shabd-logo

भाग 22 नामर्द

4 जनवरी 2022

34 बार देखा गया 34
सुबह के आठ बज चुके थे मगर रवि गहरी नींद में सो रहा था । दिल्ली की लाइफ ऐसी ही है । लोग रात को देर से सोते हैं और सुबह देर से जगते हैं । सब कुछ लेट होता है दिल्ली में । शादी भी लेट, बच्चे भी लेट । "उठो ना, आठ बज गये हैं । आपको वहां भी तो जाना है ना" मृदुला ने रवि की रजाई खींचते हुये कहा । 
सर्दी के दिनों में रजाई खींचने वाला और पानी के छींटे मारने वाला सबसे बड़ा दुश्मन लगता है । मगर रवि तो मृदुला को ऐसे भी नहीं कह सकता । मृदुला तो उसकी जान, जानेमन, जानेजहां, जाने जिगर है । वह मृदुला को बेहद प्यार करता है । 
"थोड़ा सा और सोने दो ना मृदु" । रवि उसकी बांह पकड़कर अपनी ओर खींचते हुये बोला । "तुम भी आ जाओ ना मेरे पास" । एक किस करते हुये रवि ने कहा । 
"तुम भी न बच्चों जैसी हरकतें करते हो अभी भी । इतना तो ध्यान रखो कि बच्चे बड़े हो रहे हैं । इस हालत में देख लिया तो क्या सोचेंगे ? इस पर कभी विचार किया है जनाब ने ? नौकर चाकर भी घूमते रहते हैं इधर उधर । कुछ तो शर्म किया करो" ? आंखों ही आंखों से बरजते हुए मृदुला ने कहा । 

रवि मृदुला को सीने से लगाते हुए बोला "बंदा तो आवारा बादल है । जो मरजी आये वही करता है । यही उसकी फितरत है , यही उसकी प्रकृति है । समय की हवा उसे जिधर ले जाये वह उधर ही चल पड़ता है । बिना यह सोचे समझे कि ये कदम सही रास्ते पर चल रहे हैं या नहीं । इसी आवारगी में पचास साल गुजर गए । बाकी के दिन भी ऐसे ही मस्ती में गुजर जायेंगे, मैडम । आप भी कुछ मस्ती कर लीजिए हमारे साथ । आप बिजली बनकर टूट पड़िये हमारे ऊपर । बादल और बिजली की तो जोड़ी बड़ी शानदार बनी हुई है प्रकृति में" । कहकर रवि ने अपनी नाक मृदुला की नाक से रगड़ ली । मृदुला एकदम से छिटककर अलग हो गई रवि से । 

"क्या हुआ देवी जी ? करंट लग गया क्या" ? 

"हां । वो भी पूरे 1100 वाट का" । मृदुला रवि की मस्तियों को और बढ़ाते. हुये बोली । "मेरी नाक तो गरम गरम हलवे सी है और आपकी बर्फ की  सिल्ली की तरह ठंडी । अब आप ही बताइये करंट नहीं लगेगा क्या" ?  मृदुला अपने ठंडे हाथ रवि के सीने से लगाते हुये और गुदगुदाते हुए बोली । रवि  "सी सी" करते हुये उन हाथों को.हटाने लगा । इस चक्कर में दोनों गुत्थमगुत्था हो गए । 

मृदुला उठ खड़ी हुई और कहने लगी "वो आपके बचपन के साथी आये हुए हैं ना बेला जी और विनोद जी , आज आपको उनके साथ दिल्ली घूमने भी जाना है और मामाजी, मामीजी भी आए हुए हैं । इसलिए अब जल्दी से उठो और तैयार हो लो । मैं नाश्ता तैयार करवाती हूँ अभी । क्या लोगे नाश्ते में" ? 
"हमसे क्या पूछती हो मैडम जी, मामाजी, मामीजी और बच्चों से पूछ लो । उनकी पसंद का नाश्ता तैयार करवा लो । मैं जब तक फ्रेश होकर आता हूं" । रवि जाने लगा ।

