अगले चैप्टर में आपने पढ़ा कि साहिल कशिश और सोनल को कॉलेज ले जाने के लिए घर पर रूका रहता है । सोनल और कशिश जब तैयार होकर आती हैं , तो साहिल सोनल को बिना पलक झपकाए देखता ही रहता है । कशिश साहिल के पास जाकर साहिल को आवाज देती है और साहिल चौंककर कशिश की ओर देखने लगता है । कशिश कहता है , " भाई ! अब आपको देर नहीं हो रही है । "
तब साहिल सोनल और कशिश के साथ कार के पास जाने लगता है । सोनल को देखकर साहिल के दिल की धड़कन तेज हो जाती है । साहिल सोनल का हाथ पकड़ने की कोशिश करता है । तभी कशिश बीच में आकर सोनल से बातें करने लग जाती है । साहिल बेचारा मुंह बनाकर खड़ा हो जाता है ।
सोनल ( साहिल को देखकर मुस्कुराते हुए ) - " साहिल ! तुम वहां क्यों खड़े हो गए ? जल्दी आओ ना , हमें देर हो रही है । "
कशिश ( मुंह बनाकर ) - " भाई ! आप अब तक हमें कह रहे थे की जल्दी करो और अभी आप खुद खड़े हो गए ? "
तभी साहिल कार के पास आता है और सोनल को आगे बैठने के लिए कार का दरवाजा खोलता है । तभी कशिश सोनल को पकड़ कर अपने साथ पीछे बैठा लेती है ।
साहिल ( मुंह बनाकर मन में सोचते हुए ) - " ये सोनल पता नहीं अपने आपको क्या समझती है । मैने सोनल के आगे बैठने के लिए कार का गेट खोल दिया , लेकिन वो पीछे सोनल के साथ जाकर बैठ गई । "
तभी कशिश और सोनल साहिल को कार का गेट पकड़े देख हंसने लगती हैं । तभी सोनल कहती है ।
सोनल ( साहिल को देखकर हंसते हुए ) - " साहिल ! तुम किसके बैठने के लिए गेट खोल कर खड़े हो ? कोई और भी आ रहा है क्या ? "
साहिल ( मुंह बनाकर ) - " नहीं ! मैं कुछ देख रहा था ? "
कशिश ( हंसते हुए ) - " भाई ! आप जो देखना चाहते थे , अगर वो आप देख चुके हों , तो जल्दी से मुझे कॉलेज छोड़ दीजिए ? नहीं तो मेरी क्लास छूट जायेगी ? "
सोनल ( साहिल की तरफ देखते हुए ) - " हां ! जल्दी चलो ना , नहीं तो मुझे भी देर हो जाएगी ? "
साहिल ( मुंह बनाकर ) - " हां ! चलो ? "
तभी साहिल कार चलाना स्टार्ट कर देता है । साहिल कार का शीशा सोनल की तरफ कर लेता है , जिससे साहिल को सोनल का चेहरा दिखाई दे ?
कशिश और सोनल आपस में बात करके हंसती रहती हैं । तभी सोनल की नजर साहिल पर पड़ती है । साहिल बीच - बीच में शीशे मे सोनल का चेहरा देखता रहता है ।
सोनल ( मुस्कुराते हुए ) - " कशिश ! बाहर देखो कितनी अच्छी हवा चल रही है ? आज का मौसम कितना सुहावना है ना ? "
तभी सोनल बाहर की तरफ मुंह करके हवा लेने लगती है ।
सोनल ( हंसते हुए ) - " साहिल ! सच में बहुत अच्छी हवा चल रही है । "
कशिश ( मुस्कुराते हुए ) - " हां सोनल ! सच में हवा बहुत अच्छी चल रही है । "
अब साहिल शीशे में सोनल का चेहरा नहीं देख पता है और मुंह बनाकर बैठ जाता है । सोनल और कशिश बाहर के नजारे और हवा का आनंद लेते हैं । तभी साहिल अकेले बोर हो जाता है।
साहिल ( मुंह बनाकर ) - " सोनल और कशिश ! तुम दोनों अंदर मुंह करो ? बाहर क्या देख रही हो और रही हवा की बात , तो कार में कितनी अच्छी ए.सी. की ठंडी हवा चल रही है और तुम लोग बाहर हवा ले रही हो ?
