कोई काम शुरू करने से पहले, स्वयं से तीन प्रश्न कीजिये – मैं ये क्यों कर रहा हूँ, इसके परिणाम क्या हो सकते हैं और क्या मैं सफल होऊंगा. और जब गहराई से सोचने पर इन प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर मिल जायें, तभी आगे बढिए.
इसी संदर्भ में Vinay Jha ji विनय झा जी की यह पोस्ट संदर्भित है- भारत मे जितने प्राचीन प्रमाणिक ग्रन्थ उपलब्ध हैं उतने शेष संसार में नहीं हैं | यह दूसरी बात है कि म्लेच्छ और उनके मानसपुत्र ऋषियों के ग्रन्थों को प्रामाणिक नहीं मानते | भारत के सभी पुस्तकालय जला दिए गए, मन्दिरों से संलग्न पाठशालाएं मन्
दुनियाँ में लक्ष्मी, विद्या, प्रतिष्ठा, बल, पद, मैत्री, कीर्ति, भोग, ऐश्वर्य आदि को बड़ा फल माना जाता है। यह सब -ज्ञान-रूपी वृक्ष के फल हैं। ज्ञान के अभाव में इनमें से एक भी वस्तु प्राप्त नहीं हो सकती। इस लोक के सारे सुख ज्ञान के ऊपर निर्भर हैं, परलोक का सुख भी ज्ञान द्वारा ही सम्पादित होता हैं। विव
प्रेमचन्द हिन्दी के प्रथम मौलिक उपन्यासकार हैं। उन्होंने एक क्रमबद्ध एवं संगठित कथा देने का महत्त्वपूर्ण प्रयास किया है। उन्होंने हिन्दी के पाठकों की अभिरुचि को तिलिस्मी उपन्यासों की गर्त से निकालकर शुद्ध साहित्यिक नींव पर स्थिर किया। उनकी कला, उनका आदर्शवाद, उनकी कल्पना और सौन्दर्यानुभूति
एकाएक उसके दिमाग में एक विचार आया और उसकी ऑंखें चमकने लगीं. उसने एक बार फ़िर मृतक की तलाशी लेनी शुरू कर दी, और जल्दी ही उस व्यक्ति की भीतरी जेब से उसे सिक्के के आकार की एक माइक्रोचिप मिल गई. ये चिप दरअसल किसी भी महत्वपूर्ण व्यक्ति के जिस्म का अनिवार्य अंग होती थी. उस व्यक्ति का समस्त पिछला रिकॉर्ड ,
लेखक - जीशान जैदी बेरोज़गारी के धक्कों ने उसे बेहाल कर दिया था. दो दिन से उसके पेट में एक दाना भी नहीं गया था. मीठे पानी को तो वह बहुत दिन से तरस रहा था, क्योंकि पानी अब बहुराष्ट्रीय कंपनियों की संपत्ति हो चुका था. समुन्द्र का खारा पानी वह किसी तरह पी रहा था. ग्लोबल वार्मिंग की वजह से समुन्द्र में न
😂झूठ बोलना …बच्चों के लिए … पाप ,,कुंवारों के लिए …. अनिवार्य ,,प्रेमियों के लिए ….. कला ,,और …शादीशुदा लोगों के लिए … शान्ति से जीने का मार्ग होता है....!!""✋ये है इस हफ्ते का साप्ताहिक ज्ञान।बड़ी मुश्किल से ढूंढ़ कर निकाला है।गीता में लिखना रह गया था।
"माँ, मैं एक आनुवंशिक वैज्ञानिक हूँ। मैं अमेरिका में मानव के विकास पर काम कर रहा हूं। विकास का सिद्धांत, चार्ल्स डार्विन, आपने उसके बारे में सुना है?" वासु ने पूछा। उसकी मां उसके पास बैठी और मुस्कुराकर बोली, “मैं डार्विन के बारे में जानती हूं, वासु। मैं यह भी जानती हूं कि तुम जो सोचते हो कि उसने जो
यह विज्ञापनों का देश था।कुछ विज्ञापन देकर कमाते थे, कुछ लेकर।गली, मोहल्ले, बाजार, स्कूल, पेड़, पौधे, सार्वजनिक सुविधा घर यहां तक कि दूसरों की फेसबुक दीवार और रोटी पर तक लोग विज्ञापन लगाने से नहीं चूकते थे। जो लोग विज्ञापन नहीं लगवाना चाहते थे वे भी अपनी दीवारों पर विज्ञापन देकर लिखते थे कि यहां विज्ञ
कोई कुछ भी कहे मगर सोशल मीडिया ने समाज में उथल पुथल मचा रखी है , विश्वास नहीं होता तो इनसे पूछिए .... १) पत्रकार और मीडिया - ख़बरों के बाजार में इनकी अकेली दुकान थी जिसमे झूठ मनमर्जी कीमत पर भी बिक जाता था ! अब ये दुकान बंद होने के कगार पर है !२)लेखक और लेखन - विशेष कर हिन्दी में अब तक लेखन के ना
