shabd-logo

प्रेम में दायरा - भाग 20

9 अगस्त 2024

13 बार देखा गया 13

उधर दो महीने से नताशा की तबियत बहुत खराब है। पहले बुखार से सिलसिला शुरू हुआ। फिर धीरे धीरे बढ़ता ही गया। अब तो नताशा को बिस्तर से दो कदम चलना भी मुश्किल होने लगा था। वो ठीक से खाती पीती भी नहीं थी। नताशा के घरवालों ने उसका बहुत इलाज़ करवाया। पर कोई फायदा नहीं हुआ। डॉक्टर ने कहा कि इसे कोई गम अंदर से खाए जा रहा है। इसने जीने की चाह छोड़ दी है। ऐसे में हम कुछ नहीं कर सकते। अब सब भगवान भरोसे है।

नताशा के मम्मी पापा बहुत परेशान है। कुछ समझ नही आता है। अपनी बेटी को ऐसे मरते हुए नहीं देख सकते। ऐसे में उन्हें अफ़ज़ल की याद आती है। उससे बात करने की सोचते है।  नताशा के मम्मी पापा अफ़ज़ल के घर जाते है। अफ़ज़ल की अम्मी दरवाज़ा खोलती है। नताशा के पापा कहते है कि वो अफ़ज़ल से मिलना चाहते है। अफ़ज़ल की अम्मी पूछती है, सब खैरीयत तो है। क्या मेरे बच्चे से कोई गुनाह हुआ है। नताशा के पापा कहते है कि नहीं ऐसी कोई बात नही है। हम बस अफ़ज़ल से कुछ बात करना चाहते है।

अफ़ज़ल की अम्मी उन्हें अंदर बिठाती है। फिर अफ़ज़ल को बुलाने ऊपर उसके कमरे में जाती है। जब वो उसको बताती है कि नताशा के मम्मी पापा आए है। तो वो जल्दी से नीचे आता है और उनके पैर छूता है। फिर पूछता है क्या हुआ सब ठीक तो है।

नताशा की मम्मी रोने लगती है। अफ़ज़ल उसका कारण पूछता है। और कहता है क्या नताशा ठीक है। तो नताशा के पापा कहते हैं कि दो महीने से नताशा की तबियत बहुत खराब है। हमने बहुत इलाज करवाया। पर डॉक्टर कहते है कि नताशा ने जीने की चाह छोड़ दी है। ऐसे में कोई दवाई उस पर काम नहीं करेगी। हमे समझ नही आ रहा हम क्या करे। इसलिए तुम्हारे पास आए है।

हमे लगता है हमने नताशा के साथ बहुत गलत किया। हमने समाज की परवाह की और अपनी बेटी को खो दिया। हम उसे अपने सामने ऐसे मरते हुए नहीं देख सकते। अगर वो तुम्हारे साथ रहकर खुश है तो हमे भी इसी बात में खुशी है। क्या तुम अभी भी नताशा को अपनाने को तैयार हो। अफ़ज़ल कहता है ये आप कैसी बातें पूछ रहे है। मैं तो हमेशा से ही नताशा से प्यार करता था और उसका इंतजार किया।

मैं तो बस उसकी खुशी में खुश था। नहीं जानता था वो ऐसा रास्ता अपनाएगी। अफ़ज़ल को अब समझ आया था। नताशा की उस बात का मतलब कि उसने अपना रास्ता चुन लिया है। जिसपर उसे अकेले ही चलना है। अफ़ज़ल नताशा से मिलने को बैचैन था। और उसके मम्मी पापा से नताशा से मिलने की इज़ज़ाज़त मांगता है।

उसके मम्मी पापा इजाजत दे देते है। और बताते है कि नताशा अभी तक नहीं जानती की हम तुमसे मिलने आए है। अफ़ज़ल की अम्मी कहती है कि वो भी साथ में चलेगी। पर अफ़ज़ल कहता है कि अभी वो अकेला ही जाता है। और कल आप भी मिल लीजिएगा।

22
रचनाएँ
प्रेम में दायरा
4.3
मेरी ये किताब दो प्रेमियों की कहानी है। जो अलग अलग धर्मों से है। उनके प्यार के रास्ते में ये धर्म बेड़ियां बनकर खड़ा है। क्या वो इस धर्म की बेड़ियों को तोड़ पाएंगे। और उनका मिलाप होगा। ये जानने के लिए अपको मेरी किताब पड़नी होगी। अच्छी लगे तो मेरा प्रोत्साहन जरूर बढ़ाएगा।
1