सोनल ( मुस्कुराते हुए ) - " साहिल ! नेचुरल हवा लेनी चाहिए ,ज्यादा ए. सी. की हवा लेने से इंसान मोटा हो जाता है और मैं मोटी नहीं होना चाहती हूं ? "
साहिल ( मुस्कुराते हुए ) - " सोनल ! तुम मोटी होना भी मत नहीं तो किसी के ऊपर गिर जाएगी तो उस बेचारे का क्या होगा ? "
सोनल ( मुंह बनाकर ) - " साहिल ! शायद इसीलिए मैं पतली और फिट हूं ? "
साहिल ( मुस्कुराते हुए ) - " यार ! सच में तुम्हारा वजन अभी भी बहुत ज्यादा है । "
सोनल ( मुंह बनाकर ) - " साहिल ! तुम्हे कैसे पता की मेरा वजन ज्यादा है , मैं भारी हूं ? "
साहिल ( मुस्कुराते हुए ) - " सोनल ! उस दिन तुम्हें याद आया या नहीं ? जिस दिन पार्टी थी और हम लोग हॉस्टल से लौटे थे , तब ? कुछ याद आया ? "
सोनल ( शरमाते हुए ) - " साहिल ! तुम ज्यादा मत बनो ? मैं तुमसे ज्यादा भारी नहीं हूं ? "
कशिश ( मुस्कुराते हुए ) - " सच में सोनल तुम इतनी ज्यादा भारी हो ? "
सोनल ( साहिल की ओर देखते हुए ) - " कशिश ! साहिल खुद इतना भरी है की क्या बताऊं इसीलिए साहिल को हर कोई भारी ही लगता है ? वो कहते हैं ना की " हम जिस नजरिए से देखें हमें ये दुनिया वैसे ही दिखाई देती है " । हैं ना साहिल ? "
साहिल ( कशिश से ) - " कशिश ! तुम्हारा कॉलेज आ गया , अब तुम्हें देर नहीं हो रही है ? "
कशिश - " हां ! भाई मैं जा रहीं हूं ना ? बाय सोनल , बाय भाई ।
तभी कशिश अपने कॉलेज चली जाती है । तभी साहिल कार सोनल के हॉस्पिटल की तरफ मोड़ता है । कार मोड़ने के बाद कार रोक देता है ।
सोनल ( साहिल को देखते हुए ) - " साहिल ! तुमने गाड़ी क्यों रोक दी ? मुझे भी देर हो रही है , जल्दी चलो ना प्लीज ? "
साहिल ( कार से बाहर निकल कर सोनल की तरफ का दरवाजा खोलता है ) - " सोनल ! बहा निकलो और आगे चलकर बैठो ।
तभी सोनल कार से बाहर निकलती है फिर साहिल आगे का दरवाजा खोलता है । सोनल आगे साहिल के बगल की सीट पर बैठती है ।
साहिल ( कार स्टार्ट करते हुए ) - " सोनल ! सॉरी ? "
सोनल ( साहिल को देखते हुए ) - " सॉरी ! किसलिए ? "
साहिल ( सोनल की तरफ देखते हुए ) - " सोनल ! मेरा मजाक तुम्हें अच्छा नहीं लगा ना ? जब मैं तुम्हे भारी बोल रहा था ? "
सोनल ( मुस्कुराते हुए ) - " नहीं ! साहिल तुम मेरे दोस्त ही नहीं बल्कि उससे भी बढ़कर हो और तुम मुझे कुछ भी कहो , मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है ? "
साहिल ( मुस्कुराते हुए ) - " सोनल ! तुम कितनी प्यारी हो ? लव यू सोनल ? "
सोनल ( साहिल को देखते हुए ) - " साहिल ! सॉरी ? "
साहिल ( सोनल को देखते हुए ) - " सोनल ! तुम क्यों मुझे सॉरी बोल रही हो ? "
सोनल - " साहिल ! मुझे पता है की तुम मेरे बैठने के लिए कार का दरवाजा खोले हुए थे ना ? "
साहिल ( मुंह बनाकर ) - " नहीं ! यार मैं कुछ ढूंढ रहा था , इसीलिए मैं दरवाजा खोल कर देख रहा था ?