"सुनो, एक बात बतानी थी" 
"क्या" ?
"वो शर्माजी हैं ना जिनकी बेटी की शादी पिछले महीने ही हुई थी , वो शादी टूट गई है और इन्होंने तलाक का केस डाल दिया है कोर्ट में" । मृदुला ने आहिस्ता से कहा ।
"क्या" ? रवि का मुंह खुला का खुला रह गया । "ये क्या हुआ ? कैसे ? कब ? और तुम्हें कैसे पता चला" ? 
"बताती हूँ, बाबा, बताती हूँ । अभी थोड़े दिन पहले ही मुझे पता चला है । मिसेज शर्मा की छोटी बहन शालू यहीं इसी कॉलोनी में तो रहती हैं । अभी कुछ दिन पहले मुझे हमारी "किटी" में मिली थी वो , तब बता रही थी" । 
"लेकिन बात क्या हुई ? दहेज का मामला था या कोई डोमेस्टिक वॉयलेंस" ? 
"नहीं जी , ऐसा कुछ भी नहीं था । पर शालू बता रही थी कि शर्मा जी की बेटी हनीमून वाली रात के अगले ही दिन ससुराल से मायके आ गयी थी और फिर कभी वापस नहीं गई" । 

रवि सोच में पड़ गया । क्या बात हो सकती है ऐसी कि एक ही रात में लड़की घर वापस आ गई । शायद लड़के ने कोई जोर जबरदस्ती की हो । यही कारण होगा और क्या" ? 

"उस लड़के ने कोई जोर जबरदस्ती की थी क्या ? या कोई अनुचित मांग रख दी हो, ऐसी कोई बात है क्या" ? 
"नहीं, ऐसी तो कोई बात नहीं है मगर हमने ये सुना है कि लड़का "नामर्द" था । इसलिए वह लड़की मायके आ गयी । मृदुला ने सकुचाते हुए कहा । 

रवि सोच में पड़ गया । उसे याद आया कि शर्मा जी ने जब दूल्हे से उनका परिचय करवाया था तब बड़े गर्व से उनकी आंखें चमक रही थी परिचय करवाने में "डॉक्टर यश डी एम कार्डियोलॉजी" । कितने खुश थे सब घरवाले । अपनी किस्मत पर इतरा रहे थे । बार बार भगवान का शुक्रिया अदा कर रहे थे ।  लड़के के पिता भी तो जाने माने रेडियोलोजिस्ट हैं । क्या वे इतना भी नहीं जानते थे कि यश नामर्द है ? या उन्होंने यह बात छुपाकर शादी की थी " ?  रवि सोचता ही चला गया । उसकी तंद्रा तब टूटी जब मृदुला कहने लगी 
"हमारे दूर के एक रिश्तेदार की बेटी के संग भी ऐसा ही हुआ था । पर वह तीन चार दिन ससुराल रही थी । उसने थोड़ा टाइम दिया था हसबेंड को । मगर वह नामर्द था तो तीन चार दिन से क्या हो सकता था ? वही ढ़ाक के तीन पात । और वह उसे छोड़कर मायके चली आई" । मृदुला ने अपने अनुभव भी सुनाये । 

रवि सोच में पड़ गया था । इतना बड़ा डॉक्टर बन गया और उसे पता ही नहीं चला हो, यह संभव नहीं हो सकता है । उसने जानबूझकर वह बात छिपाई होगी । मगर अब भी तो भांडा फूटा । अब बल्कि ज्यादा बेइज्जती हुई है उसकी । लड़की की तो दूसरी शादी हो जायेगी । मगर  वह डॉक्टर । उसका क्या होगा अब ? लोग ऐसा करते ही क्यों हैं ? 

उसे एक वाकया और याद आ गया । उसके दूर के परिचित की बेटी के साथ भी ऐसा ही हुआ था । लेकिन उसका तलाक अभी तक नहीं हुआ है और बेचारी बड़ी परेशान है । 

ऐसा क्यों हो रहा है ? उसके जान पहचान में ऐसे चार पांच केस आ गये थे जिनमें लड़का नामर्द निकला । क्या ये कोई संकेत है हमारी सामाजिक व्यवस्था के लिए ? या यह महज एक संयोग है जो इस तरह नामर्द लड़के सामने आ रहे हैं । उसने मृदुला से कहा 
"क्यों मृदु, क्या तुम्हें नहीं लगता है कि आजकल ऐसे केस बहुत बढ़ रहे हैं" ? 
"लगता तो मुझे भी है पर मैं समझ नहीं पा रही हूं कि ऐसा क्यों हो रहा है" ? 
"बड़ी अजीब बात है । जो नामर्द हैं उन्हें तो पहले से ही पता होता. है कि वे पूर्ण पुरुष नहीं हैं । यह बात छिपी भी नहीं रह सकती है । आज नहीं तो कल , पता चल ही जाएगा । जब पता चलेगा तो उसकी पत्नी की निगाह में उसकी क्या इज्ज़त रह जायेगी ? और वह उसे छोड़कर क्यों नहीं जायेगी ? पाणिग्रहण संस्कार इसलिए ही तो किया जाता है ना कि जिंदगी भर दोनों गृहस्थ धर्म निभायें और अपने वंश को आगे बढ़ायें । इसमें संतानोत्पत्ति भी एक बहुत बड़ा कारक है । जब वह इस योग्य है ही नहीं तो वह लड़का विवाह के योग्य भी नहीं है । इसी तरह लड़की के लिये भी यही नियम है । अगर उसकी माहवारी नहीं होती है तो इसका मतलब है कि  वह लड़की मां बनने योग्य नहीं है । उसे भी यह बात विवाह से पूर्व बता देनी चाहिए जिससे कोई भी पक्ष धोखे में ना रहे । क्यों है ना सही बात " ? 

