अफ़ज़ल नताशा के घर आता है। वो उसके कमरे में जाता है। नताशा सो रही है। वो बहुत ही कमज़ोर और बीमार हो गई थी। अफ़ज़ल उसके बिस्तर के पास पड़ी कुर्सी पर बैठ जाता है। नताशा का हाथ थाम लेता है। और उसे निहारने लगता है। तभी नताशा की नींद खुल जाती है। वो अफ़ज़ल को सामने देख कहती है। क्या ये कोई सपना है।
अफ़ज़ल - हकीकत है।
नताशा - आप यहां क्यों आए।
अफ़ज़ल - तुमसे मिलने आया हूं। क्या तुमने यही रास्ता चुना है। कभी सोचा तुम्हारे जाने के बाद मेरा क्या होता।
नताशा - मैं खुद को किसी और का होते हुए नहीं देख सकती। मेरा मन ये मानने को तैयार ही नहीं हुआ।
अफ़ज़ल - हम दूसरा रास्ता भी निकाल सकते थे। कहो तुम्हें भगा कर ले जाऊंगा।
नताशा - भागना होता तो पहले ही भाग जाते। उसके बाद मेरे घरवालों का क्या होता।
अफ़ज़ल - और ऐसे तुम्हारे जाने से क्या वो खुश होंगे। मैं तुम्हें ऐसे मरते हुए नहीं देख सकता। अगर मरना ही है तो दोनो साथ मरेंगे एक साथ।
नताशा - ऐसे ना कहिए। मैं आपको जीते हुए देखना चाहती है। एक खुशहाल जिंदगी।
अफ़ज़ल - पर वो तुम्हारे बिना मुमकिन नहीं है।
दोनों की आंखों से आंसू बहते है।
तभी नताशा के पापा दरवाज़ा खटखटाते है। मैं अंदर आ जाऊं। नताशा अपना हाथ अफ़ज़ल के हाथ से खींच लेती है। अफ़ज़ल कहता है ये क्या पूछ रहे है आप।
नताशा के पापा कहते है। मैने लड़के वालो को मना कर दिया है। नताशा की शादी वहीं होंगी, जहां वो चाहेगी।
नताशा अगर तुम अफ़ज़ल से शादी करके खुश हो। तो हम तुम्हारी खुशी में खुश है। पर शादी की मेरी वही शर्त है कि शादी नताशा के एम.कॉम पूरा होने के बाद होगी।
नताशा और अफ़ज़ल के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ जाती है।
अफ़ज़ल कहता है पर उसके लिए तुम्हे पहले ठीक होना पड़ेगा। लो मूंह मीठा करो। और चीजकेक निकाल कर नताशा को देता है। नताशा हमेशा की तरह एक टुकड़ा अफ़ज़ल के लिए छोड़ देती है।
अब अफ़ज़ल रोज़ शाम को नताशा से मिलने आता है। कभी कभी अफ़ज़ल की अम्मी भी मिलने आती है। दोनो साथ बैठ के चीजकेक खाते है। नताशा की हालत में अब कुछ सुधार है। दोनो घर शादी की तैयारियों में भी लग गए है।
एक महीने बाद नताशा कॉलेज जाने लगती है। अफ़ज़ल रोज नताशा को कॉलेज लेने आता है। अपनी बाइक पर बिठाकर घर छोड़ता है। नताशा को उसकी बाइक पर बैठना बहुत पसंद है। इसी बीच रुबीना के गर्भवती होने की खबर आती हैं। अफ़ज़ल और नताशा खूब सारे तोहफे लेकर रुबीना से मिलने जाते है। रुबीना कहती है कि निकाह मेरे प्रसव के बाद ही करना। क्युकी मुझे निकाह में खूब नाचना है।