सोनल ( मुस्कुराते हुए साहिल के बांह को पकड़ कर रोमेंटिक अंदाज में ) - " साहिल ! सच में तुम मेरे बैठने के लिए गेट नहीं खोले थे ? "
साहिल ( मुस्कुराते हुए ) - " सोनल ! वो मैने तुम्हारे लिए ही खोला था , लेकिन तुम पीछे सोनल के साथ बैठ गए । "
सोनल ( साहिल के कंधे कर सिर रखकर मन में सोचते हुए ) - " साहिल ! मुझे पता है की तुम मुझ से बहुत प्यार करते हो और मैं भी तुम से बहुत प्यार करती हूं ? I love you साहिल। "
साहिल ( प्यार से ) - " सोनल ! तुम सो गई क्या ? तुम्हारा हॉस्पिटल आ गया ? "
सोनल ( बाहर देखते हुए ) - " साहिल ! बाय फिर मैं चलती हूं । तुम शाम को मुझे लेने आ रहे हो ? "
साहिल ( मुस्कुराते हुए ) - " हां ! मैं शाम को तुम्हे लेने आऊंगा ? "
सोनल ( मुस्कुराते हुए ) - " साहिल ! फिर शाम को मिलते हैं । "
साहिल ( मन में सोचते हुए ) - " सोनल ! आज मैं तुम्हे प्रपोज करूंगा फिर देखता हूं की तुम मुझे हां कहती हो या ना ? "
तब साहिल वहां से चला जाता है और अपने दोस्तो को घर लेकर जाता है। साहिल अपने कमरे को अच्छी तरफ डेकोरेट करवाता है । सोनल और अपनी सारी बचपन की तस्वीरों को साफ करके पूरे कमरे में अच्छे से रख कर सजा देता है । साहिल कमरे में सोनल और अपनी पार्टी की फोटो को भी लगवा देता है । कमरे में पार्टी के तस्वीरों पर लाइट्स लगा देता है । और कमरे की सारी लाइट्स बंद कर देता है ।
सारी डिकोरेसन करने के बाद शाम को सोनल को लाने के लिए जाता है । सोनल हॉस्पिटल के बाहर अपनी सहेलियों के साथ खड़ी रहती है ।
साहिल ( हॉर्न बजाते हुए ) - " सोनल ! आओ जल्दी ? "
तभी सोनल के साथ सोनल की सारी बैच की लड़कियां सोनल से मिलने के लिए जाती हैं ।
साहिल ( मुस्कुराते हुए ) - " हेलो ब्यूटीफुल ! कैसी हो आप सब ? "
सोनल के बैच की लड़कियां ( मुस्कुराते हुए ) - " हेलो साहिल ! कैसे हो आप ? आज तो आप बहुत हैंडसम लग रहे हो ? "
साहिल ( मुस्कुराते हुए ) - " सच ! यार तुम लोग कितनी अच्छी हो ? कम से कम तुम लोगों को तो मैं हैंडसम लगा नहीं तो मुझे लग रहा था की मैं हैंडसम हूं ही नहीं ? मेरे साथ जो रहती है , वो मेरी तारीफ ही नहीं करती है । "
सोनल ( गुस्से से साहिल को देखती है ) - " साहिल ! अब चलें ? मुझे भूख लग रही है ? "
साहिल ( सोनल को जलाने के लिए ) - " हे ब्यूटीफुल ! अब तो हमेशा तुम लोगों से मिलता - जुलता रहूंगा ? "
तभी सोनल के बैच की एक लड़की साहिल को किस कर लेती है । सोनल साहिल को किस करता देखकर बहुत गुस्सा हो जाती है ।
सोनल ( गुस्से से ) - " साहिल ! तुम बात करो मैं बस से चली जाऊंगी और जब तुम्हारी बात खत्म हो जाए , तब चले आना ? "
साहिल ( दौड़ कर दरवाजा खोलते हुए ) - " सोनल ! यार तुम तो गुस्सा हो रही हो ? चलो हम लोग घर चलते है । "
