तभी नताशा रुबीना को कोहनी मारकर चलने का इशारा करती है। रुबीना आदिल से कहती है क्या वो लोग अब जा सकते है या नताशा से रात का खाना भी बनवाना है। तो आदिल हंस कर कहता है क्यों नहीं खाने का इम्तिहान भी आज ही हो जाए। तभी अफ़ज़ल दोनों को जाने का इशारा करता है। दोनों घर से बाहर चली जाती है।
अफ़ज़ल, आदिल और अम्मी चाय, पकोड़े खा रहे है। अम्मी नताशा की तारीफ करती है कि बहुत प्यारी बच्ची है। हम नही जानते थे कि इतना बड़ियां खाना भी बना सकती है। तो आदिल अम्मी से कहता है कि ऐसी ही कोई बढ़िया लड़की अफ़ज़ल के लिए पसंद कर लीजिए। तो अम्मी कहती है कि हां देखती तो रहती हूं। तो आदिल कहता है कि कोई और क्यू नताशा ही को पसंद कर लीजिए। तो अम्मी कहती है कि हमे तो नताशा बहुत पसंद है। पर वो हिंदू है। तो आदिल कहता है आज के जमाने में कोई जाति, धर्म नहीं देखता। तो अम्मी कहती है कि अगर उसके घरवाले मान जाए तो हमे कोई ऐतराज़ नहीं है।
कुछ देर बाद अम्मी चाय के बर्तन उठाकर रसोई की तरफ बड़ जाती है और आदिल से कहती है कि खाना खा कर जाना। बस अभी खाने की तैयारी कर रही हूं। आदिल कहता है कोई जल्दी नहीं है। आप इत्मीनान से बनाइए। मैं रात तक यही हूं।फिर अफ़ज़ल से कहता है कि नताशा से कहने में और देर ना करे। वो तुम्हे पसंद करती है और अम्मी को भी वो पसंद है। इंशाल्लाह सब सही होगा।
अफ़ज़ल का प्यार नताशा के लिए बड़ता ही जा रहा है। और नताशा भी इस बात को समझने लगी है कि अफ़ज़ल के दिल में उसके लिए भावनाएं है। पर नताशा चुप्पी साधे रखती है।अफ़ज़ल उसके पास जाने की जितनी भी कोशिश करे पर वो दूरी बनाए रखने की कोशिश करती है।
अफ़ज़ल ने नया कैमरा खरीदा था। वो नताशा की तस्वीर खींचना चाहता था। पर किस बहाने से ले उसे समझ ही नहीं आ रहा था।
आज रुबीना और नताशा के कॉलेज में फेयरवेल पार्टी थी। अफ़ज़ल ने ऑफिस से छुट्टी ली थी क्यूंकि उसे दुकान में काफी काम था। रुबीना कॉलेज से अफ़ज़ल को फोन करती है कि वो उसे लेने के लिए कॉलेज आ जाए। पर अफ़ज़ल कहता है उसे दुकान में बहुत काम है और वो नहीं आ पाएगा। उसे रिक्शा से आने को कहता है। तो रुबीना कहती है कि भाई जान मैने साड़ी पहनी है रिक्शा से कैसे आऊं। मैने तो नताशा से भी कह दिया है कि भाई जान ही हम दोनो को घर छोड़ देंगे।
नताशा का नाम सुनते ही अफ़ज़ल कहता है कि बस पांच मिनट दो। अभी आता हूं। रुबीना कहती है कि अपना कैमरा भी ले आना। हमे फोटो खिंचवानी है। नताशा ने महरून रंग की नेट वाली साड़ी पहनी है। कानो में लंबे झुमके, खुले बाल और हल्का मेकअप उसके चेहरे पर उभर के आ रहा है। अफ़ज़ल उसे देखता ही रह जाता है।
रुबीना दोनो की खूब सारी फोटो खींचने के लिए कहती है। अफ़ज़ल की तो मुराद ही पूरी हो जाती है। उसके पास अब नताशा की बहुत सारी फोटो थी। वो फिर दोनो को घर छोड़ के दुकान चला जाता है।