shabd-logo

बचपन का यार

14 दिसम्बर 2021

91 बार देखा गया 91

रवि ऑफिस से घर जाने को तैयार हो ही रहा था कि अचानक चपरासी ने एक स्लिप पकड़ाते हुये कहा कि ये सज्जन आपसे मिलना चाहते हैं । रवि एकदम से झुंझलाया । घर जाते समय में ब ये कौन आ मरा ? पहले ही बहुत लेट हो चुका हूं मैं उस पर ये कौन आफत गले पड़ गई ? उसने मन ही मन उस आगन्तुक को सैकड़ों गालियां दे डाली । 

सरकारी काम में ऐसा होता आया है कि लोग अपने फायदे के लिए समय बेसमय आकर फिजूल की बातों में वक्त बर्बाद कर देते हैं । अपने फायदे के लिए किसी भी हद तक गिर जाते हैं लोग । वह जाने की फिराक में था कि चपरासी ने कहा 

"ये सज्जन कह रहे हैं कि आप इनके बचपन में मित्र थे" । 

अब चौंकने की बारी रवि की थी । एक बार फिर से उसने पर्ची देखी जिस पर नाम लिखा था "विनोद शर्मा" । कौन है ये विनोद शर्मा ? उसने अपना दिमाग बहुत दौड़ाया मगर कोई क्लू नहीं मिला । फिर उसने सोचा कि बचपन का दोस्त बता रहा है तो मिल ही लेना चाहिए . मिलने में हर्ज ही क्या है ? लेट तो पहले से हो ही रहा हूं थोड़ा और लेट सही । वैसे भी रेलवे का सिद्धांत है कि सारी गाड़ियों को लेट करने के बजाय एक ही गाड़ी को लेट करो जिससे एक ही गाड़ी लेट हो और बाकी की गाड़ी तो सही समय पर चल सके । 

वह अपनी सीट पर बैठ गया और चपरासी से कह दिया कि उसे भेज दे । चपरासी ने एक जोरदार सैल्यूट मारा और "यस सर" कहकर चला गया . 

थोड़ी देर में एक सज्जन अंदर आये । रवि ने उसे पहचानने की कोशिश की । आगन्तुक ने एक जोरदार ठहाका लगाया और कहा " अब भी नहीं पहचाने" ? 

"अरे , तू है क्या नंबरी ? कितने सालों बाद देखा है तुझे यार । तेरा तो हुलिया ही बदल गया है साले । आज कहाँ से टपक पड़ा तू ? रवि अपनी सीट से खड़ा हो गया और नंबरी को बांहों में भर लिया । रवि विनोद को बचपन में "नंबरी" कहकर बुलाता था और विनोद रवि को "बादल" कहकर बुलाता था । दोनों यार गले मिले और एक दूसरे को देखकर फिर से हंस पड़े । 

"आज ये ईद का चांद कहाँ से दिखाई दे गया रे ? क्या करता है तू आजकल और यहां दिल्ली कैसे आया ? मेरा पता कहाँ से मिला तुझे" ? 

"एक बार में ही इतने सवाल पूछ डाले कि बताने में मुझे सदियों लग जायेंगे । मैं आपकी तरह तो बुद्धिमान हूँ नहीं जो सब कुछ एक बार में ही याद रखूं । मैं तो एक आम आदमी हूँ ना । इसलिए एक एक कर पूछिए । फिर मैं एक एक कर ही बता पाऊँगा " । विनोद ने बैठते हुये कहा । 

"ओ के । चल पहले ये बता कि तू कर क्या रहा है" ?

"एक सरकारी स्कूल में अध्यापक हूँ । वो अपने गांव के पास ही एक गांव है ना ऊकरूंद, बस उसी गांव के माध्यमिक विद्यालय में सामाजिक ज्ञान पढ़ाता हूँ" ।

"अरे , ऊकरूंद में माध्यमिक विद्यालय हो गया क्या ? पहले तो केवल प्राथमिक विद्यालय ही था जब हम अपने गांव के विद्यालय में पढते थे " ।

"हां, अब वहाँ पर माध्यमिक विद्यालय हो गया है और विद्यार्थी भी खूब सारे हैं । स्टाफ भी ठीकठाक ही है । ज्यादातर अपने गांव "सरौली" से ही अप डाउन करते हैं लोग" ।  

"यहां कैसे आना हुआ आज ? और रह कहाँ रहा है तू आजकल ? बच्चे कैसे हैं तेरे ? कितने बच्चे हैं और क्या कर रहे हैं" ?