तभी साहिल सोनल को बैठाकर कार स्टार्ट कर देता है। सोनल बिना कुछ बोले शांति से बैठी रहती है ।
साहिल ( मुस्कुराते हुए ) - " यार सोनल ! तुम्हारे बैच की लड़कियां कितनी अच्छी हैं ? "
सोनल ( गुस्से में) - " हां ! तुम्हें तो मेरे बैच की लड़कियां अच्छी तो लगेंगी ही और क्यों ना लगें वो तुमसे चिपक - चिपक कर तुम्हारी तारीफ जो कर रही थी ? "
साहिल ( मुंह खोलकर चौंकते हुए ) - " अरे सोनल ! तुम ये क्या कह रही हो ? मुझ पर तुम ऐसे आरोप नहीं लगा सकती ? "
सोनल ( मुंह बनाकर ) - " साहिल ! तुम ज्यादा ओवर स्मार्ट मत बनो ? और वो लड़की तुम्हे ज्यादा अच्छी लगी होगी ना जिसने तुम्हारे गली पर किस किया ? "
साहिल ( मुंह बनाकर ) - " सोनल ! तुम ये क्या कह रही हो ? वो लड़की मुझे आकर किस कर देगी । मुझे इसका कोई अंदाजा भी नहीं था ? "
सोनल ( गुस्से में ) - " साहिल ! तुम किसी से भी बात करो या फिर फ्लर्ट करो , इससे मुझे क्या फर्क पड़ता है ? "
साहिल ( सोनल की तरफ देखते हुए ) - " सॉरी सोनल ! तुम ही तो अपनी सहेलियों को मेरे पास लेकर आई थीं और मैं उनसे बात नहीं कर रहा था , वो लोग ही मुझसे बात कर रही थी । "
सोनल ( मुंह बनाकर) - " हां ! वो तो मैने देखा । साहिल ये मत भूलो तब मैं वहीं थी ? "
साहिल ( सोनल की तरफ देखते हुए ) - " सोनल ! तुम्हें जलन हो रही है ? "
सोनल ( मुंह बनाकर ) - " साहिल ! मुझे क्यों जलन होगी ? "
तभी साहिल और सोनल घर पहुंच जाते है । साहिल सोनल की तरफ जाकर कार का गेट खोलता है ।
साहिल ( गेट खोलते हुए ) - " सोनल ! आओ ? "
सोनल ( बाहर आते हुए ) - " थैंक यू साहिल । साहिल कशिश घर आ गई होगी ना ? "
साहिल ( मुस्कुराते हुए ) - " हां ! कशिश को मैं बहुत पहले कॉलेज से ले आया ? "
तब साहिल और सोनल घर के अंदर जाते हैं । कशिश हॉल में बैठी रहती है । सोनल और साहिल भी हॉल में जाकर बैठ जाते हैं । तभी शीतल साहिल और सोनल के लिए पानी लेकर आती हैं ।
शीतल ( हंसते हुए ) - " बेटा ! आज तुहारा दिन कैसा गया ? "
सोनल ( मुस्कुराते हुए ) - " आंटी ! मेरा आज का दिन तो अच्छा गया , लेकिन साहिल का दिन और भी अच्छा गया । क्यों साहिल ? "
साहिल ( मुंह बनाकर ) - " हां ! मम्मी मेरा भी दिन अच्छा ही गया ? "
तभी सोनल और कशिश शीतल के साथ बात करने लगती हैं । साहिल सोनल का हंसता चेहरा देखकर खुद भी हंसने लगता है ।
साहिल ( मन में सोचते हुए ) - " सोनल ! मैं आज का दिन तुम्हारे लिए बहुत खास बनाने वाला हूं ? बस तुम अभी थोड़ा सा इंतजार का लो ? "
क्या सोनल साहिल के आज की हरकत को देखकर उसे हां करेगी या फिर पहले साहिल के नेचर को अच्छे से जानने की कोशिश करेगी ?
जानने के लिए पढ़ते रहिए " मोहब्बत सिर्फ तुम से । "
आगे .... ..