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भाग 26 प्रेमपत्र

9 जनवरी 2022

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रवि कक्षा 11 में गिरते पड़ते पास हो गया था ।.सरपंच साहब और रवि की मां बहुत गुस्सा हुए रवि पर लेकिन रवि पर अब डांट फटकार का कोई असर नहीं होता था । ढ़ीठ बन गया था वह । कभी कभी तो जब वह किसी लड़की को छेड़ देता था और वह लड़की उसे गालियां निकालने लगती थी तब भी वह बेशर्मो की तरह हंसता रहता था । लाज शर्म का पर्दा कब का फाड़ चुका था रवि । अब वहां पर रह गई थी निर्लज्जता, आवारगी, बदमाशी और लफंगई । उसे इसी में आनंद आ रहा था । बहुत सारी लड़कियां तो उसके इस बिंदास व्यक्तित्व से प्रभावित होकर उसके इर्द गिर्द मंडराती रहती थी । अब रवि के पास लड़कियों की कमी नहीं थी वरन लड़कियों के लिए वक्त की कमी लगने लगी थी उसे । 
जिस तरह कोई योद्धा अपने तरकश में श्रेष्ठ तीरों का स्टॉक रखकर गर्व महसूस करता है उसी तरह रवि भी अपने साथ सुंदर सुंदर लड़कियों को जोड़कर आसमान में ऊंचा उड़ने लगा । लड़कियां उसका साथ पाने को कुछ भी करने को तत्पर थीं । अब उसे लड़कियों के पीछे. भागने की जरुरत नहीं थी बल्कि अब तो लड़कियां उसके पीछे पीछे चक्कर लगाने लगी थीं । 

कक्षा 12 में आकर रवि बॉस बन गया था । अपनी कक्षा की लगभग सभी लड़कियों को वह "भोग" चुका था । दूसरी कक्षा की भी अनेक लड़कियों के साथ भी उसका नाम जोड़ा जाने लगा । पूरे गांव में उसकी स्थति "कृष्ण कन्हैया लाल " सी हो गई थी । जब वह लड़कियों को छेड़ता था तो अब लड़कियां गुस्सा करने के बजाय आंखों से प्यार बरसाती थीं । रवि की दसों ऊंगलियां घी में और सिर कढाही में डूबा हुआ था । हुस्न के समंदर में वह रात दिन गोते लगाने लगा ।

महाशिवरात्रि पर गांव से बाहर बने शिव मंदिर में मेला लगता था । दंगल होता था जिसमें दूर दूर के पहलवान अपना दम खम दिखाने आते थे ।  कबड्डी का खेल खेला जाता था । सात पत्थरों के साथ सतौलिया खेला जाता था । पूरा गांव उस मेले को देखने आता था । क्या पुरुष क्या महिलाएं और क्या लड़के , लड़कियां । सबके आकर्षण का केन्द्र होता था वह मेला । लड़कियों के लिए घर से बाहर निकलने का और कोई अवसर तो मिलता ही नहीं था इसलिए इस मेले में अक्सर गांव की सभी लड़कियां आती थीं । पडौस के गांव की भी कुछ लड़कियां उस मेले को देखने आती थीं । 

जब गांव की लड़कियां इस मेले में आती थीं तो लड़के भला कहां पीछे रहने वाले थे । जहां लड़कियां वहां लड़के । लड़के तो भंवरे की तरह होते हैं । जहां कहीं फूल खिला नहीं कि भंवरे मंडराने लगते हैं उस फूल के चारों ओर । लड़कियों को भी अच्छा लगता है जब लड़के उनके चारों ओर चक्कर काटते हैं । फूल की महत्ता इस पर है कि उसके चारों ओर कितने भंवरे मंडराते हैं । जितने ज्यादा भंवरे मंडरायें उतना ही ज्यादा फूल इतराये । लड़कियों का भाव भी इसी से तय होता है । 