प्रेम में दायरा - भाग 1

8 अगस्त 2024
7
5
0

बात 2004 की है। अफ़ज़ल की नज़र खिड़की से बाहर जाती है। एक स्कूटी से सफेद सूट पहने एक लड़की उतरती है। उसके मूंह पर दुप्पटा लिपटा है। अफ़ज़ल का दिल जोर से धड़कने लगता है। उसका चेहरा देखना चाहता है। पर व

2

प्रेम में दायरा - भाग 2

8 अगस्त 2024
5
5
0

फिर एक केक का ऑर्डर करके दोनों चली गई। अफ़ज़ल उससे बात कर ही नहीं पाया। पर आज वो खुश था। उसे देखकर उसका दिन बन गया था। अगले दिन वो अब्बू के बुलाए बिना ही सज धज कर दुकान में पहुंच गया। आज वो केक लेने आ

3

प्रेम में दायरा - भाग 3

8 अगस्त 2024
5
5
0

ऐसे ही साल भर कब बीता। इम्तिहान का समय हो आया। पहले नताशा के और फिर अफ़ज़ल के। अफ़ज़ल इन दिनों नताशा को देख नही पाया। उसे लगा स्कूल की छुट्टियां चल रही है तब तक वो भी अपने इम्तिहान दे देगा। पर ऐसे ही

4

प्रेम में दायरा - भाग 4

8 अगस्त 2024
5
6
1

अफ़ज़ल एक बड़ियां सा केक उसे बताता है। नताशा धीमे से कहती है। ये कितने का है। अफ़ज़ल मुस्कुरा कर कहता है। कोई बात नहीं तुम्हारे लिए ये फ्री है। वो चौंक कर कहती है, जी। अफ़ज़ल उससे पूछता है। क्या तुम ह

5

प्रेम में दायरा - भाग 5

8 अगस्त 2024
5
5
1

आज अफ़ज़ल ऑफिस से जल्दी घर आ गया था। उसे पता चला था कि आज नताशा घर आने वाली है। नताशा पहले ही घर आ चुकी थी। वो दोनो घर पर अकेली थी। अफ़ज़ल को जल्दी घर आया देख रुबीना पूछती है। क्या बात है भाई जान आप ज

6

प्रेम में दायरा - भाग 6

8 अगस्त 2024
4
5
0

एक दिन नताशा को घर आया देखकर। अफ़ज़ल रुबीना से कहता है कि किसी दिन शाम को इसे दुकान पर लाओ। इसका एक चीजकेक मुझपर उधार है। तो रुबीना कहती है कि मुझसे क्यों कह रहे है। आप इसे खुद कह दीजिए। आपके सामने ही

7

प्रेम में दायरा - भाग 7

8 अगस्त 2024
4
5
0

अफ़ज़ल झट से नीचे आ जाता है। स्कूटी स्टार्ट करने की सब कोशिश करता है। पर वो स्टार्ट नहीं होती। तो अफ़ज़ल कहता है कि मैकेनिक को दिखाना पड़ेगा। तो रुबीना नताशा को इशारों में पूछते हुए अफ़ज़ल से कहती है

8

प्रेम में दायरा - भाग 8

8 अगस्त 2024
4
5
0

अफ़ज़ल नताशा से कुछ पूछने लगता है। तभी रुबीना आ जाती है। सब आइस क्रीम खाते है। और फिर घर जाने लगते है। नताशा रुबीना से कहती है की आज बहुत लेट हो गया। उसे अभी स्कूटी ठीक करवाने भी जाना पड़ेगा। अफ़ज़ल क

9

प्रेम में दायरा - भाग 9

9 अगस्त 2024
4
5
0

अफ़ज़ल आज ऑफिस से जल्दी घर आ गया था। क्योंकि उसके बचपन का दोस्त आदिल उससे मिलने आने वाला था। आदिल कुछ साल पहले कनाडा चला गया था। आज बहुत समय के बाद अफ़ज़ल से मिलने आया था। दोनो दोस्त खूब जोश से एक दूस

10

प्रेम में दायरा - भाग 10

9 अगस्त 2024
4
5
0

फिर रुबीना जाने की इजाज़त मांगती है। तो आदिल कहता है कि हमे चाय नहीं पिलाओगी। तो रुबीना कहती है कि अरे मैं तो भूल ही गई। अभी बनाकर लाती हूं। तो आदिल कहता है तुम्हारे नहीं, तुम्हारी सहेली के हाथ की चाय

11

प्रेम में दायरा - भाग 11

9 अगस्त 2024
4
5
0

तभी नताशा रुबीना को कोहनी मारकर चलने का इशारा करती है। रुबीना आदिल से कहती है क्या वो लोग अब जा सकते है या नताशा से रात का खाना भी बनवाना है। तो आदिल हंस कर कहता है क्यों नहीं खाने का इम्तिहान भी आज ह

