अब तक आपने पढ़ा कि साहिल सोनल को ढूंढने के लिए एक प्लान बनाता है । इस प्लान के मुताबिक साहिल सोनल तक पहुंचना चाहता था । साहिल का प्लान फ्लॉप हो जाता है । सोनल के जगह पर मिताली वहां जाती है और साहिल मिताली को सोनल समझकर उसकी तरफ जाता है । मिताली साहिल को अपनी तरफ आता देख चाय के दुकान से चली आती है । तभी बस आ रही होती है । मिताली दौड़कर बस पर चढ़ने की कोशिश करती है । मिताली जैसे ही बस के पास पहुंचती है , वैसे ही सामने से आती हुई कार मिताली को टक्कर मार देती है । मिताली तुरंत जमीन पर गिर जाती है ।
मिताली खून से लत पत तो जाती है । मिताली को देखकर सोनल रोने लगती है । तभी साहिल आकर मिताली को बस में लिटा देता है और उसे हॉस्पिटल लेकर जाता है । जिस हॉस्पिटल में सोनल और मिताली ट्रेनिंग के लिए जाती है , उसी हॉस्पिटल में मिताली को भर्ती कराया जाता है । साहिल मिताली को खून देने लगता है और सोनल के दोस्त सोनल को साहिल का फोन दे देते हैं । सोनल साहिल के मोबाइल में फोटो देखकर जान जाती है की यही मेरे बचपन का दोस्त साहिल है ।
सोनल ( खुश होते हुए ) - " शायद ! इसीलिए ये सोनल सिंह को ढूंढ रहा था और मैं पता नहीं क्या सोच रही थी ? लेकिन मेरे बचपन का साहिल बहुत भोला था । सबकी मदद करता था , शांत स्वभाव का था , हंसमुख था और ये तो हमेशा अपने घमंड में , सबको परेशान करने वाला लड़का बन गया है और हंसना तो दूर किसी से प्यार से बात भी नहीं कर सकता । "
तभी साहिल बाहर आता है । साहिल को सोनल पकड़ लेती है और उसे कुर्सी पर बैठाती है । सोनल अपने बचपन के दोस्त को देखकर बहुत खुश हो जाती है ।
साहिल - " देखो ! तुम्हारी सहेली के एक्सीडेंट में हमारी कोई गलती नही थी । मेरा नाम सुनकर तुम्हारी सहेली दुकान पर आई थी , तो मुझे लगा की ये मेरी सोनल है । इसी वजह से मैं तुम्हारी सहेली के पास आ रहा था , ताकि मैं उससे पूछ सकूं की तुम ही मेरे बचपन की दोस्त सोनल हो लेकिन वो मुझे अपनी तरफ आता देख दौड़कर बस पर चढ़ने की कोशिश कर रही थी और सामने से आती हुई कार ने उसे टक्कर मार दी । "
सोनल ( साहिल को फल देते हुए ) - " साहिल ! तुम फल खाओ । तुम अभी अपने शरीर से ब्लड दे कर आ रहे हो । तुम्हे कमजोरी महसूस हो रही होगी । "
साहिल ( अपना हाथ पकड़े हुए ) - " मैं तो तुम्हारा नाम भी नहीं जानता लेकिन तुम मेरा जानती हो । कैसे ? "
सोनल ( साहिल की तरफ देखते हुए ) - " तुम्हारे दोस्तों ने बताया था । "
साहिल ( अपना फोन ढूंढते हुए ) - " अच्छा ... । "
सोनल ( साहिल को इधर - उधर देखते हुए ) - " आप कुछ ढूंढ रहें हैं ? "
साहिल ( ढूंढते हुए ) - " हां ! मैं अपना फोन ढूंढ रहा हूं ।
सोनल - " सॉरी ! आपका फोन मेरे पास है । आपके दोस्त जा रहे थे तो उन्होंने तुम्हारा फोन मुझे दे दिया । उन लोगों को फोन करके बताना है की आप बाहर आ गए हैं । "
साहिल ( हंसते हुए ) - थैंक यू ।
तभी साहिल फल खाने लगता है । सोनल साहिल को ही देख रही होती है ।
साहिल ( सोनल से ) - " आप मुझे ऐसे क्यो देख रहीं हैं ? "
