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भाग 23 विक्रम

5 जनवरी 2022

12 बार देखा गया 12
नाश्ता करके रवि 32 माइल स्टोन पहुंचा । वहां बेला तैयार मिली । वह उसी का इंतजार कर रही थी । विनोद नहीं था वहां पर । रवि ने विनोद के बारे में पूछा तो बेला ने बताया कि कल रात को अचानक विनोद के घर से फोन आया था । विनोद के बेटे ने बताया था कि उसकी मम्मी को "ओमीक्रॉन कोरोना" हो गया है । उन्हें अस्पताल में भर्ती करवा दिया है । ऐसे समाचार सुनकर हर कोई आदमी पागल हो जाता है । इसलिए विनोद रात को ही अपने घर चले गये । 
रवि इस खबर से भौंचक्का रह गया । वह कहने लगा "विनोद के परिवार ने कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाई थी क्या" ? 
"अब क्या बतायें आपको , विनोद की पत्नी राजनीति में हैं और ऐसे दल में हैं जिसके मुखिया ने कहा था कि यह बीजेपी की वैक्सीन है , इसे नहीं लगवायेंगे । इसलिए विनोद की पत्नी ने भी नहीं लगवाई" । बेला ने गहरी सांस छोड़ते हुये कहा . 
"ओ माई गॉड ! ऐसी फालतू की बातों में आकर अपना सत्यानाश करवा लिया ना उन्होंने । ये नेता लोग तो लोगों को ऐसे ही बेवकूफ बनाते आये हैं आज तक । मगर जनता को तो समझना चाहिए न । अगर उनके टीका लग गया होता तो आज उन पर इस ओमीक्रॉन का अटैक नहीं होता । जो लोग ऐसा कह रहे थे कि वे वैक्सीन नहीं लगवाएंगे , उनके परिवार वालों ने तो लगवा ली है वह वैक्सीन । अब उनकी बात की क्या वैल्यू रही जनता में ।  लोगों को गुमराह करना ही एकमात्र काम रह गया है इन लोगों का । जनता गुमराह हो जाती है फिर बाद में पछताती है । आपने तो लगवा लिये हैं न दोनों वैक्सीन" ? 
"जी, मैंने तो बहुत पहले ही लगवा ली थीं दोनों वैक्सीन । अब तो कोई डर की बात नहीं है ना" ? 
"नहीं, डरने की तो कोई बात नहीं है लेकिन सावधानी  अवश्य रखनी चाहिए । "दो गज की दूरी और मास्क जरूरी" यह रामबाण फार्मूला है बचाव का । अगर दोनों वैक्सीन लग चुके हैं और इस फार्मूले पर चलते हैं तो फिर कोरोना का कोई सा भी वैरिएंट कुछ नहीं बिगाड़ सकता है । अगर बाय द वे कोरोना हो भी गया तो वह बहुत हलका सा होगा जैसे कि कोई छोटा मोटा सा बुखार । इससे मौत होने की संभावना नहि है,  बाकी तो भगवान मालिक हैं । नाश्ता ले लिया" ? 
"जी" 
"अच्छा तो अब चलें" ? 
"जी, जरूर" । बेला रवि की गाड़ी में बैठ गई । 
"सबसे पहले इंडिया गेट देख लेते है" रवि बोला । 
"जैसा आप उचित समझें । मैं तो दिल्ली के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानती हूं " । 

दोनों के बीच में थोड़ी खामोशी हो गई । रवि ने ही बात छेड़ी "अगर आपको आपत्ति ना हो तो आप अपनी बीती जिंदगी के बारे में बतायेंगी क्या ? जबसे मैं दूसरे स्कूल में गया था तबसे " ? 
बेला खामोश रही । वह गाड़ी में से बाहर की ओर देखने लगी । रवि बोला "ओह सॉरी ! मुझे यह नहीं पूछना चाहिए था" । 
"नहीं नहीं, ऐसी बात नहीं है । वास्तव में ऐसी कोई बात नहीं है जो बताई ना जा सके । ठहरिये , मैं आपको सारी बातें सिलसिलेवार बताती हूँ" । और बेला ने अपनी जिंदगी की पुस्तक को सामने रख दिया । 

"जब आपने स्कूल छोड़ा तब मुझे बेहद खुशी हुई थी कि अब मैं कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त कर सकूंगी । उस समय मुझे लगा था कि मेरी राह का रोड़ा हट गया है । मैं निर्बाध रूप से समय के दरिया में बहने लगी । अब कक्षा में मैं ही प्रथम आने लगी । पहले तो विनोद और मैं कन्नी काटते थे एक दूसरे से,  मगर धीरे धीरे हम दोनों में दोस्ती हो गई । वो भी खूब पक्की वाली । कक्षा 9 से मुझे महसूस होने लगा कि मैंने उस दिन तुम्हारे साथ ज्यादती की थी । इस बारे में मैंने विनोद से बात भी की थी और उसने उस दिन की सारी बात मुझे बता दी कि कैसे उन्होंने आपको मेरे बारे में बताया और कैसे आपने उनको काउंटिंग करने को कहा । तब मुझे अपनी गलती का अहसास हुआ । मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थी । गुजरा हुआ वक्त वापस नहीं आ सकता था । 