मेले में दंगल का आयोजन हुआ । पहलवानों ने अपने करतब दिखाने प्रारंभ कर दिये । एक दो कुश्ती हो भी चुकी थी कि अचानक दर्शकों में से मारपीट का शोर आने लगा । गजब की मारपीट हो रही थी । दो चार लड़के लोग दूसरे लड़कों के साथ हाथापाई, उठापटक, धूमधाम कर रहे थे और गालियां बक रहे थे । रवि और रघु अपने चेलों के साथ वहां पहुंचे और दोनों गुटों को समझा बुझाकर शांत किया । झगड़े का कारण कोई बता नहीं पाया था । 

रवि और रघु वापस लौटने लगे तो अचानक रवि की नजर सामने बैठी एक लड़की पर पड़ी । क्या गजब का सौंदर्य था उसका और क्या जबरदस्त बदन । रवि की आंखें उस पर चिपक गई । रवि को समझ में आ गया कि हो न हो इस झगड़े का कारण वह लड़की ही हो । गांव की गोरी, चांद की चकोरी अल्हड़ सी छोरी ने रवि के दिल में तूफान उठा दिया था । उस लड़की की निगाहें भी रवि के चेहरे पर पड़ी तो अनायास ही दोनों की आंखें चार हो गई । क्या गजब का आकर्षण था उन आंखों में । ऐसी सुंदरता तो उसने आज तक देखी ही नहीं थी यद्यपि दसियों लड़कियों के साथ उसके संबंध बन गये थे । उस लड़की को उसने उस दिन पहली बार ही देखा था । पता नहीं किस गुलशन का गुलाब है यह ? रवि सोचने लगा । आज से पहले ना तो इसे कहीं देखा और ना ही इसकी महक ही आई थी । रवि का दिल जोरों से धक धक करने लगा । दिल में अजीब सी हलचल होने लगी थी । 

रवि को कबड्डी में भाग लेना था । कबड्डी की टीम तैयार थी । रवि अपनी टीम का कप्तान था । उस लड़की ने उसे कबड्डी के मैदान में जब उतरते हुए देखा तो उसके होठों पर भी मुस्कुराहट आ गई थी । रवि का सुडौल बदन बनियान से झलक रहा था जो किसी लड़की को दीवाना बनाने के लिए काफी था । मैदान में कबड्डी खेलने के दौरान रवि की चपलता, फुर्ती, चतुराई, ताकत के कारण रवि की टीम का जलवा पूरे मेले में फैल गया । वह लड़की "गुलाबो" भी रवि की फैन हो गई । रवि को आश्चर्य हो रहा था कि उसने इसे पहले क्यों नहीं देखा ? 

जबसे रवि ने गुलाबो को देखा था उसके दिमाग में वह बस गई थी । उसे देखे बिना चैन नहीं आ रहा था रवि को । आंखों में गुलाबो की कंटीली आंखें अड़ियल टट्टू की तरह अड़ी हुई थीं । उसकी मुस्कान उसका दिल चुराकर ले गई । रवि ने गुलाबो को एक प्रेमपत्र लिखने की योजना बनाई । पहले कभी प्रेमपत्र लिखा नहीं था उसने इसलिए थोड़ी हिचकिचाहट हो रही थी उसे । क्या लिखें प्रेमपत्र में , यह समझ नहीं आ रहा था उसे । लेकिन प्रेमपत्र लिखना है तो लिखना है । बस, उसने ठान लिया और प्रेमपत्र लिखने बैठ गया । 

लगभग दो घंटे की मशक्कत के बाद वह प्रेमपत्र पूरा हुआ । इस बीच रवि ने गुलाबो का घर , खानदान सब कुछ पता कर लिया था । शाम के धुंधलके में वह गुलाबो के घर के पीछे पहुंच गया । गुलाबो अपने कमरे में ही थी । रवि ने खिड़की से गुलाबो को देखा । दोनों की आंखें चार हुई और दोनों के होठों पर मुस्कराहट फैल गई । आग दोनों तरफ लगी हुई थी । रवि ने एक पत्थर में लपेटकर वह प्रेमपत्र अपने गंतव्य स्थान पर भेज दिया । 

