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भाग 5 छैला बाबू

20 दिसम्बर 2021

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गतांक से आगे 

रवि और विनोद में एक दिन लड़ाई हो गयी । विनोद कहने लगा कि श्याम सुंदर मास्साब का नामकरण उसने सही नहीं किया । रवि ने उसका नाम रखा था "बौडम" । इस पर विनोद को आपत्ति थी । विनोद कहने लगा "क्या होता है ये बौडम ? हमारी तो कुछ समझ में नहीं आया " ।

इस पर रवि ने कहा "तू बौडम का बौडम ही रहा । अगर तेरे समझ में आ जायेगा तो फिर तुझमें और मुझमें अंतर क्या रह जायेगा" ?  इस बात पर दोनों दोस्त खिलखिलाकर हंस पड़े । 

इतने में "छैला बाबू" मास्साब आ गये । दरअसल उनका नाम तो महेश पारीक था लेकिन वे रहते एकदम छैला बाबू की तरह । चौड़ी मोहरी वाला बैलबॉटम , रिशी कपूर स्टाइलिश बाल और राजेश खन्ना जैसे गर्दन हिलाने की आदत । तो रवि ने उनका नामकरण "छैला बाबू" कर दिया । सब बच्चे भी उन्हें छैला बाबू ही कहते थे । छैला बाबू के कक्षा में आने पर सब बच्चे चुपचाप बैठ गये और सामाजिक ज्ञान की पुस्तक निकाल कर पढने लगे । छैला बाबू अशोक महान का पाठ पढ़ाने लगे । 

अचानक विनोद ने रवि को कोहनी मारी । रवि ने आंखों के इशारे से पूछा "क्या है" ? विनोद ने बेला की ओर इशारा किया । रवि ने इशारे से ही पूछा "क्या" । विनोद ने फुसफुसा कर कहा " वो तुझे देख रही है" । 
"अबे साले, मरवाएगा क्या" ? 
"सच में तुझे देख रही है" 
"तू चुपचाप अपना काम कर" 
"माने चाहे मत माने , पर वो तुझे चोरी चोरी देखती है" 
"हां , देखती होगी । शायद यह सोचती होगी कि मेरी पिटाई कैसे लगवानी है । बस, इसीलिए देख रही होगी" । 
"तू साला गधे का गधा ही रहा । वो तो बड़े प्रेम से देख रही है और तू फालतू बातें किये जा रहा है" । 
"अच्छा । तो तू सब जानता है कि कोई प्यार से देख रहा है या नफरत से " ? 
"मैं तो बस इतना जानता हूँ कि बेला तुझे देख रही है और कुछ नहीं जानता इसके सिवाय " । विनोद धीरे से बोला ।

उनकी फुसफुसाहट छैला बाबू तक पहुंच गई थी । छैला बाबू गरज उठे "ये कौन बदतमीज है जो फुस फुस कर रहा है" । 
पूरी कक्षा को जैसे सांप सूंघ गया हो । एकदम से सन्नाटा सा छा गया । उन्होंने आगे कहा "खबरदार जो अगर किसी ने जरा सी भी चूं चपड़ की तो खाल खींच लूंगा उसकी" । 

इतनी बड़ी धमकी मिलने के बाद किसकी हिम्मत थी कि वह जरा सी भी कोई हरकत कर जाये । पिन ड्रॉप साइलेंस हो गया था कक्षा में । छैला बाबू अशोक के शिलालेखों के बारे में बताने लगे । 
इतने में विनोद ने फिर से कुहनी मारी । रवि ने थोड़ा गुस्से से उसे देखा । विनोद का रटा रटाया जवाब "वो तुझे देख रही है" ।

अबकी बार रवि ने बेला की ओर देखा । वास्तव में बेला उसे ही देख रही थी । अचानक से दोनों की आंखें मिल गयीं । बेला ने अपनी नजरें झुका लीं । बेला के होठों पर मुस्कान तैर गई। रवि भी मुस्कुरा दिया और वापस किताब पढने लगा । 
"मैं कह रहा था ना साले, वह तेरी ओर देख रही है मगर तू मान ही नहीं रहा था । अब तो प्रूफ देख लिया न ? अब बोल , क्या बोलता है तू " ? 
रवि एकदम से चुप बैठा रहा । उसने कुछ नहीं कहा बस, किताब की ओर नजरें गड़ाये बैठा रहा । 