"फिर से एक साथ इतने सारे प्रश्न" ? विनोद ने हंसते हुये कहा । 

"सॉरी, सॉरी, सॉरी । आदत से मजबूर हूँ यार । अरे मैं तो भूल ही गया । चाय या कॉफी ? विद शुगर या विदाउट शुगर" ? 

"चाय पी लेंगे शुगर वाली । अभी तो भगवान की कृपा बनी हुई है जो शुगर वाली चाय पी लेते हैं । और आप" ? 

"मैं भी शुगर वाली ही ले लूंगा , तेरे साथ । वैसे मैं विदाउट शुगर लेता हूँ । वैसे मुझे डायबिटीज वगैरह कुछ नहीं है मगर प्रिकॉशन के तौर पर फीकी ही पीता हूँ । और तू साले , ये आप आप कहकर मत बुला मुझे । ऐसा लगता है जैसे डंडा मार रहा हो " । रवि ने उसकी पीठ पर एक धौल जमाते हुये कहा । 

"आप ठहरे इतने बड़े IAS ऑफिसर और मैं ठहरा एक मामूली सा अध्यापक । कहाँ राजा भोज और कहां गंगू तेली । मेरी और आपकी क्या बराबरी । मैं सुदामा और आप कृष्ण । इसलिए आप कहकर नहीं बोलूंगा तो कैसे बोलूंगा" । नंबरी का स्वर भीग गया था । "ये तो आपकी महानता है जो इतने सालों बाद मिलने पर भी मुझे पहचान लिया और अपने पास बैठाकर मुझे चाय भी पिला रहे हो" । 

रवि ने घंटी बजाकर चपरासी को बुलाकर दो शुगर वाली चाय और बिस्किट वगैरह लाने को बोला । फिर नंबरी की पीठ पर एक और धौल जमाते हुये कहने लगा " देख साले , ये आप आप करेगा तो लात मारकर भगा दूंगा । बचपन में भी तू ऐसे ही बोलता था क्या" ? 

"बचपन की बात कुछ और थी । जब हम प्राथमिक कक्षाओं के विद्यार्थी थे । दोनों एक ही धरातल पर थे । मगर अब जमीन आसमान का अंतर है दोनों में" । 

"अब देख, बर्दाश्त की भी एक सीमा होती है । इससे आगे जायेगा तो फिर मार खायेगा" । रवि ने दो टूक शब्दों में अपना फैसला सुना दिया । 

"अच्छा बाबा अब नहीं बोलूंगा आप । अब खुश" ? 

"ये हुयी ना यारों वाली बात " । फिर से विनोद की पीठ पर एक और धौल जमाते हुये रवि ने कहा । रवि की यह बचपन की आदत है जो आज भी बरकरार है । 

इतने में चपरासी चाय बिस्किट , नमकीन वगैरह ले आया । रवि ने पूछा "आज तो तू यहीं रुकना । अब वापस कहाँ जायेगा" ? 

"आप , सॉरी , तुम कहते हो तो रुक जाऊंगा । पर मेरे कारण कोई दिक्कत तो नहीं होगी ना घर में" ? विनोद ने डरते डरते पूछा । 

"होगी दिक्कत साले , तो तू क्या किसी होटल में ठहरेगा" ? 

इस बात से विनोद गदगद हो गया । वह तो डरते डरते आया था कि पता नहीं रवि उसे पहचानेगा या नहीं । मगर इतनी आत्मीयता देखकर विनोद भाव विभोर हो गया । 

शेष अगले अंक में 

हरिशंकर गोयल "हरि"

15.12.21 

21 फरवरी 2022

31
रचनाएँ
आवारा बादल
0.0
एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जिसने अपनी जिंदगी अपने ही ढंग से जी । मस्तमौला प्रवृत्ति का यह व्यक्ति प्रेम के सागर में गोते लगाकर भी सफलता के नये सोपान गढ़ता चला गया ।
1

बचपन का यार

14 दिसम्बर 2021
20
1
1

<p style="color: rgb(55, 71, 79); font-family: Roboto, sans-serif; font-size: medium; letter-spacing

2

भाग 2 जन्नत

17 दिसम्बर 2021
8
1
0

<span style="color: rgb(55, 71, 79); font-family: Roboto, sans-serif; font-size: medium; letter-spac

3

आवारा बादल (भाग 3) प्यारा बचपन

17 दिसम्बर 2021
9
1
0

<span style="color: rgb(55, 71, 79); font-family: Roboto, sans-serif; font-size: medium; letter-spac

4

भाग 5 छैला बाबू

19 दिसम्बर 2021
4
1
0

<div><span style="font-size: 16px;">गतांक से आगे </span></div><div><span style="font-size: 16px