गुलाबो ने उसे देखा । पत्थर से कागज निकाला और एक नजर उसे देखकर वह शरमा गई। उसने अपने आसपास चारों ओर निगाहें डाली । वहां कोई नहीं था । उसने चुपचाप वह प्रेमपत्र अपने ब्लाउज में छुपा लिया फिर एक मुस्कुराहट से रवि को धन्यवाद ज्ञापित किया और रवि को वहां से जाने का इशारा किया । रवि चला गया । 

गुलाबो को वह पत्र पढना था मगर कैसे पढ़े ? घर में खतरा था । कोई भी आ सकता था । इसलिए उसने बाथरूम में पढने का सोचा । वह बाथरुम में गई मगर उसकी लाइट नहीं जली । "इस बल्ब को भी अभी ही फ्यूज होना था" ? उसने मन ही मन दांत भींचे । वह मम्मी के पास जाकर बल्ब लाने के लिए पैसे मांगने लगी । मम्मी से पैसे लेकर पास की दुकान से बल्ब लाकर उसे बाथरूम में लगाया तब जाकर उसे चैन आया । जिस काम को करने के लिए मन बावला हो , उसे किये बिना एक पल को भी चैन नहीं आता है । यही हाल गुलाबो का हो रहा था । 

बाथरूम में जाकर गुलाबो वह पत्र पढने लगी 

मेरी जान, जाने बहार 
गुलाबों की रानी "गुलाबो" 
को अपने आशिक "रवि" का सलाम 

शोले फिल्म की बसंती की तरह तुम मेरी हीरोइन हो । तुम मेरे दिल के तांगे को खींचकर "धन्नो" की तरह सरपट भाग गई और मैं एक ठाकुर की तरह अपने कटे हुए हाथ लेकर बेबस, लाचार सा खड़ा देखता रहा । मेरे दिल में ठाकुर की तरह तुम्हारे प्यार के शोले दहक रहे हैं जिन्हें तुम्हारे होठों का शहद ही बुझा सकता है । मेरी किस्मत का सिक्का तुम्हारे हाथ में है । तुम इसे टॉस करके फैसला कर सकती हो । तुम्हारी तो कोई "मौसी" भी नहीं है जिसके पास मैं अपने "जय" जैसे दोस्त रघु को भेज सकूं और तुम्हारी शादी का प्रस्ताव भेज सकूं । ऐसा करना । गांव के शिव मंदिर पर आ जाना , वहां मैं तुम्हारा इंतजार करूंगा कल शाम को । शिवजी ही हमारा मिलन करवायेंगे । एक बात कह देता हूँ कि अगर तुम शिव मंदिर में नहीं आई तो मैं तुम्हें उठाकर ले जाऊंगा, ये ध्यान रखना । 
तुम्हारा और सिर्फ तुम्हारा आशिक 
रवि 

कविता रावत

कविता रावत

किसी फिल्म की तरह चल रही है कहानी अब देखना है रवि और गुलाबों का प्रेम क्या गुल खिलाता है

9 जनवरी 2022

काव्या सोनी

काव्या सोनी

Bahut hi accha likha aapne

9 जनवरी 2022

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रचनाएँ
आवारा बादल
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एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जिसने अपनी जिंदगी अपने ही ढंग से जी । मस्तमौला प्रवृत्ति का यह व्यक्ति प्रेम के सागर में गोते लगाकर भी सफलता के नये सोपान गढ़ता चला गया ।
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बचपन का यार

14 दिसम्बर 2021
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भाग 2 जन्नत

17 दिसम्बर 2021
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आवारा बादल (भाग 3) प्यारा बचपन

17 दिसम्बर 2021
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भाग 5 छैला बाबू

19 दिसम्बर 2021
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<div><span style="font-size: 16px;">गतांक से आगे </span></div><div><span style="font-size: 16px

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भाग 6 बेला

20 दिसम्बर 2021
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भाग 5 छैला बाबू

