✍️प्रत्येक व्यक्ति अपनी मानसिक, आर्थिक, शारीरिक,क्षमता के अनुसार अपना लक्ष्य निर्धारित करता है। लक्ष्य निर्धारण में सर्वप्रथम--
पारिवारिक पाठशाला --- जिसमें सभ्यता और संस्कृति के साथ-साथ संस्कारों की शिक्षा दी जाती है
तथा सामाजिक पाठशाला--- जो व्यक्ति व्यवहारिक और शैक्षणिक विषयों के साथ ग्रहण करता है । उपरोक्त पाठशालाएं व्यक्ति के जीवन की मुख्य स्तंभ हैं।
प्रत्येक व्यक्ति की दृढ़इच्छा शक्ति, संयम और आत्मविश्वास और धैर्य के साथ सही दिशा निर्देशन लक्ष्य प्राप्ति में सहायक होते हैं। अपनी इच्छानुसार लक्ष्य निर्धारण परिवार, समाज, देश को लाभान्वित कर प्रगति की ओर अग्रसर होता है।
विद्यार्थी जीवन में लक्ष्य निर्धारण हेतु निम्न 5 लक्षण मुख्य तौर पर अनिवार्य माने जाते हैं:-
।। काक चेष्टा बको ध्यानं, श्वान निद्रा तथैव च
अल्पहारी ग्रहत्यागी,विद्यार्थी पंच लक्षणं ।।🙏