5

भाग 6 बेला

20 दिसम्बर 2021
1
0
0

<span style="color: rgb(55, 71, 79); font-family: Roboto, sans-serif; font-size: medium; letter-spac

6

भाग 5 छैला बाबू

20 दिसम्बर 2021
1
0
0

<span style="color: rgb(55, 71, 79); font-family: Roboto, sans-serif; font-size: medium; letter-spac

7

भाग ( 7) बलि

21 दिसम्बर 2021
3
1
0

<span style="color: rgb(55, 71, 79); font-family: Roboto, sans-serif; font-size: medium; letter-spac

8

(भाग 8) 32 माइल स्टोन

21 दिसम्बर 2021
3
0
0

<div><span style="font-size: 16px;">गतांक से आगे </span></div><div><span style="font-size: 16px

9

भाग 9 मीराबाई

23 दिसम्बर 2021
4
0
0

<div><span style="font-size: 16px;">गतांक से आगे </span></div><div><span style="font-size: 16px

10

भाग 11. बिहारी

25 दिसम्बर 2021
2
1
0

<div><span style="font-size: 16px;">गतांक से आगे </span></div><div><span style="font-size: 16px

11

भाग 13 डील

27 दिसम्बर 2021
1
0
0

रवि की आंखों से नींद गायब हो गई । वह सोच में पड़ गया कि वह लड़की कौन हो सकती है ? पिंक कलर का सूट किसन

12

भाग 10 शीला चाची

28 दिसम्बर 2021
2
0
0

गतांक से आगे <div><br></div><div>बेला, रवि और विनोद 32 माइल स्टोन रिजॉर्ट के एक कमरे में बैठकर

13

भाग 16 आरंभ

30 दिसम्बर 2021
2
1
0

<div><span style="font-size: 16px;">दो दिन गुजर गये । इन दोनों दिनों में रवि घर से बाहर कम ही निकला

14

(भाग 18) अप्सरा

2 जनवरी 2022
1
0
0

<div><span style="font-size: 16px;">रवि के लिए यह कितना सुखद अहसास था । उसके रोम रोम से प्रेम रस बह रहा था । मीना ने उसके अरमानों को हवा दे दी तो वे पंख फड़फड़ा कर उड़ने लगे । सतरंगी इंद्रधनुष की तरह नजर

15

भाग 18 अप्सरा

3 जनवरी 2022
1
0
0

<div><br></div><div><br></div><div><span style="color: rgb(55, 71, 79); font-family: Roboto, sans-serif; font-size: medium; letter-spacing: 0.2px;">रवि के लिए यह कितना सुखद अहसास था । उसके रोम रोम से

16

भाग 19 सुंदरकांड

3 जनवरी 2022
2
0
0

रवि और मीना प्यार के सागर के तट पर पहुंच गये थे । अभी वे पानी को निहार ही रहे थे । पानी को देख देखकर ही खुश हो रहे थे । पानी के छींटे एक दूसरे पर छिड़क कर आनंदित हो रहे थे ।

17

भाग 21 जुदाई

4 जनवरी 2022
1
0
0

अब तो रवि की दिनचर्या ही बदल गई थी । रात में जागरण होगा तो दिन में नींद आयेगी ही । स्कूल में भी ऊंघने लगा था वह । अध्यापकों ने इसकी शिकायत सरपंच साहब से कर दी । सरपंच ने खूब डांटा रवि को । रवि ने भी ब

18

भाग 22 नामर्द

4 जनवरी 2022
1
0
0

सुबह के आठ बज चुके थे मगर रवि गहरी नींद में सो रहा था । दिल्ली की लाइफ ऐसी ही है । लोग रात को देर से सोते हैं और सुबह देर से जगते हैं । सब कुछ लेट होता है दिल्ली में । शादी भी लेट, बच्चे भी लेट । "उठो

19

भाग 24 लव गुरु

5 जनवरी 2022
2
0
0

विक्रम की बुरी तरह धुनाई होने के बाद रवि की क्लास में ही नहीं स्कूल में भी धाक जम गई थी । स्मार्ट तो वह बचपन से था ही , अपनी ताकत का लोहा विक्रम को धूल चटा कर सबको मनवा दिया था उसने । लड़कियों के लिए व

20

भाग 23 विक्रम

5 जनवरी 2022
1
0
0

नाश्ता करके रवि 32 माइल स्टोन पहुंचा । वहां बेला तैयार मिली । वह उसी का इंतजार कर रही थी । विनोद नहीं था वहां पर । रवि ने विनोद के बारे में पूछा तो बेला ने बताया कि कल रात को अचानक विनोद के घर से फोन