12

प्रेम में दायरा - भाग 12

9 अगस्त 2024
4
5
0

अफ़ज़ल कैमरा से सारी फोटोज को निकलवा लाता है। और अपने किए नताशा की अलग सी फोटो निकलवाता है। जिन्हे छिपा कर अपनी अलमारी में रखता है। एक फोटो वो अपने पर्स में रखता है। जिससे वो जब चाहे उसे देख सके। क

13

प्रेम में दायरा - भाग 13

9 अगस्त 2024
4
5
0

समय बीत रहा है। रुबीना के किसी रिश्तेदार की शादी है। वो नताशा से साथ चलने के लिए कहती है। नताशा की मम्मी से भी इजाज़त मिल जाती है। नताशा नीले रंग का लहंगा पहन कर आई है। बहुत सुंदर लग रही है। वो ल

14

प्रेम में दायरा - भाग 14

9 अगस्त 2024
4
5
0

नताशा - एक साल बहुत लंबा अंतराल नहीं है। कुछ समय जब आप मुझसे नहीं मिलेंगे तो आप मुझे भूल जाएंगे। अफ़ज़ल - ये इस एक साल की बात नहीं हैं। जब तुम बारहवीं में थी और मेरी दुकान में पहली बार ब्रेड लेने

15

प्रेम में दायरा - भाग 15

9 अगस्त 2024
4
5
0

रुबीना की और भी सहेलियां संगीत में आती है। खूब मौज मस्ती और हंसी ठिठोला हो रहा है। नाच गाना शुरू होता है। रुबीना अफ़ज़ल को भी नताशा के पास खींच कर ले आती है। दोनो साथ में नाच रहे है। रिश्तेदारों से भर

16

प्रेम में दायरा - भाग 16

9 अगस्त 2024
4
5
0

अफ़ज़ल कहता है कि अभी तो वो अकेला आया है। यदि आप लोगो की इजाज़त होगी तो वो कल अपने अम्मी अब्बू को साथ ले आएगा। और बताता है कि वो चार साल से नताशा को पसंद करता है और उससे शादी करना चाहता है। वो नताशा क

17

प्रेम में दायरा - भाग 17

9 अगस्त 2024
4
5
0

अफ़ज़ल अभी भी कभी कभी नताशा को देखने उसके कॉलेज के बाहर आता था। जैसे ही वो गेट से बाहर निकलती थी उसे देखकर वापिस मुड़ जाता था। हमेशा की तरह हेलमेट पहन कर ताकि नताशा को उसके आने का पता न चल पाए। पर वो

18

प्रेम में दायरा - भाग 18

9 अगस्त 2024
4
5
0

नताशा का एम. कॉम का प्रथम वर्ष पूरा हो जाता है। कुछ समय बाद नताशा के लिए एक रिश्ता आता है। नताशा कॉलेज जाने के लिए तैयार हो रही होती है। तभी उसकी मम्मी आकर कहती है कि आज वो कॉलेज की छुट्टी कर ले। उसे

19

प्रेम में दायरा - भाग 19

9 अगस्त 2024
4
5
0

अफ़ज़ल दुकान से घर पहुंचता है। वो बहुत उदास है। अम्मी उसके पास आती है और कहती है क्या वो उसे कुछ बताना चाहता है। कहने से गम हल्का हो जाता है। अफ़ज़ल अम्मी की गोद में सर रख लेता है। अम्मी धीरे धीरे उसक

20

प्रेम में दायरा - भाग 20

9 अगस्त 2024
4
5
0

उधर दो महीने से नताशा की तबियत बहुत खराब है। पहले बुखार से सिलसिला शुरू हुआ। फिर धीरे धीरे बढ़ता ही गया। अब तो नताशा को बिस्तर से दो कदम चलना भी मुश्किल होने लगा था। वो ठीक से खाती पीती भी नहीं थी। नत

21

प्रेम में दायरा - भाग 21

10 अगस्त 2024
4
5
0

अफ़ज़ल नताशा के घर आता है। वो उसके कमरे में जाता है। नताशा सो रही है। वो बहुत ही कमज़ोर और बीमार हो गई थी। अफ़ज़ल उसके बिस्तर के पास पड़ी कुर्सी पर बैठ जाता है। नताशा का हाथ थाम लेता है। और उसे निहारन

22

प्रेम में दायरा - भाग 22

10 अगस्त 2024
4
5
1

नताशा के इम्तिहान भी आ गए। ऐसा लग रहा था। नताशा से ज्यादा अफ़ज़ल का इम्तिहान है। दोनो अब कम मिल पाते थे। इम्तिहान के बाद दोनो के परिवार साथ बैठे थे। वो ये नहीं समझ पा रहे थे कि शादी हिंदू रीति रिवाज

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए