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परिवार

hindi articles, stories and books related to Parivar


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दादा-दादी, चाचा-चाची, भुआ, ताऊजी और मामा-मामी, मौसी ऐसे कई रिश्ते हैं जिनसे एक बड़ा परिवार बनता है. ये रिश्ते ही हमें अच्छे संस्कार सिखाते हैं. हमें परिवार के साथ जीना सिखाते हैं. पहले एक ज़माने में एक ही घर में कम से कम 12 से 15 लोग रहते थे मगर आज 2 से 4 ही लोग रह पाते

अच्छा लग रहा है न आज ऐसे सड़क के किनारे बैठे हुए, इस इंतजार में कि क्या हुआ जो बहु ने निकाल दिया घर से,बेटा तो हमारा है न ,वो हमें लेने जरूर आएगा ।अरे याद करो भाग्यवान आज से 40 साल पहले की बात को मेरे लाख मना करने के बावजूद तुमने मेरी विधवा माँ पर न जाने क्या क्या इल्ज़ाम लगा कर घर से निकाला था। कितनी

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हर लड़की के मन में कई सपने अपनी ससुराल को लेकर रहते हैं वह ससुराल में सबका दिल जीतना चाहती है, तो चलिए बस 5 आसान Tips द्वारा सभी ससुराल पक्ष के सदस्यों का दिल जीता जाये –1. हर रिश्ते को सम्मान और आदर दे –हर रिश्ते का आदर-सम्मान का पूरा ध्यान रखे, जिस तरह आप अपने मायके

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'तुमको तो कोई चिंता ही नहीं है बस अपने चार पंचों को लेके बैठ जाते हो गपशप करने, थोड़ा घर की तरफ भी देख लिया करो, घर में जवान बेटी बैठी हुई है, लोग बातें करने लगे हैं तरह-तरह की। मगर..तुम... तुमको क्या....' नंदिनी की मां ने मुंशी जी के घर आते ही उन पर लगभग रोज की तरह बरसना शुरू कर दिया। करती भी क्या ब

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सुशीला जो की एक मध्यम परिवार की महिला हैं॰॰॰॰॰ उसका पति मोहन गावों के बाहर एक मील में सुबह 10 बजे से रात को 11 बजे तक की नौकरी करता हैं. सुशीला और मोहन के अलावा घर में बापूजी भी साथ रहते हैं. तीनो में आपस में बड़ा लगाव और प्रेम है. ये छोटा सा परिवार बड़ी ख़ुशी से अपनी ज़िंदगी जीता है. बापूजी भी आपने आप

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दाम्पत्य जीवन में प्राय: पारिवारिक विवादों के कैक्टस: स्वत: ही उग जाते हैं। कभी मां बेटे के कान भरती है, तो कभी बेटी मां के कान भरती है। आस पास पड़ोस में रहने वाली औरतें भी सास से बहु को सिर पर न चढ़ाने की सलाह देती रहती हैं। कभी नंद-भाभी तो कभी देवरानी-जेठानी आदि रिश्तों को कहीं न कहीं थोड़ी बहुत खटा

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जिस प्रकार पौधा लगाने से पहले बीज आरोपित किया जाता है उसी प्रकार के युवा लड़के-लड़कियों के मन में दाम्पत्य जीवन के संबंधों के भावों को पैदा करने के लिए विवाह पूर्व ही अनेक संस्कार आरोपित किए जाते हैं। यद्यपि वे सारे के सारे विवाह के ही अंग माने जाते हैं। जैसे-हल्दी चढ़ाना, तैल चढ़ाना, कन्या पूजन, गाना ब

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प्रत्येक शख्स किसी खास मकसद से इस दुनिया में आया है, यदि आप सिंगल हैं तो इस का तात्पर्य यह है कि संभवतया अकेले रह कर ही आप अपना मकसद पा सकती हैं। तभी आप को सोच और परिस्थितियां इस के अनुरूप हैं यह भी हो सकता है कि आने वाले समय में आप स्वयं शादी के बंधन में बंध जाएं। मगर जब तक सिंगल हैं अपने इस स्टेटस

बस यार बहुत हो गया, दो साल से ज्यादा हो गये, अब नही सहा जाता, अब लगता है तलाक देना ही पड़ेगा, किन्तु बच्चों के बारे में सोचकर असमंजस में पड़ जाता हूँ। इस तरह बोलकर विनय चुप हो गया और उसकी आंखे भर आयी।यह कहानी है मेरे प्रिय मित्र विनय की। विनय और रीमा का विवाह १० साल पहले धूम-धाम से हुआ था I दोनों कॉले

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दोस्तों घर पथ्तरों से बनता हैं ,लेकिन परिवार माँ-पिता से || हजारो फूल चाहिए एक माला बनाने के लिए,हजारों दीपक चाहिए एक आरती सजाने के लिए |हजारों बून्द चाहिए समुद्र बनाने के लिए,पर “माँ “अकेली ही काफी है बच्चो की जिन्दगी को स्वर्ग बनाने के लिए..!!**********************@@*********************

आधे लोग तो बस इसीलिये बक बकाने लगते हैं कि - लडकी है और इतना बोल गयी... लडकी है और इतना कर गयी... इतने लड़को को सुना दी ! फ़िर कुछ सोचते हैं केसे भी करके इसकी आवाज़ दबा दे ... बस यही वो सबसे बडी भूल कर जाते हैं ! उन्हे लगता है जेसे उनकी घर की औरते हैं विजि ही और है क्युकिं

भगवान ने अपने विभिन्न अवतारों में सामाजिक व्यवस्था बनाए रखने हेतु संदेश दिया है वहीं दूसरी ओर श

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आज बात करूंगा परिवार के कुछ सदस्यों के बारे में जिन्हें मै चाहकर भी भुला नहीं सकता मेरा परिवार जिसमे मै भारत देश की एकता और अखंडता को वीद्दमान पाता हूँ, मेरा परिवार एक संयुक्त परिवार है जो भारत में ख़त्म होने की कगार पर है, और मै भारत वर्ष के लोगो से इसके संरक्षण हेतु आगे आने का आह्वान करता हूँ | मेर

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अरे महाराज... कहां चल दिए। रुकिए तो ... गाड़ी कभी भी चल पड़ेगी। उस युवा साधु को छोटे से स्टेशन से आगे बढ़ता देख दूसरे साधु चिल्ला उठे। लेकिन उस  पर तो जैसे अलग ही धुन सवार थी। वह आगे बढ़ता ही जा रहा था। दूसरे साधु पीछे - पीछे चिल्लाते हुए लगभग दौड़ने लगे। महाराज , आपको कुछ भ्रम हो गया है क्या। आप कह

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