"आप सही कह रहे हैं । कम से कम मां बाप को तो ध्यान रखना ही चाहिए ऐसी बातों का । पर पता नहीं वे ऐसा क्यों करते हैं ? वो लड़की जिसकी शादी किसी नामर्द से हो जाती है , वह तो अकारण ही गमों के सागर में डूब जाती है । उस पर तलाकशुदा होने का ठप्पा लग जाता है और फिर उसे वैसा लड़का नहीं मिलता जैसा उसे मिलना चाहिए था । उसे समझौता करना पड़ता है । वह डिप्रेशन में भी जा सकती है जबकि उसकी कोई गलती नहीं है । पता नहीं एक इतना पढ़ा लिखा डॉक्टर भी जब ऐसी हरकत करता है तो घृणा होती है ऐसे लोगों से । दुष्ट कहीं के" । मृदुला के स्वर में तल्खी थी । 

"चलो छोड़ो भी, जाने दो ना । इस तरह गुस्सा करने से कुछ नहीं होगा । मैं तो समझता हूं कि आजकल जिस तरह इंटरनेट पर सब प्रकार के वीडियो, ऑडियो, पठन सामग्री उपलब्ध है उसे देख देखकर ये बीमारी तो नहीं हो रही है कहीं ? और आजकल ऑनलाइन कॉलगर्ल की व्यवस्था भी हो जाती है । स्कूल लेवल से ही लड़के गलत सोहबत में फंस जाते हैं और शादी तक आते आते "खस्सी" हो जाते हैं । शायद ये भी कारण रहा हो । इसलिए तो पुराने लोग कहते थे कि संयम रखो । मगर आजकल के युवा तो संयम से चलना जानते ही नहीं हैं" । 
"पता नहीं क्या सच है और क्या झूठ है ? लेकिन इतना अवश्य है कि इससे दोनों लड़के लड़कियों का जीवन बर्बाद हो रहा है । जाने हम कौन सा विषय लेकर बैठ गए हैं । आपको भी जल्दी जाना है न । तो जल्दी से तैयार हो जाइये , मैं नाश्ता लगवाती हूँ" । और मृदुला नाश्ते की व्यवस्था करने चली गई । 

31
रचनाएँ
आवारा बादल
0.0
एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जिसने अपनी जिंदगी अपने ही ढंग से जी । मस्तमौला प्रवृत्ति का यह व्यक्ति प्रेम के सागर में गोते लगाकर भी सफलता के नये सोपान गढ़ता चला गया ।
1

बचपन का यार

14 दिसम्बर 2021
20
1
1

<p style="color: rgb(55, 71, 79); font-family: Roboto, sans-serif; font-size: medium; letter-spacing

2

भाग 2 जन्नत

17 दिसम्बर 2021
8
1
0

<span style="color: rgb(55, 71, 79); font-family: Roboto, sans-serif; font-size: medium; letter-spac

3

आवारा बादल (भाग 3) प्यारा बचपन

17 दिसम्बर 2021
9
1
0

<span style="color: rgb(55, 71, 79); font-family: Roboto, sans-serif; font-size: medium; letter-spac

4

भाग 5 छैला बाबू

19 दिसम्बर 2021
4
1
0

<div><span style="font-size: 16px;">गतांक से आगे </span></div><div><span style="font-size: 16px

5

भाग 6 बेला

20 दिसम्बर 2021
1
0
0

<span style="color: rgb(55, 71, 79); font-family: Roboto, sans-serif; font-size: medium; letter-spac