सोनल ( हंसते हुए ) - " नहीं ! वो में देख रही थी की तुम वही लड़के हो जो मुझसे रोज लड़ते थे ? "
साहिल ( उदासी वाला मुंह बनाकर ) - " मैं लड़ता नहीं हूं । बस तुम्ही मिल जाती हो तो किसी न किसी वजह से हमारी लड़ाई हो ही जाती थी । कुछ तुम बोल देती थी तो कुछ मैं बोल देता था और मैं बिलकुल भी लड़ाई नहीं करता हूं ? "
सोनल ( मुंह बनाकर ) - " हां ! मैं समझ सकती हूं । तुम मुझसे क्यों लड़ते थे ? "
साहिल ( सोनल के तरफ देखते हुए ) - " नहीं ! जैसा आप समझ रहीं हैं , वैसा कुछ नही है ? "
तभी नर्स आ जाती है । नर्स को देखते ही सोनल कहती है ।
सोनल ( नर्स से ) - " मिताली ! मिताली को होश आ गया है ? "
नर्स - " बधाई हो ! मिताली होश में आ गई है । "
सोनल ( हंसते हुए ) - " मि... मि ... मिताली की तबियत कैसी है ? "
नर्स - " सोनल ! चिंता करने की कोई बात नहीं है । अब मिताली खतरे से बाहर है । "
सोनल ( हंसते हुए ) - " साहिल ! मिताली खतरे से बाहर है । उसे होश आ गया है । "
साहिल ( हंसते हुए ) - " ये तो बहुत अच्छी खबर है । क्या हम मिताली से मिल सकते हैं । "
नर्स - " हां ! आप लोग मिताली से मिल सकते हैं । "
तब सोनल और साहिल मिताली से मिलने के लिए अंदर रूम में जाते हैं । सोनल अंदर जाकर तुरंत मिताली का हाथ पकड़ कर रोने लगती है । साहिल उसके कंधे पर हाथ रखता है और कहता है , की रो मत मिताली ठीक हो जाएगी । सोनल पीछे मुड़कर साहिल के तरफ देखती है । साहिल तुरंत सोनल के कंधे पर से अपना हाथ हटा लेता है ।
मिताली ( हकलाते हुए ) - " या ... या ... यार ! तुम रो मत? मैं ठीक हूं । "
सोनल ( गुस्सा दिखाते हुए ) - " मिताली ! तुम कहां ठीक हो ? तुम्हे इतनी चोट लगी है । "
मिताली ( हंसते हुए ) - " यार ! ये चोट तो कुछ दिनों में भर जायेगी , फिर से हम लोग एक साथ हॉस्पिटल आयेंगे और हॉस्टल जायेंगे । हमेशा की तरह एक साथ । "
सोनल - " मिताली ! तुम्हें भूख लगी होगी ना ? मैं अभी तुम्हारे लिए जूस लेकर आती हूं । "
साहिल ( सोनल से ) - " सुनिए ! आप चिंता मत कीजिए मैं अभी कुछ लेकर आता हूं ? "
सोनल - " नहीं ! तुम्हारी भी तबियत सही नहीं है । तुम बैठ कर आराम करो मैं अभी जूस लेकर आती हूं । "
साहिल - " यार ! तुम कहां जाओगी ? मैं लेकर आता हूं ? "
सोनल ( डाटते हुए ) - " साहिल ! मैं कह रही हूं की तुम कमजोरी की हालत में कहीं नहीं जाओगी तो मतलब कहीं नहीं जाओगे , समझे ? "
सोनल ( हंसते हुए ) - " बहुत जल्दी समझ गए । "
तब सोनल जाती है सबके लिए जूस लेकर आती है । जूस लेकर मिताली के पास जाती है ।
सोनल ( हंसते हुए ) - " मिताली ! आप का जूस रेडी है । "
सोनल मिताली को जूस पिलाती है । मिताली को जूस पिलाने के बाद साहिल के पास जाती है । साहिल आंखे बंद करके बैठा रहता है । सोनल साहिल के पास जाती है और इसके कंधे पर हाथ रखकर कहती है ।
सोनल ( साहिल के कंधे पर हाथ रख कर ) - " साहिल ! उठो मैं तुम्हारे लिए जूस लेकर आई हूं । साहिल तुम सो गए क्या ? साहिल .. साहिल उठो ?