पश्चाताप की आग में मैं जलने लगी थी । एक दो बार विनोद को भी यह बात बताई थी । विनोद ने कहा भी था कि इस बारे में आपसे मिलकर बात कर ली जाये और माफी मांग ली जाये मगर मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी आपसे मिलने की । मैं किस मुंह से आपके सामने आती ? इसलिए मैं मन ही मन में घुटती रही । इसका असर यह हुआ कि मेरे मन से षडयंत्रों का स्टॉक खत्म होने लगा । मेरा मन निर्मल होने लगा । अब वहां दूसरों के लिए आदर सम्मान पनपने लगा । स्वार्थ की चादर हटने लगी । जिन्दगी इस तरह गुजरने लगी । 

फिर मैंने कक्षा 11 में आर्ट्स विषय ले लिया । कक्षा 11 में मेरी कक्षा में एक लड़की आई मालती । उससे मेरी दोस्ती हो गई थी । मालती की एक सहेली थी रश्मि जो तुम्हारे साथ तुम्हारी कक्षा में पढ़ती थी । मालती और रश्मि दोनों पड़ोसन थीं और दोनों ही फास्ट फ्रेंड थीं । मालती आपके बारे में सारी सूचनाएं रश्मि से लेती थी और मुझे सुना देती थी । आपको याद है क्या रश्मि की" ? 

रवि को दिमाग पर ज्यादा जोर नहीं लगाना पड़ा । उसे तुरंत याद आ गयी रश्मि । वह वापस सन 1988 में चला गया था जब वह कक्षा 11 में पढ़ता था । मीना भाभी के दिल्ली चले जाने के बाद वह उदासी के भंवर में घिर गया था । स्कूल जाने का मन नहीं करता था उसका । स्कूल जाता भी तो कक्षा में चुपचाप गुमसुम सा बैठा रहता था । ना पढने में ध्यान लगता और ना लिखने का मन करता था । दुनिया जैसे उजड़ गई थी उसकी । 

तब रश्मि मेरे पास ही बैठती थी । सुंदर और कमनीय थी इसलिए कक्षा के छात्र उसके साथ छेड़छाड़ किया करते थे । वह बुरी तरह से डांटती भी थी उन लड़कों को मगर लड़कों की टोली तो "बंदर सेना" की तरह होती है जो अपने मतलब के लिए कुछ भी कर सकती है । शैतान लड़के उसके पीछे पड़े रहते थे । 

उस साल एक नया लड़का आया था क्लास में । नाम था उसका विक्रम । गठीला बदन और झगड़ालू स्वभाव के कारण बड़ी जल्दी पहचान बना ली थी उसने पूरे स्कूल में । सबसे लड़ना झगड़ना ही काम था उसका । लड़कियों का दीवाना था वह । सबको छेड़ता ही रहता था । बेशरम इतना कि उसे इस छेड़छाड़ के लिए बुरी तरह पीटा भी गया था मगर उसकी बेशर्मी बढ़तीं चली गई । 

कक्षा में सबसे सुंदर लड़की थी रश्मि । वह मेरे पास वाली सीट पर बैठती थी । एक दिन विक्रम रवि के पास आया और बोला "ऐ , चल खड़ा हो और फूट यहां से । और कहीं जाकर बैठ जा । इस छमिया के साथ हम बैठेगा" । 

रवि को उसकी यह बात बहुत नागवार लगी । रश्मि को छमिया कहकर बुलाना उसे बहुत अखरा मगर वह विक्रम से पंगा मोल लेना नहीं चाहता था , इसलिए खामोश ही रहा । विक्रम के दो चार चमचों ने उसके पक्ष में खूब हूटिंग की थी । विक्रम को ऐसे चमचों ने धनिये की डाल पर चढ़ा रखा था । विक्रम की बात का जब कोई जवाब रवि ने नहीं दिया तो विक्रम खीज गया और तेज आवाज में बोला 
"साले, बहरा है क्या ? उठ यहां से" । 

गाली सुनकर रवि तैश में आ गया । उसने आग उगलने वाली नजरों से विक्रम को देखा । विक्रम गुंडागर्दी पर उतर आया था । रवि की सहनशक्ति अब जवाब देने लगी थी । वह कुछ सोचता इससे पहले ही विक्रम ने रवि का हाथ पकड़कर झटके से खींच लिया । रवि नीचे फर्श पर गिर पड़ा और मुंह से खून आने लगा । 