20 दिसम्बर 2021
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भाग ( 7) बलि

21 दिसम्बर 2021
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(भाग 8) 32 माइल स्टोन

21 दिसम्बर 2021
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भाग 9 मीराबाई

23 दिसम्बर 2021
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भाग 11. बिहारी

25 दिसम्बर 2021
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भाग 13 डील

27 दिसम्बर 2021
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रवि की आंखों से नींद गायब हो गई । वह सोच में पड़ गया कि वह लड़की कौन हो सकती है ? पिंक कलर का सूट किसन

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भाग 10 शीला चाची

28 दिसम्बर 2021
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गतांक से आगे <div><br></div><div>बेला, रवि और विनोद 32 माइल स्टोन रिजॉर्ट के एक कमरे में बैठकर

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भाग 16 आरंभ

30 दिसम्बर 2021
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<div><span style="font-size: 16px;">दो दिन गुजर गये । इन दोनों दिनों में रवि घर से बाहर कम ही निकला

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(भाग 18) अप्सरा

2 जनवरी 2022
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<div><span style="font-size: 16px;">रवि के लिए यह कितना सुखद अहसास था । उसके रोम रोम से प्रेम रस बह रहा था । मीना ने उसके अरमानों को हवा दे दी तो वे पंख फड़फड़ा कर उड़ने लगे । सतरंगी इंद्रधनुष की तरह नजर

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भाग 18 अप्सरा

3 जनवरी 2022
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<div><br></div><div><br></div><div><span style="color: rgb(55, 71, 79); font-family: Roboto, sans-serif; font-size: medium; letter-spacing: 0.2px;">रवि के लिए यह कितना सुखद अहसास था । उसके रोम रोम से

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भाग 19 सुंदरकांड

3 जनवरी 2022
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रवि और मीना प्यार के सागर के तट पर पहुंच गये थे । अभी वे पानी को निहार ही रहे थे । पानी को देख देखकर ही खुश हो रहे थे । पानी के छींटे एक दूसरे पर छिड़क कर आनंदित हो रहे थे ।

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भाग 21 जुदाई

4 जनवरी 2022
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अब तो रवि की दिनचर्या ही बदल गई थी । रात में जागरण होगा तो दिन में नींद आयेगी ही । स्कूल में भी ऊंघने लगा था वह । अध्यापकों ने इसकी शिकायत सरपंच साहब से कर दी । सरपंच ने खूब डांटा रवि को । रवि ने भी ब

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भाग 22 नामर्द

4 जनवरी 2022
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सुबह के आठ बज चुके थे मगर रवि गहरी नींद में सो रहा था । दिल्ली की लाइफ ऐसी ही है । लोग रात को देर से सोते हैं और सुबह देर से जगते हैं । सब कुछ लेट होता है दिल्ली में । शादी भी लेट, बच्चे भी लेट । "उठो

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भाग 24 लव गुरु

5 जनवरी 2022
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विक्रम की बुरी तरह धुनाई होने के बाद रवि की क्लास में ही नहीं स्कूल में भी धाक जम गई थी । स्मार्ट तो वह बचपन से था ही , अपनी ताकत का लोहा विक्रम को धूल चटा कर सबको मनवा दिया था उसने । लड़कियों के लिए व

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भाग 23 विक्रम

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नाश्ता करके रवि 32 माइल स्टोन पहुंचा । वहां बेला तैयार मिली । वह उसी का इंतजार कर रही थी । विनोद नहीं था वहां पर । रवि ने विनोद के बारे में पूछा तो बेला ने बताया कि कल रात को अचानक विनोद के घर से फोन

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भाग 26 प्रेमपत्र

9 जनवरी 2022
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रवि कक्षा 11 में गिरते पड़ते पास हो गया था ।.सरपंच साहब और रवि की मां बहुत गुस्सा हुए रवि पर लेकिन रवि पर अब डांट फटकार का कोई असर नहीं होता था । ढ़ीठ बन गया था वह । कभी कभी तो जब वह किसी लड़की को छेड़ दे

