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प्रेरक-प्रसंग

hindi articles, stories and books related to Prerak-prasang


सुरभित सुशोभित रंग से,
शब्दों में है जीवन भरा,
जो रचे हर मायने,
जीवन भरी जैसे धरा,

☺️☺️ अजी हां हम सही कह रहे हैं हमको जिंदगी के इस संध्या बेला में तुम

जो मैं कह ना सका 
  जो मैं दिख ना सका 
 जो मैं सह ना सक

एक मेरे मित्र हैं उनकी पत्नी ही उनकी प्रेरणा रहीं हैं। उन्होंने जीवन में कई उपलब्धियाँ पायी हैं

नफ़रत लाख मिली मुझे चाहत नहीं मिली,

        हे सुधांशु ! कहां जा रहे हो? क्षण भर रूको जरा। कहते कहते दीनदयाल जी

बूढ़ा  बरगद ,जिसपर इठलाती ,बलखाती लता झूल रही थी ,चिड़ियों

                " कुएं कि आत्मा..."

           " एक नायिका ऐसी भी..."

     रंगमंच


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                अध्याय:-10


                     अध्याय:-9

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( अबतक आपने पढ़ा है कि सीता और प्रशांत कि शादी हुई फिर कुछ महीने बाद ही प्रशांत और उसके चाचा सूर्

"यह कहानी काल्पनिक है और इसका किसी दूसरे व्यक्ति विशेष से कोई संबंध नहीं है अतः आप इस कहानी को अप

गणेशा का हुआ है आगमन
दिन रात एक हुए स्वागत में उनके
देवा आए खुशियां लाए ।।<

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