इस घटना ने उसमें गुस्से की लपटें उठा दीं थी । वह अपनी सीट से खड़ा हुआ और पूरी ताकत से उसने विक्रम को कमर से पकड़कर सिर के ऊपर उठाया और जोर से नीचे पटक दिया । पूरी कक्षा मेंं सन्नाटा पसर गया । विक्रम की कमर में अच्छी खासी चोटें आई थी । वह वहीं फर्श पर लेट गया । उसके चमचे उसे इस हालत में देखकर एक एक कर खिसक लिये । तब रवि ने गुस्से में कहा "आज के बाद फिर कभी गुंडागर्दी की तूने, तो यहीं इसी कक्षा में तुझे गाड़ दूंगा" । 

पूरी कक्षा ने तालियों की गड़गड़ाहट से रवि का अभिवादन किया । रश्मि को तो विश्वास ही नहीं हो रहा था कि रवि ऐसा भी कर सकता है । उसने आश्चर्य से रवि की ओर देखा और देखती ही रह गई । रवि का यह रूप उसने पहली बार देखा था । उस दिन से विक्रम का खौफ समाप्त हो गया था स्कूल में से और रवि की धाक जम गई । 

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रचनाएँ
आवारा बादल
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एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जिसने अपनी जिंदगी अपने ही ढंग से जी । मस्तमौला प्रवृत्ति का यह व्यक्ति प्रेम के सागर में गोते लगाकर भी सफलता के नये सोपान गढ़ता चला गया ।
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बचपन का यार

14 दिसम्बर 2021
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भाग 2 जन्नत

17 दिसम्बर 2021
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आवारा बादल (भाग 3) प्यारा बचपन

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भाग 5 छैला बाबू

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भाग 6 बेला

20 दिसम्बर 2021
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भाग 5 छैला बाबू

20 दिसम्बर 2021
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भाग ( 7) बलि

21 दिसम्बर 2021
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(भाग 8) 32 माइल स्टोन

21 दिसम्बर 2021
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भाग 9 मीराबाई

23 दिसम्बर 2021
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भाग 11. बिहारी

25 दिसम्बर 2021
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भाग 13 डील

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रवि की आंखों से नींद गायब हो गई । वह सोच में पड़ गया कि वह लड़की कौन हो सकती है ? पिंक कलर का सूट किसन

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भाग 10 शीला चाची

28 दिसम्बर 2021
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गतांक से आगे <div><br></div><div>बेला, रवि और विनोद 32 माइल स्टोन रिजॉर्ट के एक कमरे में बैठकर

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भाग 16 आरंभ

30 दिसम्बर 2021
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<div><span style="font-size: 16px;">दो दिन गुजर गये । इन दोनों दिनों में रवि घर से बाहर कम ही निकला

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(भाग 18) अप्सरा

2 जनवरी 2022
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<div><span style="font-size: 16px;">रवि के लिए यह कितना सुखद अहसास था । उसके रोम रोम से प्रेम रस बह रहा था । मीना ने उसके अरमानों को हवा दे दी तो वे पंख फड़फड़ा कर उड़ने लगे । सतरंगी इंद्रधनुष की तरह नजर

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भाग 18 अप्सरा

3 जनवरी 2022
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<div><br></div><div><br></div><div><span style="color: rgb(55, 71, 79); font-family: Roboto, sans-serif; font-size: medium; letter-spacing: 0.2px;">रवि के लिए यह कितना सुखद अहसास था । उसके रोम रोम से

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भाग 19 सुंदरकांड

3 जनवरी 2022
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रवि और मीना प्यार के सागर के तट पर पहुंच गये थे । अभी वे पानी को निहार ही रहे थे । पानी को देख देखकर ही खुश हो रहे थे । पानी के छींटे एक दूसरे पर छिड़क कर आनंदित हो रहे थे ।

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भाग 21 जुदाई

4 जनवरी 2022
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अब तो रवि की दिनचर्या ही बदल गई थी । रात में जागरण होगा तो दिन में नींद आयेगी ही । स्कूल में भी ऊंघने लगा था वह । अध्यापकों ने इसकी शिकायत सरपंच साहब से कर दी । सरपंच ने खूब डांटा रवि को । रवि ने भी ब

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भाग 22 नामर्द

4 जनवरी 2022
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सुबह के आठ बज चुके थे मगर रवि गहरी नींद में सो रहा था । दिल्ली की लाइफ ऐसी ही है । लोग रात को देर से सोते हैं और सुबह देर से जगते हैं । सब कुछ लेट होता है दिल्ली में । शादी भी लेट, बच्चे भी लेट । "उठो