6

भाग 5 छैला बाबू

20 दिसम्बर 2021
1
0
0

<span style="color: rgb(55, 71, 79); font-family: Roboto, sans-serif; font-size: medium; letter-spac

7

भाग ( 7) बलि

21 दिसम्बर 2021
3
1
0

<span style="color: rgb(55, 71, 79); font-family: Roboto, sans-serif; font-size: medium; letter-spac

8

(भाग 8) 32 माइल स्टोन

21 दिसम्बर 2021
3
0
0

<div><span style="font-size: 16px;">गतांक से आगे </span></div><div><span style="font-size: 16px

9

भाग 9 मीराबाई

23 दिसम्बर 2021
4
0
0

<div><span style="font-size: 16px;">गतांक से आगे </span></div><div><span style="font-size: 16px

10

भाग 11. बिहारी

25 दिसम्बर 2021
2
1
0

<div><span style="font-size: 16px;">गतांक से आगे </span></div><div><span style="font-size: 16px

11

भाग 13 डील

27 दिसम्बर 2021
1
0
0

रवि की आंखों से नींद गायब हो गई । वह सोच में पड़ गया कि वह लड़की कौन हो सकती है ? पिंक कलर का सूट किसन

12

भाग 10 शीला चाची

28 दिसम्बर 2021
2
0
0

गतांक से आगे <div><br></div><div>बेला, रवि और विनोद 32 माइल स्टोन रिजॉर्ट के एक कमरे में बैठकर

13

भाग 16 आरंभ

30 दिसम्बर 2021
2
1
0

<div><span style="font-size: 16px;">दो दिन गुजर गये । इन दोनों दिनों में रवि घर से बाहर कम ही निकला

14

(भाग 18) अप्सरा

2 जनवरी 2022
1
0
0

<div><span style="font-size: 16px;">रवि के लिए यह कितना सुखद अहसास था । उसके रोम रोम से प्रेम रस बह रहा था । मीना ने उसके अरमानों को हवा दे दी तो वे पंख फड़फड़ा कर उड़ने लगे । सतरंगी इंद्रधनुष की तरह नजर

15

भाग 18 अप्सरा

3 जनवरी 2022
1
0
0

<div><br></div><div><br></div><div><span style="color: rgb(55, 71, 79); font-family: Roboto, sans-serif; font-size: medium; letter-spacing: 0.2px;">रवि के लिए यह कितना सुखद अहसास था । उसके रोम रोम से

16

भाग 19 सुंदरकांड

3 जनवरी 2022
2
0
0

रवि और मीना प्यार के सागर के तट पर पहुंच गये थे । अभी वे पानी को निहार ही रहे थे । पानी को देख देखकर ही खुश हो रहे थे । पानी के छींटे एक दूसरे पर छिड़क कर आनंदित हो रहे थे ।

17

भाग 21 जुदाई

4 जनवरी 2022
1
0
0

अब तो रवि की दिनचर्या ही बदल गई थी । रात में जागरण होगा तो दिन में नींद आयेगी ही । स्कूल में भी ऊंघने लगा था वह । अध्यापकों ने इसकी शिकायत सरपंच साहब से कर दी । सरपंच ने खूब डांटा रवि को । रवि ने भी ब

18

भाग 22 नामर्द

4 जनवरी 2022
1
0
0

सुबह के आठ बज चुके थे मगर रवि गहरी नींद में सो रहा था । दिल्ली की लाइफ ऐसी ही है । लोग रात को देर से सोते हैं और सुबह देर से जगते हैं । सब कुछ लेट होता है दिल्ली में । शादी भी लेट, बच्चे भी लेट । "उठो

19

भाग 24 लव गुरु

5 जनवरी 2022
2
0
0

विक्रम की बुरी तरह धुनाई होने के बाद रवि की क्लास में ही नहीं स्कूल में भी धाक जम गई थी । स्मार्ट तो वह बचपन से था ही , अपनी ताकत का लोहा विक्रम को धूल चटा कर सबको मनवा दिया था उसने । लड़कियों के लिए व

20

भाग 23 विक्रम

5 जनवरी 2022
1
0
0

नाश्ता करके रवि 32 माइल स्टोन पहुंचा । वहां बेला तैयार मिली । वह उसी का इंतजार कर रही थी । विनोद नहीं था वहां पर । रवि ने विनोद के बारे में पूछा तो बेला ने बताया कि कल रात को अचानक विनोद के घर से फोन

