Hello friends
साहिल अपने दोस्तों के साथ पीहू के ट्रेनिंग हॉस्पिटल जाता है । साहिल को हॉस्पिटल पहुंचने में थोड़ी देर हो जाती है , जिससे सोनल नाराज हो जाती है ।
आरव मिताली को तिरछी निगाहों से देखते हुए , " I think ! आज हमें कहीं घूमने जाना चाहिए । इससे सोनल का भी गुस्सा शांत हो जायेगा और मैं भी मिताली के साथ कुछ time spend कर लूंगा ? "
साहिल सोनल को देखकर मुस्कुराता है , लेकिन सोनल मुंह फुलाकर उसे देखती ही रहती है । साहिल सोनल को सॉरी बोलता है ।
तभी अचानक आरव , मिताली को बड़े ध्यान से देखने लगता है और खो सा जाता है । शायद आरव मिताली के चेहरे से अपनी नजरें नहीं हटा पा रहा था ।
आरव की बात से सब लोग खुश हो जाते हैं और घूमने के लिए जगह सोचने लगते हैं ।
सोनल ने तिरछी निगाहों से साहिल के तरफ देखते हुए कहा , " वैसे साहिल हम लोग घूमने कहां जाने वाले हैं ? "
साहिल ने सोनल की तरफ देखकर मुस्कुराते हुए , " हम्म ! यहां के पॉपुलर गार्डन में चलें ? "
सोनल और मिताली साहिल के तरफ देखकर मुस्कुराते हुए , " मुंबई के पॉपुलर गार्डन में , waaww यार बहुत मजा आयेगा ? "
आरव ने साहिल की ओर देखते हुए कहा , " साहिल ! हैंगिंग गार्डन , सागर उपवन या मंचरेजी जोशी पांच उद्यान इनमे से कहां चलोगे ? "
मिताली आरव की ओर देखते हुए , " आरव ! इन तीनों में सबसे अच्छा कौन सा गार्डन है ? जो गार्डन सबसे ज्यादा सुंदर और आकर्षक हो हम लोग वहीं चलें न ? "
आरव ने मिताली की ओर देखकर मुस्कुराते हुए कहा , " देखो miss mitali . हम लोग अगर हैंगिंग गार्डन में चलते हैं , तो वहां पर हमें पहाड़ी पर बना फूलों और नजारों वाला पार्क देखने को मिलेगा और अगर हम सागर उपवन में चलते हैं , तो वहां पर बरगद का पेड़ , लॉन और समुंद्र का किनारा है , लेकिन वो तो ... ? "
साहिल आरव को देखते हुए , " आरव ! तुम परेशान मत हो हम लोग सागर उपवन भी चल सकते हैं क्योंकि अभी 3 बज रहें हैं और पार्क खुला है । "
आरव मुस्कुराते हुए , " हां , तो मिताली तीसरा पार्क है - मंचरेज जोशी पांच उद्यान । इसमें बहुत बड़ा ( विशालकाय ) पार्क है और इसमें पांच बगीचे हैं , तो अब तुम बताओ तुम लोगों को कहां जाना है ? "
प्रिया ने सुरेश के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा , " I think हम लोगों को सागर उपवन चलना चाहिए ? क्या कहते हो ? "
सोनल सोचते हुए , " यार मुझे लगता है की हमें हैंगिंग गार्डन चलना चाहिए क्यों ? "
बीच में ही मिताली मुस्कुराकर बोलते हुए , " सोनल ! यार प्रिया सही कह रही है । हमें सागर उपवन चलना चाहिए। "
आरव , मिताली को खुश होता देख मुस्कुराने लगता है । तभी मिताली आरव का हाथ पकड़ लेती है । मिताली के हाथ पकड़ते ही आरव बिलकुल मदहोश हो जाता है ।
सब लोग मिताली की खुशी देखकर सागर उपवन जाने के लिए तैयार हो जाते हैं ।
मिताली ने आरव को खींचते हुए कहा , " आरव ! चलो सब लोग जा रहे हैं । "
आरव अचानक होश में आते हुए , " मिताली ! तुम मुझे खींच क्यों रही हो ? "
मिताली ने आरव को देखते हुए कहा , " आरव ! तुम यहां हो की कहीं और चले गए ? "
आरव attitude दिखाते हुए , " hello तुम्हारा मतलब क्या है ? मैं यहीं पर हूं ? "
कार का दरवाजा खोलते हुए , " मिताली ! बैठो ? "
मिताली कार में जाकर बैठ जाती है और मिताली के बगल ही आरव भी बैठता है ।
साहिल और साहिल के सारे दोस्त कार में बैठ जाते हैं । सब लोग मौज - मस्ती करते हुए जाते हैं ।
मिताली , आरव को देखकर बड़बड़ाते हुए , " खड़ूस कहीं का ? अपने आप को पता नहीं क्या समझता है जैसे कहीं के लॉर्ड गवर्नर हो ? जब बात न करो तो देख कर मुस्कुराता है और जब बात करो तो बड़े attitude में आ जाते हैं ? "
आरव , ने मिताली को तिरछी निगाहों से देखते हुए कहा , " मैं भी कितना बड़ा बेवकूफ हूं ? मुझे मिताली से ऐसे बात नहीं करनी चाहिए थी ? वो पता नहीं मेरे बारे में क्या सोच रही होगी ? "
आरव ने मिताली की ओर देखते हुए मुस्कुराया और बोला , " मिताली तुम बहुत चुप हो कोई बात है क्या ? "
मिताली मुंह बनाकर , " मैं खड़ूस लोगों से बात नहीं करती हूं ? "
सोनल , मिताली की बात सुनकर मुस्कराने लगती है । साहिल भी सोनल को शीशे में देखकर मुस्कराने लगता है ।
आरव ने मिताली की ओर देखते हुए मुस्कुराकर कहा , " मिताली ! तुम्हारी जानकारी के लिए मैं तुम्हें बता दूं कि मैं खड़ूस नहीं हूं ? हां ! थोड़ा गुस्सा हो जाता हूं , वो अलग बात है । "
अचानक ब्रेक लगाकर कार मोड़ते वक्त मिताली का सिर आरव के कंधे पर चला जाता है । आरव तुरंत अपने हाथों को मिताली के कंधे पर रख देता है , जिससे मिताली को protect कर सके ।
आरव ने मिताली के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा , " मिताली ! तुम ठीक हो , तुम्हें कहीं लगी तो नहीं ? "
मिताली आरव के कंधे पर ही सिर रखे हुए , " हां ! मैं ठीक हूं , और आरव तुम ? तुम्हें लगी तो नहीं ? "
आरव मिताली को अपने कंधे पर सिर रखे हुए देखकर मुस्कुराते हुए , " मिताली ! मुझे चोट तो लगी है , लेकिन ये दर्द भी मुझे अच्छा लग रहा है । "
मिताली ने आरव के कंधे से सिर हटाते हुए कहा , " sorry आरव ! तुम्हें चोट कहां लगी है ? "
आरव ने मिताली को देखते हुए कहा , " चोट तो मेरे दिल पर लगी है और मुझे मेरे दर्द - ए - दिल की दवा चाहिए ? "
मिताली ने आरव को देखकर मुस्कुराते हुए कहा , " आरव ! तुम भी ... । वैसे तुम्हारे दर्द - ए - दिल की दवा कहां मिलेगी ? "
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