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भाग 24 लव गुरु

5 जनवरी 2022
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विक्रम की बुरी तरह धुनाई होने के बाद रवि की क्लास में ही नहीं स्कूल में भी धाक जम गई थी । स्मार्ट तो वह बचपन से था ही , अपनी ताकत का लोहा विक्रम को धूल चटा कर सबको मनवा दिया था उसने । लड़कियों के लिए व

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भाग 23 विक्रम

5 जनवरी 2022
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नाश्ता करके रवि 32 माइल स्टोन पहुंचा । वहां बेला तैयार मिली । वह उसी का इंतजार कर रही थी । विनोद नहीं था वहां पर । रवि ने विनोद के बारे में पूछा तो बेला ने बताया कि कल रात को अचानक विनोद के घर से फोन

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भाग 26 प्रेमपत्र

9 जनवरी 2022
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रवि कक्षा 11 में गिरते पड़ते पास हो गया था ।.सरपंच साहब और रवि की मां बहुत गुस्सा हुए रवि पर लेकिन रवि पर अब डांट फटकार का कोई असर नहीं होता था । ढ़ीठ बन गया था वह । कभी कभी तो जब वह किसी लड़की को छेड़ दे

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भाग 27 गुलाबो

10 जनवरी 2022
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रवि के पत्र को पढकर गुलाबो सांतवे आसमान में उड़ने लगी । पहला प्रेमपत्र होता ही ऐसा है जो प्रेमियों के ख्वाबों को पंख लगा देता है । फिर तो ना दिल होश में रहता है और ना ही दिमाग । आंखों में सनम की सूरत ल

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भाग 28 दुविधा

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गुलाबो रानी के घर से चल दी । उसके मन में उथल पुथल मच रही थी । रास्ते में उसने अपने बड़े भाई गब्बर को साथ लिया और दोनों भाई बहन घर आ गए। गब्बर ने एक बार पूछा भी कि कोई खास बात है क्या जो इस तरह से मूड ख

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भाग 29 वादा

12 जनवरी 2022
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गुलाबो ने मन ही मन दृढ निश्चय कर लिया था । जब कोई भी व्यक्ति दृढ़ निश्चय कर लेता है तो विचारों का बवंडर थम जाता है । चेहरे पर दृढ़ता आ जाती है । आंखों में चमक और आवाज में खनक बढ़ जाती है । उसे पता था कि

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भाग 30 प्यार और वासना

13 जनवरी 2022
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रवि और बेला दिल्ली भ्रमण पर थे । रवि बेला को दिल्ली घुमा रहा था । इंडिया गेट के बाद वे राजघाट पर आ गये । दोनों ने महात्मा गांधी को श्रद्धा सुमन अर्पित किये । उस महान आत्मा के सानिध्य में बेला को सुखद

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भाग 32 देवदूत

15 जनवरी 2022
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रवि की जब आंखें खुली तो उसने अपने आपको एक अस्पताल में पाया । उसके पूरे बदन पर पट्टियां बंधी हुई थी । सिर भी पट्टियों से भरा पड़ा था । यह क्या हुआ, कैसे हुआ यह याद करने की उसने भरपूर कोशिश की मगर

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भाग 33 अंतरात्मा

15 जनवरी 2022
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बड़ी गजब की चीज होती है अंतरात्मा । किसी ने देखी तो नहीं मगर सब लोग कहते हैं कि यह होती है । जब सब लोग किसी बात को कहते हों तो मान लेना चाहिए कि वह बात सही है । उस पर प्रश्न उठाकर चर्चा का बिन्दु नहीं

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मृदुला दुविधा में फंसी हुई थी । शिवा का असली नाम रवि है और उसका एक अतीत भी है जो बहुत सड़ा हुआ सा, गंदला सा है । क्या उस अतीत को मम्मी पापा को बता देना चाहिए ? इतनी बड़ी बात रवि ने अब तक छुपा कर रखी हुई

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भाग 36 दामाद

18 जनवरी 2022
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"कहते हैं कि "जिन खोजा तिन पाइयाँ गहरे पानी पैठ" । कुछ पाने के लिए गहरे पानी में उतरना पड़ता है । यह बात IAS की परीक्षा पर पूरी तरह फिट बैठती है । इस परीक्षा के लिए गहरी जानकारी होना आवश्यक है । सतही ज

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भाग -4 : विद्यालयी जीवन

3 मई 2022
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गतांक से आगे रवि और विनोद डिनर लेकर विनोद के कमरे में आ गये । उनके साथ साथ मृदुला भी आने लगी तो रवि ने उसे टोक दिया "अरे उधर कहाँ जा रही हो मैडम ? दो बचपन के यार इतने साल बाद मिले हैं तो उन्हें

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