"अबे साले , देख देख देख । उसने फिर से देखा कनखियों से" । विनोद फिर से फुसफुसाया । 
रवि ने हलकी सी गर्दन घुमा कर बेला की ओर देखा तो बेला को उसने अपनी ओर ही देखते पाया । दोनों की नजरें फिर से मिल गयीं । बेला फिर से मुस्कुरा दी । रवि वापस पढने लग गया । थोड़ी देर बाद विनोद ने फिर कहा " देख , वह फिर देख रही है" 
"ऐसा कर , तू गिनता जा । जितनी बार वह देखे तू बस गिनता रह । जब सौ हो जाऐं तब बता देना" । उसने टालने की गरज से ऐसा कह दिया । विनोद को तो बस उसकी पसंद का काम मिल गया था । उसने गिनना शुरू कर दिया । 

इतने में छैला बाबू को आभास हो गया कि कुछ गड़बड़ हो रही है । उसने विनोद को खड़ा कर दिया और पूछा कि बता,  अभी वे कहाँ पढ़ा रहे थे ? 

अचानक प्रश्न पूछने पर  विनोद की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई । वह बता नहीं पाया और चुपचाप खड़ा रहा । इससे छैला बाबू का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया । छैला बाबू ने उसे तुरंत मुरगा बन जाने का आदेश सुना दिया । विनोद के पास आदेश मानने के अतिरिक्त और कोई विकल्प नहीं था । एक बार उसने बड़ी कातर निगाहों से छैला बाबू को देखा मगर उनकी भेड़िए सी आंखें देखकर वह सहम गया और चुपचाप मुरगा बन गया । 
रवि भी एकदम डर गया था इस अप्रत्याशित घटना से । अगर ये छैला बाबू उससे पूछ लेता तो ? तो फिर वह मुरगा बनता । उसकी निगाहें बरबस बेला की ओर चली गई । बेला जैसे खिल्ली उड़ा रही थी उन दोनों की । इसी अंदाज में उसके चेहरे की भाव भंगिमा थी । 

शुक्र था कि छैला बाबू का पीरियड खत्म हो गया । घंटी बज गयी और छैला बाबू विनोद को हिदायत देकर चले गये । विनोद का चेहरा मुरगा बनने से लाल सुर्ख हो गया था । रवि ने चुटकी लेते हुये कहा "आबे साले, छैला बाबू ने तुझे बनाया तो मुरगा था लेकिन तेरा चेहरा बंदर जैसे लाल क्यूं हो रहा है" ? 

रवि की इस बात पर पूरी कक्षा हंस पड़ी । विनोद को भी शर्म आ गयी । बेला तो हो हो कर हंसने लगी। 

अगला पीरियड "काणा मास्साब" का था । हिन्दी पढ़ाते थे वे । बचपन में ही एक आंख खराब हो गई थी इसलिए एक ही बल्ब से गाड़ी चला रहे थे अब वे । रवि ने उनका नाम "काणा मास्साब" रख दिया था ।

काणे मास्साब दिल के बहुत अच्छे आदमी थे ।  सामान्यतः वे बच्चों की पिटाई नहीं करते थे । अगर कोई बच्चा शैतानी करता था तो वे उस बच्चे को कक्षा में पीछे भेज देते थे और हाथ ऊपर करवा कर खड़ा करवा देते थे । 

शेष अगले अंक में 
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रचनाएँ
आवारा बादल
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एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जिसने अपनी जिंदगी अपने ही ढंग से जी । मस्तमौला प्रवृत्ति का यह व्यक्ति प्रेम के सागर में गोते लगाकर भी सफलता के नये सोपान गढ़ता चला गया ।
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भाग 5 छैला बाबू

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भाग 5 छैला बाबू

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भाग ( 7) बलि

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नाश्ता करके रवि 32 माइल स्टोन पहुंचा । वहां बेला तैयार मिली । वह उसी का इंतजार कर रही थी । विनोद नहीं था वहां पर । रवि ने विनोद के बारे में पूछा तो बेला ने बताया कि कल रात को अचानक विनोद के घर से फोन

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भाग 30 प्यार और वासना

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भाग 32 देवदूत

15 जनवरी 2022
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15 जनवरी 2022
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17 जनवरी 2022
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18 जनवरी 2022
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"कहते हैं कि "जिन खोजा तिन पाइयाँ गहरे पानी पैठ" । कुछ पाने के लिए गहरे पानी में उतरना पड़ता है । यह बात IAS की परीक्षा पर पूरी तरह फिट बैठती है । इस परीक्षा के लिए गहरी जानकारी होना आवश्यक है । सतही ज

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भाग -4 : विद्यालयी जीवन

3 मई 2022
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