ऐसे ही साल भर कब बीता। इम्तिहान का समय हो आया। पहले नताशा के और फिर अफ़ज़ल के। अफ़ज़ल इन दिनों नताशा को देख नही पाया। उसे लगा स्कूल की छुट्टियां चल रही है तब तक वो भी अपने इम्तिहान दे देगा। पर ऐसे ही समय बीता पर नताशा उसे कभी नजर नहीं आई। वो मॉडल टाउन की हर गली को छान आया। पर उसे नताशा का कही पता नही मिला। ऐसे ही साल बीते उसकी एम.ए भी पूरी हो गई। उसने एक कंपनी में नौकरी कर ली। और शाम के समय दुकान पर बैठने लगा। पर वो नताशा को भूल नहीं पाया था। उसके मन में निराशा थी और अभी तक उसकी तलाश। उसे अफसोस था, वो उसका नाम तक नहीं जान पाया था।
तभी सीडियो से किसी के नीचे उतरने की आवाज़ आती है। अफ़ज़ल वर्तमान में लौट आता है। नताशा वापिस जा रही थी। इन दो सालों में वो बिल्कुल नही बदली थी। उसके चेहरे पर अभी भी वही मासूमियत थी और आवाज़ में प्यारी सी खनक।
रुबीना नताशा को अलविदा कह कर अंदर आती है। अफ़ज़ल के सवालों की झड़ी फूट पड़ती है। वो सब जान लेना चाहता था। इन कुछ सालों में नताशा क्यू नही दिखी।
अफ़ज़ल पूछता है ये तुम्हारी कौन सी नई सहेली है। पहले तो कभी घर नहीं आई। कहां रहती है। रुबीना बताती है कि नताशा ने इसी साल बी.कॉम तृतीय वर्ष में हमारे कॉलेज में प्रवेश लिया है। कुछ दिनों में हमारी बहुत अच्छी दोस्ती हो गई है। वो दूसरे शहर से आई है। पहले ये लोग यही रहते थे। दो साल पहले उसके पापा का तबादला दूसरे शहर हो गया था। पर अब ये फिर से इसी शहर आ गए है। और अपने मॉडल टाउन वाले घर में ही रहते है।
अफ़ज़ल मन में सोचता है। तुमने इतना समय क्यों लगाया लौटने में। मैं तो उम्मीद ही छोड़ चुका था। शायद मेरा नसीब तुम्हें फिर से यहां खींच लाया। अब मैं तुम्हें कही जाने नही दूंगा। तभी रुबीना कहती है कहां खो गए भाई जान। आज इतनी पूछताछ क्यों कर रहे हो। आज से पहले तो कभी किसी सहेली के बारे में इतना नही पूछा।
कहा तो, बस ऐसे ही। तुम्हारे साथ पहली बार देखा इसलिए पूछ रहा था।
नताशा कभी कभार घर आ जाया करती थी। अफ़ज़ल उस दिन बहुत खुश हो जाया करता था। उससे बात करना चाहता था। पर वो रुबीना की सहेली थी इसलिए डरता था। कही रुबीना को शक हो गया तो वो सारे घर में ढिंढोरा पीट देगी। दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ती थी तो उसके कॉलेज के चक्कर भी नहीं लगा पाता था।
एक दिन रुबीना नताशा को साथ ले दुकान आती है। और अफज़ल से कहती है। भाई जान नताशा के मम्मी पापा की शादी की सालगिरह है। उसे कोई बड़ियां सा केक बनवाना है। और हमारी दुकान से इसे अच्छा सा डिस्काउंट भी मिलना चाहिए।