संसदीय समितियांसंसद के कार्यों में विविधता तो है, साथ ही उसके पास काम की अधिकता भी रहती है। चूंकि उसके पास समय बहुत सीमित होता है, इसलिए उसके समक्ष प्रस्तुत सभी विधायी या अन्य मामलों पर गहन विचार नहीं हो सकता है। अत: इसका बहुत-सा कार्य समितियों द्वारा किया जाता है।संसद के दोनों सदनों की समितियों
ज्ञान जितना पा लो कम है। प्रतिदिन अनेक किताब प्रकाशित होती हैं, सभी तो कोई पढ़ नहीं सकता। ज्ञान से बुद्धि बल बढ़ता है। बुद्धि का बल सबसे बड़ा है। ज्ञान से बुद्धि बल बढ़ता है और बुद्धि में विवेक जागता है। विवेक सम्मत बुद्धि से हम सभी सम्ास्याओं एवं शंकाओं का समाधान कर पाते हैं। इसलिए ज्ञान की म
खूबसूरत दिखना किसको पसंद नहीं होता | और खासकर लड़कियां तो खूबसूरत दिखने में कोई कसर नहीं छोड़ती फिर चाहे बात उनके बालों की हो या नाखूनों की | वो अपनी सजावट का पूरा ध्यान रखती हैं | महिलाएं खूबसूरत दिखने के तरह तरह के नुस्खें अपनाती है जैसे लिपस्टिक लगाना, काजल लगाना, क्रीम लगाना , नेलपॉलिश यूज़ करना औ
मोह सबसे बुरा रोग है। ये हमें कई बार उन चीजों से भी अलग नहीं होने देता जो भविष्य में हमारे लिए ही विनाशकारी हो सकती हैं। - वेद व्यास
खाली-पीली बेकार ख्याली बातों से, दिन अपने न बदलो काली रातों से । यारा तेरे ज़ख्म एक दिन भर जाएंगे, अच्छे मरहम भी मिलते हालातों से। उठो तुम्हें लड़ना होगा तूफानो से, न घबराना मौसम की बरसातों से। जब तक सूरत नहीं बदलती देखेंगे ,जंग रहेगी तख्त-ताज गलियारों से। तरकश में हैं तीर अभी उम्मींदों के, सूरज न
My talk With you-मेरी बात आपके साथ -लगभग पिछले पैतालीस वर्षो से मै होम्योपैथी चिकित्सा जगत से जुड़ा हुआ हूँ इस बीच मुझे लाखो रोगियों की सेवा करने का सुअवसर मिला है -यद्यपि होम्योपैथी के सिधान्तों के अनुसार प्रत्येक रोगी अपनी एक अलग छाप रखता है तथा उसकी चिकित्सा सामूहिक आधार पर न होकर व्यक्तिगत आधार प
जब भी कभी अभिभावकों से मिलना होता है तब कई बार वे यही कहते हैं , क्या करें बच्चा हमारी बात ही नहीं मानता । हम कक्षा में बैठे हुए बच्चे के उठने - बैठने के ढंग , उसके बोलचाल के ढंग से आसानी से उसके घर के तौर तरीकों के बारे में जान जाते हैं. बच्चा कक्षा में ऊँचे स्वर में बोलता है , अभद्र भाषा का प्रय
शालीनता भारतीय नारी का सर्वश्रेष्ठ आभूषण रहा है और आजतक भारतीय नारी इस आभूषण को अपने वस्त्रों के चयन के माध्यम द्वारा पूरी दुनिया के समक्ष रख एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करती रही है .देश के बहुत से समारोहों में इस परंपरा का पालन किया जाता रहा है विशेषकर राष्ट्रपति जी द्वारा प्रदत्त पुरस्कारों के
हिंदी भाषी राज्यों में, दुकानों आदि के जितने भी बोर्ड दिखाई देते हैं, उनमें लिखे हुए पूरे बोर्ड में एक आधा शब्द तो अंग्रेजी का जरूर रहता है। जैसे:संजय सर्विस स्टेशनअजय मेडिकल स्टोरविजय कॉपी सेंटरजय बुक शॉपसंजना माॅलबबलू हेयर कटिंगशिवा बार एंड होटलगणेश लॉजज्योति हॉस्पिटल आदि।सिर्फ एक ही बोर्ड ऐसा नजर
हर्ष फायरिंग एक ऐसा शब्द जो पूरी तरह से निरर्थक कार्य कहा जा सकता है और इससे ख़ुशी जिसे मिलती हो मिलती होगी लेकिन लगभग 10 हर्ष फायरिंग १ जान तो ले ही लेती है ये अनुमान संभवतया लगाया जा सकता है .अभी हाल ही में कैराना ब्लॉक प्रमुख के चुनाव की मतगणना के बाद हुई हर्ष फायरिंग में एक बच्चे को अपनी जान से