने से सोनल मिताली और उसका पूरा बैच आकर बस अड्डे पर खड़ा होता है । साहिल सोनल और मिताली को देखता है पर वो उनके पास नहीं जाता । वो फिर से सोनल की बैच के पास जाता है और फिर उन लोगों से वही सवाल पूछता है । सोनल का बैच फिर से साहिल को यही कहते हैं कि मेरी बैच में सोनल सिंह के नाम की कोई भी लड़की नहीं है । तभी सोनल और मिताली अपने बैच के पास जाती हैं ।
सोनल - देखिए ! आप जिसे भी ढूंढ रहे हैं । उस लड़की को हम लोग नहीं जानते और वो लड़की हमारे बैच में है भी नहीं तो आज से आप मेरी बैच और हमारे अगल-बगल कभी दिखाई मत देना वरना हम से बुरा कोई नहीं होगा , समझे ?
साहिल - हे ! मैं तुमसे बात नहीं कर रहा हूं , तो तुम मेरे बीच में मत बोलो ?
तभी बस आ जाती है फिर सारी लड़कियां बस पर चढ़ जाती हैं । साहिल सब के गले को देखता है लेकिन उसे किसी के गले पर भी टैटू नहीं दिखाई देता । सोनल अपना बाल खुला किए रहती है इसलिए साहिल को सोनल का पीछे का गला दिखता ही नहीं और वह सोनल का टैटू भी नहीं देख पाता ।
साहिल कुछ देर बस अड्डे पर ही खड़ा रहता है । ये सोच कर कि क्या पता कुछ देर के बाद सोनल बस अड्डे पर आए ? साहिल बस अड्डे पर से जाता ही नहीं वो पूरा दिन बस अड्डे पर ही खड़ा रहता है । जब शाम को सोनल , मिताली और उनका पूरा बैच आता है , तब भी साहिल वही खड़ा रहता है । साहिल को वहां खड़ा देख सोनल और मिताली डर जाती हैं । वो दोनों ये सोचने लगती हैं कि आखिर ऐसा क्या काम हो सकता है उसे सोनल से यानी कि मुझसे कि जो ये अभी तक यहीं खड़ा है ।
जैसे ही बस अड्डे पर बस खड़ी होती है वैसे ही साहिल बस पर सर चढ़ जाता है और वहां बैठी हर एक लड़की से पूछता है क्या आपका नाम सोनल सिंह है ? साहिल बस में बैठी सारी लड़कियों से पूछता है सिर्फ सोनल और मिताली को छोड़कर क्योंकि साहिल को ये लगता है कि जिस तरह ये लड़की लड़ती है उस तरह मेरी सोनल कभी नहीं लड़ेगी ?
साहिल शाम को अपने घर चला जाता है और अपने पापा से कहता है ।
साहिल - पापा ! " सोनल देखने में कैसी लगती है ? "
राहुल - साहिल ! सोनल को जब तुम देखोगे ना तो उसके चेहरे से तुम्हें मासूमियत झलकेगी । वो हमेशा हंसती रहती है । उसके साथ हमेशा उसकी एक सहेली रहती है ।
साहिल - पापा ! उसकी सहेली कैसी दिखती है ? वो कहां रहती है , कुछ पता है आपको ? उसकी सहेली के बारे में कुछ मुझे बताइए ? क्या पता उसकी सहेली से मिलने पर सोनल के बारे में कोई जानकारी मिल जाए ?
राहुल - बेटा वो दोनों एक ही हॉस्टल में रहती हैं , एक ही हॉस्पिटल में ट्रेनिंग के लिए जाती हैं । बस इससे ज्यादा मैं उसके बारे में कुछ नहीं जानता ? हां ! वो हमेशा हंसती रहती है । उसके साथ हमेशा उसकी एक सहेली रहती है ।
साहिल - पापा ! उसकी सहेली कैसी दिखती है ? वो कहां रहती है , कुछ पता है आपको ? उसकी सहेली के बारे में कुछ मुझे बताइए ? क्या पता उसकी सहेली से मिलने पर सोनल के बारे में कोई जानकारी मिल जाए ?
राहुल - बेटा वो दोनों एक ही हॉस्टल में रहती हैं , एक ही हॉस्पिटल में ट्रेनिंग के लिए जाती हैं । बस इससे ज्यादा मैं उसके बारे में कुछ नहीं जानता ? हां ! उसकी सहेली का नंबर है मेरे पास ।
साहिल - पापा ! प्लीज मुझे वो नंबर दे दीजिए क्या पता उस नंबर से मुझे कोई जानकारी मिल जाए और मुझे सोनल को ढूंढने में कोई मदद भी मिल सकती है ?
राहुल - साहिल ! बेटा मैं तुम्हें नंबर दे सकता हूं लेकिन अगर तुम्हें नंबर दे दूंगा । तब तुम सोनल को आसानी से ढूंढ लोगे तो फिर तुम्हें कैसे पता चलेगा कि तुम्हारी दोस्ती में कितनी गहराई है ? तुम्हें याद है साहिल तुमने बचपन में सोनम को फोन पर बात करने से रोका था ?
साहिल - हां ! " पापा मुझे याद है । "
राहुल - शायद ! इसीलिए सोनल ने भी तुम्हें नंबर देने के लिए मुझे रोक रखा है इसीलिए उसने अपना नंबर ना देकर अपनी सहेली का नंबर मुझे दिया है ।
क्या साहिल सोनल को कभी ढूंढ पाएगा ? क्या साहिल के जिंदगी में फिर से सोनल दस्तक देगी ? क्या साहिल अपनी ही दोस्त सोनल को कोई और समझकर लड़ता रहेगा ?
जानने के लिए पढ़ते रहिए " मोहब्बत सिर्फ तुम से " ।