✍️प्यार --- हर दिल में बसा वो अहसास है,
जो बिन वीणा के बजाता सुर और ताल है ।।
सृष्टि का कण कण-कण इसका आभारी है
ये दुनिया प्यार से सींची हुई ही इक फुलवारी है ।।
प्यार हंसाता, प्यार रुलाता
ये-- रिश्तों का बंधंन बन जाता ।।
सुख-दुख में सबका साथ निभाता
अपने-पराये का भेद बता अपनों को करीब ले आता ।।
ये तो निश्चल, निर्मल बहता स्तोत्र है
जिससे होता सबका ह्रदय भाव-विभोर है ।।🙏