बस एक झिझक एक सवाल करने तो चले है हम अपना हाल ए दिल बयां कहीं दर्द न छलक जाए नज़र ना आ जाए गम के निशान कहीं चाहत को बुंदे ना बरस जाए खुशी के लम्हों में भीगकर होश न कहीं खो जाए हाल ए दिल करने चले जो हम बयां कही एहसासों में ना इतना खो जाए जज़्बात दिल
प्रेम पर आधारित।
यह एक उत्तर भारत की प्रसिद्ध लोक कथा है ,इसी कथा से पति पत्नी का रिश्ता सात जन्म तक होता है कहा जाता है ,एक अप्सरा और गंधर्व की प्रेम कहानी है ,!!
एक ही कॉलोनी में अपने-अपने परिवारों के दायरे में सीमित रहने वाले दो युवा बाहर किसी अनजान शहर में दोस्तों की तरह मिलते हैं और कहा है किसी शायर ने-‘‘एक मंजिल राही दो फिर प्यार न कैसे हो ?‘‘ इसी एक मंजिल की ओर दोनों के कदम उन्हें ले चलते हैं, धन-दौलत के
हर बार कहती है क्यों नहीं? तुम इस बार भी क्यों नहीं? अंधेरे से जो बिखरे हैं रोशनी का निशान क्यों नहीं? रातों की खामोशी को सुनने की मजबूरी चिड़ियों की आवाजों की छन छन क्यों नही? वक्त ने बांधी है मेरे दिल की उड़ान भी इस वक्त से लड़ने की ताकत क्य
समिता - एक मिडिल क्लास पढ़ाकू और स्वाभिमानी लड़की, जिसके सपने बहुत बड़े तो है , लेकिन उसूलों के साथ। वह अपने उसूलों से कोई समझौता नही करती। और राज - एक अपर मिडिल क्लास का पढ़ाकू लड़का है, अमीर बनना चाहता है, इसलिये दायरे में रहकर जमीर से समझौता कर ही लेत
सुरैया के पिता का निधन हो जाने के बाद उसका इस दुनिया मे कोई नही रह गया , उसके पास इतने पैसे तक नही थे कि अपने पिता के शव को कफ़न से ढक सके, इकलौता घर होने के कारण किसी से मदद मिलने की संभावना भी नही थी अगर वह मदद बुलाने जाती है तो पीछे पिता के शव के
"मुझे इश्क है तुझी से".... एक ऐसी लड़की की कहानी है जो कॉलेज में जाने वाली अपने परिवार की पहली लड़की है कॉलेज में एक लड़का उसको बहुत प्यार करता है वह भी उस लड़के से प्यार करने लगी है स्वतंत्र विचारों की लड़की क्या घरवालों का विरोध कर पाएगी..........
इस कहानी के माध्यम से मैने अपने प्रेम के बारे में अपने हृदय में उठने वाले भावों को व्यक्त किया है।जिसका सीधा संबंध मेरे जीवन से है। इस कहानी में मैंने उस बात का जिक्र किया है जो मैं अपने प्यार से कहना चाहता था किंतु कह न पाया।
प्रेम का गुणगान संत-महात्मा, विद्वान सभी ने किया है। मीरा ने तो प्रेम में हंसते-हंसते ज़हर भी पी लिया। प्यार सुगंध है और प्यार में ही दुनिया के सारे रंग है।
इस पुस्तिका में मेरे सामाजिक परिवेश की परिस्थियों से प्रभावित छः काल्पनिक कहानियाँ है । आशा है ये कहानियाँ आपको पसंद आएंगी ।
प्रेम रस से भरी कविताएं जिसमे आज के जमाने का बेपनाह प्रेम को दर्शाया गया है। जिसमे एक निश्छल प्रेम का भाव दिखता है। जब एक लडकी को किसी लड़के से प्रेम होता हैं तो वह उस लड़के को अपना सब कुछ समझ लेती है। उसके नाम से भी प्रेम कर लेती हैं,और उसे हर जगह
प्यार जीवन का सबसे खूबसूरत एहसास है,इसी एहसास को, प्यार में घटने वाली घटनाओं को, कुछ सुनहरे पलों को,मेरे जज्बातों को प्रस्तुत पुस्तक में प्यार के रोमांचक सफर को कविताओं के स्वरूप में रेखांकित कर आपके साथ साझा कर रहा हुं. जैसे जैसे आप एक एक अध्याय से
--"तुम भी..." "तुम भी..."मेरी छठवीं कविता संग्रह है जो 'शब्द इन'पर आन लाइन लिखी जा रही है और वहीं से इन लाइन प्रकाशित भी होगी।यह संग्रह पूर्ण होने से पहले तक नि:शुल्क रहेगी जो पूर्ण होते ही सशुल्क कर दी जायेगी। संग्रह में संकलित मेरी
हिंदी के प्रथम काव्य संग्रह को आप सभी सुधि पाठकों के मध्य रखते हुए आग्रह करना चाहूंगा कि काश! हमारे इस प्रयास में हमारे हमसफर हो सकें- चलो तह को जी लें फज़ीहत से पहले। शव-ए-ग़म तो पी लें नसीहत से पहले।। वो शहर-ए-चरागाँ ..वो जोश-ए-तमन्ना। कई जांनशीं थे
Divyanjli Verma द्वारा लिखी गई ये किताब छोटी छोटी प्रेम कहानियो का संग्रह है।
यह किताब कहीं ना कहीं वास्तविक लोक से आपको जुड़ी हुई दिखाई देगी । अधिकांश कविताएं, शायरी, मुक्तक, नज़्म किसी न किसी अनुभव से प्रेरित है । जब भी आप पढ़ेंगे जुड़ाव जरूर महसूस होगा । स्वागत है आपका "रूप की डायरी" में
प्यार के रंग सनम का रहे ख्याल जाने वो दिल का हाल शैल सा बने मुश्किल मे ढाल प्यार तेरा मेरा बेमिसाल
ये कहानी है अंजली और अभिनव की जो समाज के रूढ़िवादी विचारों के चलते एक दूसरे से अलग हो गए। दोनों ने अपने परिवार को सम्मान देने के खातिर अपने प्यार की कुर्बानी दे दी। और एक दूसरे की ज़िंदगी से अलग हो गए। पर नियती को कुछ और ही मंजूर था। दोनों एक बार फिर
उर्दू ग़ज़ल का ये पहला गुलदस्ता आप दोस्तों की महफ़िल में रखता हूँ इस उम्मीद के साथ कि आप हमारी हौसला अफ़जाई ही नहीं करेंगे बल्कि हमारी कमियों को भी ज़रूर बतायेंगे। वो गुलाबी होंठ आंखें ..झील सी गहरी नशीली, वो हसीं सरगोशियां कातिल नज़र बातें रसीली। आसमा के