21

भाग 26 प्रेमपत्र

9 जनवरी 2022
3
1
2

रवि कक्षा 11 में गिरते पड़ते पास हो गया था ।.सरपंच साहब और रवि की मां बहुत गुस्सा हुए रवि पर लेकिन रवि पर अब डांट फटकार का कोई असर नहीं होता था । ढ़ीठ बन गया था वह । कभी कभी तो जब वह किसी लड़की को छेड़ दे

22

भाग 27 गुलाबो

10 जनवरी 2022
1
0
0

रवि के पत्र को पढकर गुलाबो सांतवे आसमान में उड़ने लगी । पहला प्रेमपत्र होता ही ऐसा है जो प्रेमियों के ख्वाबों को पंख लगा देता है । फिर तो ना दिल होश में रहता है और ना ही दिमाग । आंखों में सनम की सूरत ल

23

भाग 28 दुविधा

11 जनवरी 2022
1
0
0

गुलाबो रानी के घर से चल दी । उसके मन में उथल पुथल मच रही थी । रास्ते में उसने अपने बड़े भाई गब्बर को साथ लिया और दोनों भाई बहन घर आ गए। गब्बर ने एक बार पूछा भी कि कोई खास बात है क्या जो इस तरह से मूड ख

24

भाग 29 वादा

12 जनवरी 2022
1
0
0

गुलाबो ने मन ही मन दृढ निश्चय कर लिया था । जब कोई भी व्यक्ति दृढ़ निश्चय कर लेता है तो विचारों का बवंडर थम जाता है । चेहरे पर दृढ़ता आ जाती है । आंखों में चमक और आवाज में खनक बढ़ जाती है । उसे पता था कि

25

भाग 30 प्यार और वासना

13 जनवरी 2022
1
0
0

रवि और बेला दिल्ली भ्रमण पर थे । रवि बेला को दिल्ली घुमा रहा था । इंडिया गेट के बाद वे राजघाट पर आ गये । दोनों ने महात्मा गांधी को श्रद्धा सुमन अर्पित किये । उस महान आत्मा के सानिध्य में बेला को सुखद

26

भाग 32 देवदूत

15 जनवरी 2022
1
0
0

रवि की जब आंखें खुली तो उसने अपने आपको एक अस्पताल में पाया । उसके पूरे बदन पर पट्टियां बंधी हुई थी । सिर भी पट्टियों से भरा पड़ा था । यह क्या हुआ, कैसे हुआ यह याद करने की उसने भरपूर कोशिश की मगर

27

भाग 33 अंतरात्मा

15 जनवरी 2022
2
0
0

बड़ी गजब की चीज होती है अंतरात्मा । किसी ने देखी तो नहीं मगर सब लोग कहते हैं कि यह होती है । जब सब लोग किसी बात को कहते हों तो मान लेना चाहिए कि वह बात सही है । उस पर प्रश्न उठाकर चर्चा का बिन्दु नहीं

28

भाग 34 योजना

16 जनवरी 2022
1
0
0

मृदुला दुविधा में फंसी हुई थी । शिवा का असली नाम रवि है और उसका एक अतीत भी है जो बहुत सड़ा हुआ सा, गंदला सा है । क्या उस अतीत को मम्मी पापा को बता देना चाहिए ? इतनी बड़ी बात रवि ने अब तक छुपा कर रखी हुई

29

भाग 35 प्रयास

17 जनवरी 2022
2
0
0

अग्रवाल साहब ने एक और नौकर रामू काम पर रख लिया । खाना बनाने के अलावा घर का सारा काम रामू के जिम्मे कर दिया गया । रवि को केवल नाश्ता, लंच और डिनर तैयार करना था जिसमें उसकी मदद रेणू जी और मृदुला को करनी

30

भाग 36 दामाद

18 जनवरी 2022
4
0
0

"कहते हैं कि "जिन खोजा तिन पाइयाँ गहरे पानी पैठ" । कुछ पाने के लिए गहरे पानी में उतरना पड़ता है । यह बात IAS की परीक्षा पर पूरी तरह फिट बैठती है । इस परीक्षा के लिए गहरी जानकारी होना आवश्यक है । सतही ज

31

भाग -4 : विद्यालयी जीवन

3 मई 2022
1
0
1

गतांक से आगे रवि और विनोद डिनर लेकर विनोद के कमरे में आ गये । उनके साथ साथ मृदुला भी आने लगी तो रवि ने उसे टोक दिया "अरे उधर कहाँ जा रही हो मैडम ? दो बचपन के यार इतने साल बाद मिले हैं तो उन्हें

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए