अगले चैप्टर में आपने पढ़ा कि सोनल को साहिल का पता लग जाता है की ये लड़का ही साहिल मेहरा है । मेरे बचपन का दोस्त , जिसके साथ मैं इतना खुश रहती थी । हम दोनों एक साथ कितना खेलते थे , कितना मौज करते थे । वो पल , वो लम्हा भी कितना खूबसूरत था । हम दोनों चीज एक - दूसरे के साथ शेयर करते थे , फिर चाहे वो खाने की कोई चीज हो या फिर खेलने की । सोनल अपनी बचपन की खूबसूरत यादें याद करके बहुत खुश होती है ।
सोनल साहिल का पूरा ख्याल रखती है । सोनल साहिल को खाना देकर मिताली के पास पतली खिचड़ी खिलाने जाती है । जब सोनल मिताली को खिचड़ी खिलाकर आती है तब देखती है की साहिल खाना नहीं खाया रहता है । सोनल को साहिल का खाना देखकर गुस्सा आ जाता है ।
सोनल ( गुस्से से ) - " साहिल ! आपने खाना क्यों नहीं खाया ? "
साहिल ( सोनल को देखते हुए ) - " अभी तुमने भी तो नहीं खाया है , तो मैं अकेले कैसे खा लूं ? तुम्हे भी तो भूख लगी होगी ? "
सोनल ( चुप हो कर ) - " अच्छा ! तो तुम इसीलिए नहीं खा रहे थे ? i am sorry . मैने बिना जाने तुम्हे डाट दिया । मुझे माफ कर दो। "
साहिल ( हंसते हुए ) - " तुम ऐसे रहती हो , तो बहुत क्यूट लगती हो । "
सोनल ( हंसते हुए ) - " चलो ! अब हम दोनों खाना खाते हैं ।सोनल अपने लिए भी खाना निकालती है । "
साहिल ( हाथ आगे बढ़ाते हुए ) - " तुम मुझसे दोस्ती करोगी ? "
सोनल ( हंसते हुए ) - " हां ! जरूर ।"
साहिल और सोनल दोनों हाथ मिलाकर लड़ाई - झगड़े से है कर दोस्ती कर लेते हैं , फिर साहिल और सोनल दोनों खाना खाने लगते हैं । कुछ देर में शाम हो जाती है ।
सोनल - " साहिल अब तुम घर जाओ और आराम करो । "
साहिल - " तुम यहां अकेले रहोगी । नहीं तुम्हारा यहां अकेले रहना सही नहीं है । तुम मेरी दोस्त हो में तुम्हे यहां अकेले नहीं रहने दूंगा ? "
सोनल - " साहिल ! राहुल अंकल और शीतल आंटी तुम्हारे लिए परेशान हो रही होंगी ? "
साहिल - " हां ! मम्मी - पापा परेशान हो रहे होंगे । ( तभी अचानक ) लेकिन तुम्हे मेरी मम्मी और पापा का नाम कैसे पता चला ? "
सोनल ( इधर - उधर देखते हुए ) - " तुम ... तुम्हारे पापा का नाम तुम्हारे दोस्तों ने मुझे बताया ? "
साहिल ( सोनल की तरफ देखते हुए ) - " और मेरी मम्मी का नाम किसने बताया ? "
सोनल ( हंसते हुए ) - " तुम्हारे दोस्त ने ही बताया । "
साहिल ( सोनल को शक की निगाहों से देखते हुए ) - " मेरे दोस्तों ने तुम्हें और क्या - क्या बताया ? "
सोनल ( हंसते हुए ) - " तुम्हारी बहन का नाम कशिश है ना ? "
साहिल - " यह भी सभी मेरे दोस्तों ने बताया होगा ना ? "
सोनल ( हंसते हुए ) - " हां ! उन्होंने ही मुझे बताया ? "
साहिल ( सोनल की तरफ देखते हुए ) - " तुम्हें मेरी फैमिली के बारे में सब कुछ पता है, लेकिन मुझे अभी तुम्हारा नाम भी नहीं पता है । "
तभी साहिल के पापा का फोन आ जाता है ।
राहुल , साहिल को फोन पर कहते हुए , " बेटा ! तुम बहुत जल्दी घर आओ । यहां कोई तुमसे मिलने आया है । "
साहिल ( खुश होते हुए ) - " पापा ! मेरी सोनल है क्या ? वो मुझसे मिलने आई है । मुझे पता था वो मुझसे मिलने जरूर आयेगी। "
राहुल - " नहीं ! बेटा सोनल नहीं है । आरव के मम्मी - पापा हैं । वो यहीं बगल में आए हुए थे , तो वैसे हमारे घर आए हैं । हम सब से मिलने तुम नहीं दिख रहे थे तो इसीलिए उन्होंने तुम्हे फोन करके बुलाने को कहा । तुम आ रहे हो ? "
साहिल ( नाराज होकर ) - " हां ! पापा मैं आ रहा हूं ? "
सोनल ( उदास होकर खुद से बातें करती हुई ) - " सोनल तुम ये बहुत गलत कर रही हो । तुम्हे बता देना चाहिए की तुम्हारी बचपन की दोस्त सोनल जिसे तुम ढूंढ रहे वो तुम्हें हर रोज मिलती है लेकिन तुम उसे पहचान नहीं पाते । वो कोई और नहीं में ही हूं , जिसके साथ तुम बैठे हो । "
तभी साहिल आकर सोनल को गले लगा कर रोने लगता है । सोनल भी साहिल को गले लगा कर रोने लगती है ।
साहिल ( रोते हुए ) - " पता नहीं मुझे मेरी सोनल कब मिलेगी । मैं उसे रोज ढूंढता हूं लेकिन वो मुझे मिलती ही नहीं । "
तभी साहिल को पता नहीं क्या हो जाता है । वो सोनल से दूर खड़ा हो जाता है ।
साहिल ( भरी हुई आवाज में ) - " मुझे माफ कर दो । मैं कुछ ज्यादा ही भावुक हो गया था । "
सोनल ( साहिल के आंसू पोछते हुए ) - " कोई बात नहीं , तुम मेरे दोस्त हो और एक दोस्त दूसरे दोस्त के गले लग सकता है । "
" साहिल हो सकता है की सोनल तुम्हारे आस - पास हो और तुम उसे ढूंढ न पाते हो । वो तुम्हे समेशा देखती हो और तुम उसे हमेशा देखते हो लेकिन किसी न किसी वजह से वो तुमसे दूर भागती हो । "
साहिल - " तुम्हे पता है सोनल तुम्हारे ही बैच में है। वो भी यहां ट्रेनिंग देने के लिए आती है । "
तभी साहिल के पापा का फिर से फोन आ जाता है । साहिल उनसे बात करते हुए बाहर जा रहा होता है । तभी सोनल से कहता है ।
साहिल - " सुनों ! मैं अभी किसी को यहां भेजूंगा रात को रुकने के लिए । "
सोनल ( आवाज देते हुए ) - " साहिल ! आंटी को भेज देना ? मेरा नाम जान लेते तभी जाते । "
तभी सोनल मिताली के पास जाती है । मिताली सोई रहती है। सोनल मिताली के पास जाकर बैठ जाती है और बातें करने लगती है । सोनल साहिल के बारे में ही बातें करती है ।
सोनल ( बातें करते हुए ) - " मिताली ! तुम्हे पता है । साहिल के साथ रहने में मुझे एक अलग फीलिंग आती है । तभी नर्स वहां आ जाती है । "
नर्स - " आप प्लीज शांत रहिए । ये अभी सो रहीं हैं अगर ये आधी नींद में ही जाग जायेंगी तो इनके सिर में दर्द होने लगेगा । "
सोनल - " सॉरी ! मैं बाहर जाती हूं ? "
सोनल आकर बाहर बैठ जाती है । उधर साहिल भी अपने घर पहुंच जाता है । साहिल घर जाता है तो वहां पर आरव के मम्मी - पापा साहिल से मिलनेके लिए बैठे हुए थे । साहिल आरव के मम्मी - पापा के पास जाकर उन दोनों के पैर छू कर आशीर्वाद लेता है । साहिल आरव के मम्मी - पापा के पास बैठकर कुछ देर बातें करता है ।
साहिल काफी टाइम तक बैठकर बातें करता है फिर अचानक उसे सोनल की याद आ जाती है । साहिल सब लोगों के साथ बैठकर डिनर करता है फिर अपनी मम्मी से कहकर खाना पैक करवाता है ।
शीतल - " साहिल ! ये खाना तुम कहां ले जाओगे ? "
साहिल - " मम्मी ! वो आज मेरी वजह से एक लड़की का एक्सीडेंट हो गया है । मैं अभी तक वहीं था । "
शीतल ( घबरा कर ) - " साहिल ! बेटा वो बच्ची ठीक तो है । उसे कुछ हुआ तो नहीं । कौन थी और उसका एक्सीडेंट तुम्हारी वजह से कैसे हो गया ? "
साहिल - " साहिल अपनी मां को एक ही सांस में सब कुछ बता देता है । "
शीतल - " जिसका एक्सीडेंट हुआ वो सोनल है । साहिल तुम्हारे उस प्लान के वजह से सोनल का एक्सीडेंट हो गया । "
साहिल - " नहीं ! मम्मी ऐसा नहीं है । वो बस एक एक्सीडेंट है । उसे मैने जान बूझकर नहीं किया है और वो सोनल नहीं है । "
शीतल - " उस बेचारी की हालत में कुछ सुधार हुआ है । "
