प्रथम पूज्य गणपति जी की मूर्ति स्थापना के साथ ही पर्यावरण और हमारी झीलों को खतरनाक रसायनों से बचा
आरती की ऐसी कहानी पढ़कर दिल का बेहद दुःखी होना एवम आँखों मे नमी आना स्वाभाविक था। लेकिन उस पत्र ने
घर आने के बाद मैंने जल्दी से कपड़े चेंज कर आरामदायक कपड़ो में बेड पर बैठकर लेटर को खोलने से पहले कि
पता नही किस्मत में क्या लिखा था। आरती किसी और की हो चुकी थी लेकिन इस तरह आरती का मेरी जिंदगी में
उस ट्रेन की घटना के ठीक 3 महीने बाद मेरा यू०पी०एस०सी० का एग्जाम था। मैंने पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित
आरती की सहेली स्वाति भी कुछ दिनों तक कोचिंग नही आई। लेकिन जब हफ़्तों के बाद कोचिंग मे स्वाति के दर
मेरे खुशी की सीमा नही थी। इस तरह से ये मेरा पहला जन्मदिन था। आरती ने मेरे जन्मदिन को सुपर स्पेशल
मैं उस दिन ब्लू कलर की टी-शर्ट, सफेद जीन्स, स्पोर्ट्स शूज, वॉच पहन के 12:35 पर कोचिंग पहुँचा... ब
दो हफ़्तों बाद आरती को क्लास मे देखकर सुकून आया, जान मे जान आया.. दो हफ़्तों मे आरती का सिले
वह दिवाली मेरी जिंदगी की सबसे बेहरतीन दीवाली थी, क्योंकि दीवाली के साथ साथ इतनी बड़ी खुशी जो नसीब