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भाग 27 गुलाबो

10 जनवरी 2022
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रवि के पत्र को पढकर गुलाबो सांतवे आसमान में उड़ने लगी । पहला प्रेमपत्र होता ही ऐसा है जो प्रेमियों के ख्वाबों को पंख लगा देता है । फिर तो ना दिल होश में रहता है और ना ही दिमाग । आंखों में सनम की सूरत ल

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भाग 28 दुविधा

11 जनवरी 2022
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गुलाबो रानी के घर से चल दी । उसके मन में उथल पुथल मच रही थी । रास्ते में उसने अपने बड़े भाई गब्बर को साथ लिया और दोनों भाई बहन घर आ गए। गब्बर ने एक बार पूछा भी कि कोई खास बात है क्या जो इस तरह से मूड ख

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भाग 29 वादा

12 जनवरी 2022
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गुलाबो ने मन ही मन दृढ निश्चय कर लिया था । जब कोई भी व्यक्ति दृढ़ निश्चय कर लेता है तो विचारों का बवंडर थम जाता है । चेहरे पर दृढ़ता आ जाती है । आंखों में चमक और आवाज में खनक बढ़ जाती है । उसे पता था कि

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भाग 30 प्यार और वासना

13 जनवरी 2022
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रवि और बेला दिल्ली भ्रमण पर थे । रवि बेला को दिल्ली घुमा रहा था । इंडिया गेट के बाद वे राजघाट पर आ गये । दोनों ने महात्मा गांधी को श्रद्धा सुमन अर्पित किये । उस महान आत्मा के सानिध्य में बेला को सुखद

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भाग 32 देवदूत

15 जनवरी 2022
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रवि की जब आंखें खुली तो उसने अपने आपको एक अस्पताल में पाया । उसके पूरे बदन पर पट्टियां बंधी हुई थी । सिर भी पट्टियों से भरा पड़ा था । यह क्या हुआ, कैसे हुआ यह याद करने की उसने भरपूर कोशिश की मगर

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भाग 33 अंतरात्मा

15 जनवरी 2022
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बड़ी गजब की चीज होती है अंतरात्मा । किसी ने देखी तो नहीं मगर सब लोग कहते हैं कि यह होती है । जब सब लोग किसी बात को कहते हों तो मान लेना चाहिए कि वह बात सही है । उस पर प्रश्न उठाकर चर्चा का बिन्दु नहीं

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भाग 34 योजना

16 जनवरी 2022
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मृदुला दुविधा में फंसी हुई थी । शिवा का असली नाम रवि है और उसका एक अतीत भी है जो बहुत सड़ा हुआ सा, गंदला सा है । क्या उस अतीत को मम्मी पापा को बता देना चाहिए ? इतनी बड़ी बात रवि ने अब तक छुपा कर रखी हुई

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भाग 35 प्रयास

17 जनवरी 2022
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अग्रवाल साहब ने एक और नौकर रामू काम पर रख लिया । खाना बनाने के अलावा घर का सारा काम रामू के जिम्मे कर दिया गया । रवि को केवल नाश्ता, लंच और डिनर तैयार करना था जिसमें उसकी मदद रेणू जी और मृदुला को करनी

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भाग 36 दामाद

18 जनवरी 2022
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"कहते हैं कि "जिन खोजा तिन पाइयाँ गहरे पानी पैठ" । कुछ पाने के लिए गहरे पानी में उतरना पड़ता है । यह बात IAS की परीक्षा पर पूरी तरह फिट बैठती है । इस परीक्षा के लिए गहरी जानकारी होना आवश्यक है । सतही ज

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भाग -4 : विद्यालयी जीवन

3 मई 2022
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गतांक से आगे रवि और विनोद डिनर लेकर विनोद के कमरे में आ गये । उनके साथ साथ मृदुला भी आने लगी तो रवि ने उसे टोक दिया "अरे उधर कहाँ जा रही हो मैडम ? दो बचपन के यार इतने साल बाद मिले हैं तो उन्हें

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