साहिल - " हां ! मम्मी वो अब खतरे से बाहर है । "
शीतल - " उसको खून की जरूरत तो नहीं पड़ी ? "
साहिल - " हां ! मम्मी उसे खून की जरूरत थी । उसका ब्लड और मेरा ब्लड सेम था तो मैंने उसे ब्लड दे दिया ? "
शीतल ( खुश हो कर ) - " ये तुमने बहुत अच्छा किया बेटा ? मेरा आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे साथ है । तुम कमजोरी तो नहीं महसूस कर रहे हो ? "
साहिल ( हंसते हुए ) - " मां ! तुम्हारा आशीर्वाद है मेरे साथ , तो मैं कमजोरी कैसे महसूस करूंगा ? मैं बिलकुल ठीक हूं ? मम्मी पता है वो आपको , पापा को और कशिश को सबको जानती है । "
शीतल ( खुश होकर साहिल का हाथ पकड़ कर ) - " बेटा ! कहीं वो हमारी सोनल तो नहीं है । "
साहिल - " नहीं ! मम्मी वो सोनल नहीं है । "
शीतल - " साहिल ! फिर उसे ये सब कैसे पता चला ? "
साहिल - " मम्मी ! मैने उससे पूछा कि तुम मेरे पापा , मम्मी और मेरी बहन का नाम कैसे जानती हो ? "
शीतल( हंसते हुए) - " तो फिर उसने क्या कहा ? "
साहिल ( मुंह बनाते हुए ) - " उसने कहा की मुझे तुम्हारे दोस्तों ने बताया ? "
शीतल - " अच्छा ! उसका नाम क्या है ? "
साहिल ( सेब उठाकर खाते हुए ) - " मम्मी ! मुझे उसका नाम ही नहीं पता है । "
शीतल - " वो 100% सोनल ही है । "
साहिल - " मम्मी ! आपको कैसे पता ? "
शीतल - " साहिल तुम एक काम करो । तुम पहले खाना लेकर जाओ मेरी बच्ची भूखी होगी । "
साहिल - " ok ! मम्मी मैं जा रहा हूं ? "
शीतल - " अच्छा साहिल ! मेरी सोनल कैसी दिखती है ? "
साहिल - " मम्मी ! वो बहुत सुंदर है । उसके सामने ऐश्वर्या राय भी फेल है । "
शीतल ( हंसते हुए ) - " अच्छा ! तुम जल्दी जाओ । मेरी बच्ची भूखी होगी और साहिल तुम हॉस्पिटल जाना तो उसे सोनल कह कर बुलाना अगर वो बोल देगी तो वो ही सोनल है। "
तब साहिल फिर से हॉस्पिटल जाता है । साहिल सोनल के लिए खाना लेकर आता है और मिताली के लिए जूस लेकर आता है । साहिल जब हॉस्पिटल पहुंचता है तो सोनल बैठकर सो रही होती है । सोनल सोते - सोते गिर रही थी । तभी साहिल उसके पास जाकर बैठ जाता है । सोनल अपना सिर साहिल के कंधे पर रख लेती है ।
साहिल ( सोनल के चेहरे को देखते हुए ) - " मुझे अभी तक तुम्हारा नाम भी नहीं पता । भगवान करें की तुम ही मेरी सोनल हो । "
सोनल के चेहरे पर बाल आता है , जिसकी वजह से सोनल बार - बार मुंह बनाने लगती है । साहिल सोनल के बाल को पीछे कर देता है । सोनल साहिल का हाथ पकड़ नींद में ही पकड़ लेती है और कहती है ।
सोनल ( नींद में धीरे - धीरे बड़बड़ाते हुए ) - " साहिल तुम कितने अच्छे हो । मैं तुम्हे कभी दुखी नहीं देख सकती । तुम कभी भी मेरा नाम ही जानने की कोशिश नही करते । "
साहिल - " सोनल ! क्या हुआ तुम्हे ? "
सोनल ( अचानक आंख खोलते हुए ) - " साहिल ! तुम .. ? तुम कब आए यहां ? और साहिल का हाथ छोड़ देती है । "
साहिल - " I am sorry . वो तुम बैठ के सो रही थी । तो जब मैं यहां आया तो तुम गिरने वाली थी तो मैं बैठ गया जिससे तुम मेरे कंधे पर सिर रख कर आराम से सो सको । तुम सोते - सोते मेरा हाथ पकड़ ली थी तो मैंने सोचा कि अगर मैं अपना हाथ छुड़ाने की कशिश करूंगा तो तुम जाग जाओगी , इसीलिए ? "
सोनल ( हंसते हुई) - " साहिल ! मैने सफाई मांगी । "
क्या सोनल के मन में साहिल के लिए प्यार उमड़ रहा है । जानने के लिए पढ़ते रहिए " मोहब्बत सिर्फ तुम से " ।
आगे .... ....