21

भाग 26 प्रेमपत्र

9 जनवरी 2022
3
1
2

रवि कक्षा 11 में गिरते पड़ते पास हो गया था ।.सरपंच साहब और रवि की मां बहुत गुस्सा हुए रवि पर लेकिन रवि पर अब डांट फटकार का कोई असर नहीं होता था । ढ़ीठ बन गया था वह । कभी कभी तो जब वह किसी लड़की को छेड़ दे

22

भाग 27 गुलाबो

10 जनवरी 2022
1
0
0

रवि के पत्र को पढकर गुलाबो सांतवे आसमान में उड़ने लगी । पहला प्रेमपत्र होता ही ऐसा है जो प्रेमियों के ख्वाबों को पंख लगा देता है । फिर तो ना दिल होश में रहता है और ना ही दिमाग । आंखों में सनम की सूरत ल

23

भाग 28 दुविधा

11 जनवरी 2022
1
0
0

गुलाबो रानी के घर से चल दी । उसके मन में उथल पुथल मच रही थी । रास्ते में उसने अपने बड़े भाई गब्बर को साथ लिया और दोनों भाई बहन घर आ गए। गब्बर ने एक बार पूछा भी कि कोई खास बात है क्या जो इस तरह से मूड ख

24

भाग 29 वादा

12 जनवरी 2022
1
0
0

गुलाबो ने मन ही मन दृढ निश्चय कर लिया था । जब कोई भी व्यक्ति दृढ़ निश्चय कर लेता है तो विचारों का बवंडर थम जाता है । चेहरे पर दृढ़ता आ जाती है । आंखों में चमक और आवाज में खनक बढ़ जाती है । उसे पता था कि

25

भाग 30 प्यार और वासना

13 जनवरी 2022
1
0
0

रवि और बेला दिल्ली भ्रमण पर थे । रवि बेला को दिल्ली घुमा रहा था । इंडिया गेट के बाद वे राजघाट पर आ गये । दोनों ने महात्मा गांधी को श्रद्धा सुमन अर्पित किये । उस महान आत्मा के सानिध्य में बेला को सुखद

26

भाग 32 देवदूत

15 जनवरी 2022
1
0
0

रवि की जब आंखें खुली तो उसने अपने आपको एक अस्पताल में पाया । उसके पूरे बदन पर पट्टियां बंधी हुई थी । सिर भी पट्टियों से भरा पड़ा था । यह क्या हुआ, कैसे हुआ यह याद करने की उसने भरपूर कोशिश की मगर

27

भाग 33 अंतरात्मा

15 जनवरी 2022
2
0
0

बड़ी गजब की चीज होती है अंतरात्मा । किसी ने देखी तो नहीं मगर सब लोग कहते हैं कि यह होती है । जब सब लोग किसी बात को कहते हों तो मान लेना चाहिए कि वह बात सही है । उस पर प्रश्न उठाकर चर्चा का बिन्दु नहीं

28

भाग 34 योजना

16 जनवरी 2022
1
0
0

मृदुला दुविधा में फंसी हुई थी । शिवा का असली नाम रवि है और उसका एक अतीत भी है जो बहुत सड़ा हुआ सा, गंदला सा है । क्या उस अतीत को मम्मी पापा को बता देना चाहिए ? इतनी बड़ी बात रवि ने अब तक छुपा कर रखी हुई

29

भाग 35 प्रयास

17 जनवरी 2022
2
0
0

अग्रवाल साहब ने एक और नौकर रामू काम पर रख लिया । खाना बनाने के अलावा घर का सारा काम रामू के जिम्मे कर दिया गया । रवि को केवल नाश्ता, लंच और डिनर तैयार करना था जिसमें उसकी मदद रेणू जी और मृदुला को करनी

30

भाग 36 दामाद

18 जनवरी 2022
4
0
0

"कहते हैं कि "जिन खोजा तिन पाइयाँ गहरे पानी पैठ" । कुछ पाने के लिए गहरे पानी में उतरना पड़ता है । यह बात IAS की परीक्षा पर पूरी तरह फिट बैठती है । इस परीक्षा के लिए गहरी जानकारी होना आवश्यक है । सतही ज

31

भाग -4 : विद्यालयी जीवन

3 मई 2022
1
0
1

गतांक से आगे रवि और विनोद डिनर लेकर विनोद के कमरे में आ गये । उनके साथ साथ मृदुला भी आने लगी तो रवि ने उसे टोक दिया "अरे उधर कहाँ जा रही हो मैडम ? दो बचपन के यार इतने साल बाद मिले हैं तो उन्हें

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए