सभी पाठकों को मेरा प्रणाम । एक बार फिर हाजिर हूं, इस शिक्षाप्रद
"इन आंखों को तलाश तेरी "😏😏😏
शिक्षा से संसार चमकता है, युग-युग आगे बढ़ता है । अंध-कूप से निकला मानव, कदम चांद पर रखता है
"इन आंखों को तलाश तेरी"😏😏😏
"इन आंखों को तलाश तेरी"😏😏😏
हर मुश्किल का हल हैं पापा.
कमज़ोरी में संबल हैं पापा.
पापा ने ही संवारा जीवन,
मेरा आ
भाग-2 (चन्दन बाबू और चोटी वाली लड़की) वहाँ से चले तो आए
lलग्न म्हणजे काय असतं....???
तो<
नाम अपना काम दुसरों का! यही लोगो की पहेचान है!
यूं सताओ ना मेरी ख्वाहिशें मेरे ही ख्वाबों में आकर,