साहिल ( सोनल का हाथ पकड़ कर ) - " मुझे नींद लग रही है लेकिन मेरा सिर भी बहुत दर्द कर रहा है । आप मेरा सिर दबा देंगी ? "
सोनल ( इमोशनल हो कर ) - " साहिल ! तुम चिंता मत करो ? मैं तुम्हारा सिर दबा दूंगी ? "
साहिल ( सोनल का हाथ अपने सिर पर ले जाते हुए ) - " मेरा सिर दर्द से फटा जा रहा है । "
सोनल ( साहिल का सिर दबाते हुए ) - " आज तुमने ब्लड डोनेट किया है ना इसीलिए तुम्हारा सिर दर्द कर रहा होगा । मैं अभी तुम्हारे लिए दवाई ले कर आती हूं ? "
साहिल सोनल का हाथ पकड़ कर अपने सिर पर ले जाकर सिर दबवाने लगता है । सोनल साहिल का सिर कुछ देर तक दबाती है । तभी साहिल के दोस्त आ जाते हैं। आरव , निखिल , अनुज और सुरेश साहिल और सोनल को देख कर चौंक जाते है ।
आरव ( चौंकते हुए ) - " अरे यार ! ये हम क्या देख रहें हैं ? ये आग और पानी आज कैसे एक साथ हो गए ? "
अनुज ( चौंकते हुए ) - " अरे यार ! वही तो आज सूरज पश्चिम से कैसे निकला है ? "
सब लोग साहिल और सोनल को ही देखते रहते हैं । तभी सोनल उन लोगों को देख लेती है ।
सोनल ( साहिल के दोस्तों से ) - " अच्छा हुआ जो आप लोग यहां आ गए । मुझे तो लगा आप लोग सो गए ? "
निखिल ( मुंह बनाते हुए ) - " ऐसा लग रहा है , जैसे ये मोहतरमा हमारी मालकिन हैं और हम इन मोहतरमा के नौकर । "
सुरेश ( अपने दोस्तों को डाटते हुए ) - " यार ! तुम लोग भी अजीब हो । वो लोग भूखे होंगे जा कर उन दोनों को खाना दो ? "
तभी आरव , निखिल , सुरेश और अनुज सोनल के पास आते हैं । अनुज तेज से बोलते हुए आता है । तभी सोनल उसे धीरे बोलने को कहती है लेकिन अब लोगों को समझ नहीं आता ।
निखिल ( तेज से बोलते हुए ) - " हेलो ! आप कैसे हो ? "
तभी सोनल साहिल के दोस्तों को दुबारा शांत रहने के लिए कहती हैं ।
सोनल ( होंठों पर उंगली रखते हुए ) - " यार ! तुम लोग कितना तेज बोलते हो ? तुम्हारा दोस्त सो रहा है , उसके सिर में दर्द है । इसी वजह से तुम लोगों को शांत रहने के लिए कह रही हूं । "
निखिल ( कान पकड़ते हुए ) - " सॉरी ! अब ऐसा नहीं होगा । देखो हम लोग तुम सब के लिए खाना लेकर आए हैं । "
सोनल - " मिताली के लिए आप लोग खाना लेकर आए हैं । "
अनुज - " हां ! हम लोग मिताली के लिए पतली खिचड़ी लेकर आए हैं । "
सोनल खिचड़ी लेकर मिताली के पास जाती है और मिताली को खिचड़ी खिलाने ही जाती हैं । तभी साहिल उठ जाता है । सोनल साहिल को खाना दे देती है , तब सोनल मिताली के पास जाती है और मिताली को पतली खिचड़ी खिला कर आती है । जब सोनल मिताली को खिचड़ी खिला कर आती है , तब देखती है की साहिल भी खाना नहीं खाया रहता है ।
सोनल ( नाराज होकर ) - " साहिल ! तुमने अपना खाना क्यों नहीं खाया ? "
साहिल ( सोनल का मुंह देखते हुए ) - यार ! अभी तो तुमने भी खाना नहीं खाया है , तो मैं कैसे खा लूं ? "
सोनल ( हंसते हुए ) - " साहिल ! मैं वही लड़की हूं , जिससे तुम रोज बस अड्डे पर लड़ा करते थे , तो फिर आज इस तरह से हमदर्दी क्यों जता रहे हो ? "
साहिल ( सिर नीचे करके ) - " तुम क्यों मुझे शर्मिंदा कर रही हो । मैं कह रहा हूं ना की मैं कभी तुमसे लड़ने के मूड में नहीं रहता था । पर पता नहीं क्यों तुम्हारे सामने आ जाने पर खुद ब खुद हमारी लड़ाई हो जाया करती थी । मुझे पता है की तुम मुझे बड़े बाप की बिगड़ी हुई औलाद समझती हो , घमंडी और पता नहीं क्या - क्या नाम तुम मेरा रखी होगी । इन सब नामों से तुम मुझे जानती हो , तो तुम्हारे मन में मेरे लिए वही खराब लड़के वाली इमेज आएगी । "
सोनल ( साहिल को देखते हुए ) - " हां ! मैं तुम्हे ये सब समझती थी लेकिन अब मैं तुम्हे अच्छे से जान गई हूं ? "
क्या सोनल साहिल को अपनी सच्चाई बता देगी या अपनी बचपन के बैट के मुताबिक कुछ न बताकर साहिल से खुद की पहचान करवाएगी ?
जानने के लिए पढ़ते रहिए " मोहब्बत सिर्फ तुम से " ।
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