रक्षा बन्धन... रक्षा बन्धन का त्योहार। धूम धाम से आता है।। भाई बहिनों का यह प्यार। गीत अनोखे गाता है।।
वायुयान... हवा में सर-सर उड़ा जाए। चीन, जपान, रूस, अमरीका, जर्मन, फ्रांस हो या अफ्रीका कुछ ही घंटो में पहुँचाए, हवा में सर सर उड़ता जाए। युद्धों में यह बम बरसाए, बाढ़ो मे
रेल... एक - एक करती आती रेल, आग और पानी का खेल। दूर - दूर की सैर कराती, नदियाँ, पर्वत पार कराती। किसी को दफ्तर, पर पहुंचाती, बिछड़ा को ये पुनः मिलाती।
तोता... हरियल तोता बड़ा निराला, 'गंगा राम' कहलाता है। आम, लीची, सेब, सन्तरे, बागों में ये खाता है। पिंजरे में भी खुशी से रहता, राम-राम फिर सबसे कहता।
1. घोड़ा... तांगे में भी ये है लगता। और लड़ाई में है लड़ता।। बहादुर भी है इस पर चढ़ता। सरपट दौड़े कभी न अड़ता।। सर्कस में ये खेल दिखाता। घास चने खुश होकर खाता।।
दृश्य: जंगल में राजा शेरसिंह की सभा चल रही है सभी जानवर अपनी अपनी जगह पर बैठे हैं तभी बंदर(गोलू) राजा से एक सवाल पूछता है।बंदर(गोलू) : महाराज आपको राजा किसने बनाया? शेर (राजा शेरसिंह) : क्या कहना
मै जब भी कापी खोलता हूँ। अपने टीचर को माफी बोलता हूँ। मैंने कोशिश तो की बनाने की इस उम्मीद से काफी डोलता हूँ।1 परिवार का आदर्श अपनाता हूँ । समाज का संघर्ष भी सहपाता हूँ । सर्वा
एकान्त में शिक्षा भीड़ में परीक्षा अंतर मन दीक्षा सर्व करे समीक्षा असीम धैर्य प्रतीक्षा मिलती जिसे मुमुक्षा लोभ पहली कक्षा मुख्य जड़ रक्षा ज्वर महत्वकांक्षा स्वस्फ
मै स्कूल जा रहा हूँ। मै स्कूल जा रहा हूँ। कभी जनगण कभी वन्देमातरम गा रहा हूँ। स्वच्छता का संदेश देते क्रम से जा रहा हूँ। मै स्कूल जा रहा हूँ। मै------- अनुशासन व नैतिकता का पाठ
दृश्य: जंगल में सब कुछ अच्छा चल रहा है लेकिन कई दिनों से तोता(मिट्ठू) किसी को दिख नहीं रहा। हाथी (गजोधर), चूहा (कतरू) और बंदर (गोलू) उसी की बात कर रहे हैं।हाथी (गजोधर): गोलू काफी दिन हो गए हैं मिट्ठू
दृश्य : गर्मी का मौसम चल रहा है सभी जानवर गर्मी के मारे परेशान हैं। पूरा जंगल सुख गया है और एक तालाब के किनारे सारे जानवर आकर पेड़ की छावं के नीचे बैठे हुए हैं | हाथी (गजोधर) : कितनी गर्मी हो
दृश्य : जंगल के सबसे बड़े बरगद के पेड़ के नीचे सभी जानवर सभा के लिए उपस्थित हुए हैं | एक शाही पत्थर के ऊपर हरी हरी घास का आसन बनाया हुआ है और सभी जानवर जंगल के राजा के आने का इंतज़ार कर रहे हैं |भालू (दर
हम फिर आयेंगे। जन्म लिया चलना सीखा बालवाड़ी गए उछलना कूदना सीखे अक्षर ज्ञान लेकर स्कूल गए नहाना डरना टॉयलेट जाना बचपन की पीड़ा प्रायमरी से मिडिल फिर
"कौन यहाँ बलिदानी है" सन सन्तावन से सैतालीस तक, प्राणो की आहुति दे दी, बिखरी पड़ी लाशे व; लहु से तरबतर राजधानी है। कौन यहाँ बलिदानी है। किसी को गोली लगी तो, कोई तो
पुरस्कार का वो हकदार था। रंगत उनकी घुली थी किरदार में, ऐसा वो कलाकार था। डरा सा रहता था मालिक, पुछताछ करते करोबार की, आखिर वो हवलदार था। अन्त तक खून पसीना बहाता रहा,
तेरे शहर से वो जल्दी ऊब गया, चकाचौंध से जी घबराया होगा। कोई उसने डाक्टरी इलाज नही की, पीपल की छाँव याद आया होगा। पूरे बच्चे में सीख दिखाई नहीं देती, चावल के एक ही दाने से
मनाते हो हल साल नया वर्ष हर दिन को नया वर्ष मनाया करो । ठान लेते और खा लेते हो कसम जरा उस पर अमल भी लाया करो। मनाते हो होली व दीवाली उत्सव से हर दिन रंग जाया करो । उस बच्
पाँच एकम पाँच आओ सीखे नाच। 🕺💃🕺💃🕺💃🕺💃🕺💃 पाँच दुनी दस जल्दी पकड़ो बस। 🚃🚌🚃🚌🚃🚌🚃🚌🚃🚌 पाँच तिया पन्द्रह चीजे न करे संग्रह । 🐒🐕🐩🐎🐖🐘🐧🐣🦆🐋🐚 पाँच चौके बीस करो प्रार्
एक अनोखा सूरत शाला में प्रवेश किया । मम्मी पापा को टाटा कहकर अपने साथी का हाथ पकड़े कदम रखकर स्कूल को आवेश किया। एक अनोखा सूरत शाला में प्रवेश किया । पहली कक्षा के पहली बेंच प
करामाती चादर एक समय की बात है । गोलू नाम का एक बच्चा था । वह बहुत ही शरारती और चतुर था । पर पढ़ने में उसका मन नही लगता था । उसे कितना ही बाहर दोस्तो के साथ खेला लो उसका मन वही लगता था । हर